क्या हार्ट अटैक के दौरान नॉर्मल हो सकता है आपका ECG? जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ
Can ECG be normal during a heart attack: ज्यादातर मामलों में ईसीजी दिल के दौरे का निदान करने में मदद कर सकता है लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि कई बार यह ऐसा करने में विफल हो जाता है। आइ

Can ECG be normal during a heart attack: अचानक सीने में उठा दर्द कई बार हार्ट अटैक का संकेत माना जाता है। जिसका पता लगाने के लिए लोग ईसीजी का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं दिल का दौरा पड़ने पर भी आपका ईसीजी सामान्य हो सकता है? जी हां, यह बात सच है। ज्यादातर मामलों में दिल के दौरे का पता लगाने में ईसीजी मदद कर सकता है लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि कई बार यह ऐसा करने में विफल हो जाता है। आइए जानते हैं इसके पीछे क्या संभावित कारण हो सकते हैं।
क्या है ईसीजी-
इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम ( ईसीजी या ईकेजी) का उपयोग डॉक्टरों द्वारा किसी व्यक्ति की हृदय गति और लय की जांच के लिए किया जाता है। यह परीक्षण डॉक्टरों को दिल का दौरा , हृदय रोग, किसी भी असामान्य हृदय ताल, या दिल के साइज के बढ़े हुए होने का पता लगाने में मदद करता है। ज्यादातर मामलों में ईसीजी दिल के दौरे के प्रकार के आधार पर डॉक्टरों को सही उपचार निर्धारित करने में मदद करता है। जिसकी वजह से रोगी को हार्ट अटैक से बचाया जा सकता है। इस दौरान किए गए मेडिकल टेस्ट दिल की विद्युत गतिविधि को रिकॉर्ड करते हैं। ईसीजी इन विद्युत संकेतों को मापने का काम करता है। बावजूद इसके कई बार ईसीजी दिल के दौरे का पता लगाने में विफल रहता है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ गौरव गांधी का मंगलवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।डॉ गौरव को रात 2 बजे सीने में तकलीफ महसूस हुई। जिसके बाद उन्होंने अपना ईसीजी करवाया जो सामान्य आया था। जिसके बाद डॉ गांधी ने इन लक्षणों को एसिडिटी का मानकर एक इंजेक्शन ले लिया और कुछ देर अस्पताल में रहने के बाद वह वापस घर आ गए। जिसके बाद खबर आई कि डॉ गौरव गांधी सुबह छह बजे अपने बाथरूम के फर्श पर गिरे मिले।
क्या हार्ट अटैक के दौरान ईसीजी नॉर्मल हो सकता है?
अगर आप भी इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो इसका जवाब है 'हां'। बता दें, 70 प्रतिशत मामलों में जब कोई मरीज दिल के दौरे की शिकायत के साथ अस्पताल में आता है, तो उसका शुरूआती ईसीजी सामान्य नहीं होता है, लेकिन 30 प्रतिशत मामलों में ईसीजी सामान्य हो सकता है। यही वजह है कि रोगी को लगता है कि वो ठीक हैं और अपने घर जा सकता है। चिंता की बात यह है कि यह सच नहीं होता है। जिन रोगियों के हार्ट में ज्यादा ब्लॉकेज होती हैं या फिर जिन्हें बड़ा दिल का दौरा पड़ा होता है उनकी पहली बार में ईसीजी रिपोर्ट सामान्य हो सकती है।
ऐसे में डॉक्टरों को चाहिए कि वो रोगी को अस्पताल में ही रखकर उसकी ईसीजी रिपोर्ट को 2-3 घंटे तक हर 15-30 मिनट के नियमित अंतराल पर चेक करता रहे। इसके अलावा रोगी को भी बार-बार होने वाले ईसीजी और अन्य आवश्यक जांच जैसे ईसीएचओ और रक्त परीक्षण के लिए कुछ समय अस्पताल में ही रहना चाहिए। एच टी से बातचीत करते हुए डॉ. वी. विनोथ कुमार, सीनियर कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, केयर हॉस्पिटल्स, हाई-टेक सिटी, हैदराबाद के अनुसार कई बार रोगी की रिपोर्ट सामान्य हो सकती है और केवल कोरोनरी एंजियोग्रामसीने के जरिए भी दर्द के कारणों कापता लगाया जा सकता है।
डॉ. दीक्षित गर्ग (सलाहकार - कार्डियोलॉजी, मणिपाल अस्पताल, गुरुग्राम) कहते हैं, दिल का दौरा, जिसे मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन भी कहा जाता है, दिल के एक हिस्से में रक्त की आपूर्ति गंभीर रूप से कम हो जाती है या पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाती है। यह रुकावट आमतौर पर रक्त के थक्के के कारण होती है जो कोरोनरी धमनी में बनती है। ऐसे में इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) दिल की विद्युत गतिविधि को मापने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक मेडिकल टेस्ट और दिल के दौरे के निदान में एक महत्वपूर्ण उपकरण हो सकता है। हालांकि, कुछ मामलों में दिल के दौरे के दौरान ईसीजी का सामान्य दिखाई देना संभव है।
एच टी से बातचीत के दौरान डॉ गर्ग बताते हैं कि कई बार दिल के दौरे के कई ऐसे उदाहरण देखे गए हैं, जिसमें ईसीजी कई तरह के परिवर्तन दिखाता है, जो एक समस्या संकेत देते हैं। इन परिवर्तनों में एसटी-सेगमेंट एलिवेशन, एसटी-सेगमेंट डिप्रेशन, या असामान्य क्यू-वेव्स की उपस्थिति शामिल हो सकती है। ईसीजी की ये असामान्यताएं बताती हैं कि रोगी को दिल का दौरा पड़ रहा है या हाल ही में पड़ा है। बावजूद इसके ऐसी स्थितियां भी होती हैं जहां दिल के दौरे के दौरान ईसीजी सामान्य हो सकता है। यह घटना दिल के दौरे के शुरुआती चरणों में या कुछ विशेष परिस्थितियों में होने की अधिक संभावना है।
क्यों दिल का दौरा पड़ने पर ईसीजी सामान्य दिखाई दे सकता है-
समय-
दिल के दौरे के प्रारंभिक चरणों में अगर ईसीजी लिया गया हो तो वो सामान्य दिखाई दे सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ईसीजी पर विद्युत परिवर्तन स्पष्ट होने में समय लगता है।
हृदय रोग-
हृदय रोग के मामले में ईसीजी बिल्कुल सामान्य हो सकता है। अगर रोगी की तीनों धमनियों में ब्लॉकेज हो जाती हैं तो भी उसका ईसीजी बिल्कुल सामान्य हो सकता है।
साइलेंट हार्ट अटैक-
कुछ दिल के दौरे 'साइलेंट' या 'एसिम्प्टोमैटिक' हो सकते हैं, जिसका अर्थ है कि व्यक्ति दिल के दौरे के सामान्य लक्षणों का अनुभव नहीं करता है। इन मामलों में, ईसीजी सामान्य हो सकता है। ये परिवर्तन इतने सूक्ष्म हो सकते हैं कि इनका आसानी से पता नहीं चल पाता है।