क्या कोरोना वैक्सीन की वजह से हो रहे हैं हार्ट अटैक? डॉक्टर्स ने बताई वजह और बचाव के तरीके
हंसते-खेलते इंसान के अचानक मर जाने की वीडियोज अगर आपको भी डरा रहे हैं तो आप अकेले नहीं। हर किसी के दिमाग में सवाल है कि आखिर वजह क्या है। हमने बात की कुछ जाने-माने दिल के डॉक्टर्स से, जानें क्या बोले
लखनऊ में एक 26 साल की दुलहन जयमाल के वक्त अचानक गिर गई। अस्पताल ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। वजह सामने आई हार्ट अटैक। वाराणसी में शादी के दौरान मंदिर के बाहर डांस करते फूफा अचानक गिर गए और उनकी मौत हो गई। उनकी जान जाने का कारण भी दिल का दौरा था। मध्य प्रदेश के मंदिर में पूजा कर रहा शख्स काफी देर तक नहीं उठा। जब लोगों ने जाकर देखा तो वह अचानक बैठे-बैठे अपना प्राण खो चुका था। उम्र थी महज 35 साल। बीते काफी वक्त से ऐसे कई वीडियोज और खबरें सामने आ रही हैं। जो लोग शुरुआत में इसे सामान्य मान रहे थे, कहीं न कहीं उनके मन में भी डर आने लगा है। इन मौतों के पीछे क्या वजह हो सकती है, कोरोना, वैक्सीन या कुछ और...इन सवालों का जवाब तलाशने के लिए लाइव हिंदुस्तान ने बात की कुछ जाने-माने हार्ट स्पेशलिस्ट्स से।
न सुधरे तो होती रहेगी सडन डेथ
क्या 25 से 35 साल के उम्र के लोगों की अचानक मौत या हार्ट अटैक सामान्य घटना है? क्या पहले भी ऐसे केसेज आते रहे हैं और अब सोशल मीडिया की वजह से आम लोगों को ज्यादा पता चल पा रहा है? जब हमने सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट आरती दवे लालचंदानी से यह सवाल किया तो उनका जवाब था, अचानक मौत होना बहुत रेयर है और खासतौर पर युवाओं में तो न के बराबर। डांस और जिम करते वक्त सडन डेथ की वजह पर डॉक्टर आरती ने बताया कि इन लोगों में कोई न कोई क्लॉट पहले से होता है। एग्जर्शन के वक्त ब्लड सर्कुलेशन तेज होने पर यह टूटकर आगे बढ़ता है। यह लंग्स, ब्रेन या हार्ट कहीं फंसकर ब्लड सप्लाई रोक देता है तो सडन डेथ हो सकती है। डॉक्टर आरती ने बताया कि मेंटल स्ट्रेस लेने पर भी ऐसा होता है। साथ ही जिन लोगों का कोलेस्ट्रॉल कम है, इम्यूनिटी वीक है या एनीमिया है उनमें भी सडन डेथ का खतरा रहता है।
फास्टफूड नहीं, खा रहे हैं जहर
डॉक्टर आरती ने सलाह दी कि स्ट्रेस फाइट के लिए सुबह उठकर पूजा, हवन, यज्ञ, प्रार्थना या जिसमें आपको शांति मिले, करते रहना चाहिए। प्रिजर्व किए हुए चिकन, फास्टफूड, कोल्डड्रिंक्स वगैर से शरीर में खतरनाक केमिकल पहुंचते हैं। बड़े-बड़े आउटलेट्स में मिलने वाले फ्राइड चिकन जानवरों की डेडबॉडी होती है। इन्हें सड़ने से बचाने के लिए हार्ड केमिकल इस्तेमाल होते हैं। फूड्स से कई तरह के फंगस भी शरीर में पहुंच रहे हैं जो सडन डेथ की वजह है। जब तक आदतें नहीं बदलेंगे सडन डेथ होती रहेगी। डॉक्टर चंदानी ने कहा कि भारत के लोगों के शरीर में नमक की जरूरत भी होती है जिस पर लोगों का ध्यान नहीं जाता। विदेशी लोगों के खाने में सोडियम होता है जबकि भारत में हर खाना पकाकर ऊपर से नमक डालकर खाया जाता है। यहां लोग विदेशियों की नकल करके नमक कम खाने की सलाह देते और अमल करते हैं। सडन डेथ के 25 फीसदी लोगों में सोडियम की कमी मिलती है। हम भारतीय वेद-पुराणों के हिसाब से सूर्योदय से पहले उठकर, फल-सब्जियां खाकर सूर्यास्त के पहले डिनर करके वक्त से सोना शुरू करेंगे तो आराम से 90-100 साल जिया जा सकता है।
25 फीसदी की 2 घंटे में होती है मौत
वहीं मैक्स हॉस्पिटल नोएडा के सीनियर कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर अजय शर्मा ने बताया पहले भी 50 फीसदी से ज्यादा अटैक के केसेज 50 साल से कम उम्र के लोगों में आते थे। वहीं भारतीयों में पश्चिम के मुकाबले 10 से 15 साल पहले हार्ट प्रॉब्लम्स आती हैं। जिनको दिक्कत आती है उनमें से 25 फीसदी लोगों की 2 घंटे के अंदर मौत हो जाती है। ये कोविड के पहले भी रहा है।
कोविड का सिस्टम पर असर?
डॉक्टर अजय बताते हैं, प्रीमच्योर डेथ की सबसे बड़ी वजह दिल की बीमारी ही है। लेकिन हां कोविड के बाद ऐसे केसेज 10 परसेंट हार्ट प्रॉब्लम बढ़ी है। हालांकि यह बात साफ नहीं हो पाई कि जिनको कोविड हुआ है, जिनको दो बार कोविड हुआ है, उनके सिस्टम पर क्या असर पड़ा है। इसलिए यह ध्यान देने वाली बात है। हो सकता है कि क्लॉटिंग इफेक्ट बढ़ा हो। लोगों की लाइफस्टाइल भी वजह है। स्मोकिंग बढ़ी है। लोग हेल्थ चेकअप्स नहीं करवाते हैं। कभी-कभी हार्ट की मसल्स की दिक्कत होती है, उसकी वजह से मौत हो गई तो सीधे बोल देते हैं कि हार्ट अटैक आ गया। हमेशा हार्ट अटैक से अचानक डेथ नहीं होती।
क्यों बढ़े कोविड के बाद केसेज
कोरोना के बाद ऐसे केसेज क्यों बढ़ गए इस पर हैदराबाद के पल्स इंस्टिट्यूट के सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर एम एस एस मुखर्जी ने बताया, पेंडेमिक के दौरान लोगों का चलना-फिरना कम हुआ। एक्सरसाइज भी नहीं हुई। जंक फूड ज्यादा खाया जा रहा है। ये मेटाबॉलिक सिंड्रोम की मुख्य दो वजहें जिससे दिल की बीमारी होती है। इसके आलावा लोगों का साइकोलॉजिकल, सोशल और इकोनॉमिकल स्ट्रेस बढ़ा है।
क्या वैक्सीन है वजह?
वहीं कोविड की वजह से होने वाला इंडोथीलियल डैमेज क्लॉटिंग बढ़ाता है। डॉक्टर मुखर्जी से जब पूछा गया, क्या अचानक होने वाली इन मौतों की वजह वैक्सीन या बूस्टर डोज है? उन्होंने इस पर जवाब दिया, वैक्सीन के रोल पर आगे जांच होनी चाहिए पर अभी ऐसा कोई प्रमाण नहीं है जिसके आधार पर कहा जा सके कि भारत में कार्डिएक अरेस्ट वैक्सीन की वजह से हो रहे हैं। डॉक्टर अजय ने भी कहा कि वैक्सीन का इन केसेज से कोई लेना-देना नहीं है।
कोविड है रिस्क फैक्टर
डॉक्टर मुखर्जी ने यह भी कहा कि जरूरी नहीं है कि जिसको कोविड हुआ उसे दिल की बीमारी हो ही जाएगी। कोविड रिस्क फैक्टर्स में से एक है। उन्होंने कहा कि रिस्क बढ़ने की वजह जो भी हो इससे बचाव के तरीके ही अपनाने होंगे जो कि रेग्युलर एक्सरसाइज, सोच-समझकर खाना, स्ट्रेस कम लेना, हापरटेंशन, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल पर पूरी तरह कंट्रोल करना होगा।
कराएं ये चेकअप
ईसीजी
ईको
टीएमटी
कोलेस्ट्रॉल, शुगर, लिपिड प्रोफाइल, ब्लड प्रेशर इनकी मॉनिटरिंग करें। (डॉक्टर की सलाह पर ही चेकअप करवाएं)
ये लक्षण दिखें तो न करें इग्नोर
सीने में दर्द हो तो इसे गैस या कोई और वजह समझकर इग्नोर न करें। डॉक्टर से सलाह लेकर प्रिवेंटिव चेकअप करवा लें। सांस लेने में दिक्कत हो। हार्टबीट तेज हो। चक्कर आए, पैरों में सूजन हो और मेहनत करने पर अगर सीने में दर्द हो तो डॉक्टर से जरूर मिलें।
क्या सलाह देते हैं डॉक्टर
बेसिक चेकअप कराएं। इसके बाद उसका बचाव प्लान करें। रोजाना 45 मिनट ब्रिस्क वॉक करें। तनाव कम लें। थोड़ा वक्त अपनी हॉबी के लिए भी निकालें। खुश रहें। हेल्दी डायट लें, जंक फूड से बचें और स्मोकिंग न करें, शराब न पिएं। साथ ही सोशल मीडिया पर वायरल खबरों से बेवजह पैनिक न करें बल्कि कोई शक है तो डॉक्टर से मिलें।