खांसी-बुखार में दिख रहें H3N2 के लक्षण तो ना लें खुद से एंटीबायोटिक, इस तरह से करे बचाव
संक्षेप: दिल्ली और एनसीआर समेत भारत में खांसी और बुखार की समस्या लोगों में देखने को मिल रही है। जिसे लेकर इंडियन मेडिकल रिसर्च एसोसिएशन ने बताया की सांसों से जुड़ी ये तकलीफ इंफ्लूएंजा वायरस का सब टाइप H3N2 है।

भारत में खांसी-बुखार की समस्या तेजी से फैल रही है। राजधानी दिल्ली-एनसीआर के साथ देश के ज्यादातर हिस्सों में इंफ्लूएंजा के सबटाइप H3N2 वायरस का प्रकोप दिख रहा है। इस समस्या को देखते हुए इंडियम मेडिकल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने एडवाइजरी भी जारी की है। जिसमे खुद से बचाव के तरीके सुझाए गए हैं। वहीं खांसी-बुखार की इस समस्या के लिए डॉक्टरों ने मौसम को जिम्मेदार ठहराया है। डॉक्टरों के मुताबिक सुबह और रात को ठंड के साथ दिन में भयंकर गर्मी हो रही है। मौसम का इस तरह के अचानक बदलना लोगों के लिए समस्या बन रहा है। खासतौर पर बच्चे खांसी और बुखार से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। इसलिए बचाव जरूरी है। इसके लिए आईसीएमआर ने क्या करें और क्या ना करें बताया है।
हो रही ये समस्याएं
बढ़ते प्रदूषण के साथ इस मौमस में लोगों में बुखार के साथ ही ये सारी दिक्कते भी हो रही हैं। जिसमे
खांसी
जी मिचलाना
उल्टी
गले में दर्द
बदन दर्द
डायरिया शामिल हैं।
इन सारे लक्षणों के दिखने पर जरूरी है कि आईसीएमआर के बताए गए बचाव के तरीकों को जरूर फॉलो करें।
क्या करें
इंफ्लूएंजा के सबटाइप से बचाव के लिए हाथों को साबुन से साफ करते रहें।
अगर खांसी-बुखार के साथ ये लक्षण दिख रहे हैं तो-
हमेशा मास्क पहनकर रखें और भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें
अपने मुंह और नाक को ना छूएं
खांसते और छींकते समय नाक और मुंह को अच्छी तरह से ढंककर रखें।
शरीर में पानी की कमी ना होने दें। लिक्विड पदार्थों के साथ पानी ढेर सारा पिएं।
बुखार और बदनदर्द होने पर पैरासिटामॉल ले सकते हैं।
क्या ना करें
आईसीएमआर ने बचाव के लिए ये ना करने की सलाह दी है।
बुखार-खांसी जैसे लक्षण होने पर किसी से भी हाथ मिलाने या पब्लिक में मिलने से बचें।
पब्लिक प्लेस पर ना थूकें।
खुद से दवाईयां खाने से बचें।
केवल डॉक्टर की सलाह के बाद ही एंटीबायोटिक और दूसरी दवाईयां खाएं।
किसी दूसरे के साथ बिल्कुल पास बैठकर ना खाएं।
डॉक्टरों को दी ये सलाह
आम लोगों के साथ ही आईएमए ने डॉक्टरों को भी सलाह दी है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अनुसार किसी भी मरीज को एंटीबायोटिक देने से पहले कंफर्म कर लें कि ये बैक्टीरियल इंफेक्शन है या नहीं। क्योंकि ज्यादातर मामलों में बुखार, खांसी, गले का दर्द और बदन दर् हो रहा है जो कि इंफ्लूएंजा के केस हैं। जिसमे एंटीबायोटिक की जरूरत नहीं पड़ती है।

लेखक के बारे में
Aparajitaलेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




