अमिताभ बच्चन को पसलियों की चोट से ज्यादा दर्द दे रहा कैलस, जानें इसके कारण और बचाव
Amitabh Bachchan In Pain Because Of Callus Growth: अमिताभ बच्चन को पसलियों से भी ज्यादा दर्द दे रहा तलवों में हुआ कैलस। जानें आखिर क्यों हो जाता है कैलस और क्या है इससे बचने का सही तरीका।

अमिताभ बच्चन अक्सर ब्लॉग के जरिए फैंस के साथ बातचीत करते रहते हैं। कई सारी जानकारियों के साथ वो अपने हेल्थ की अपडेट भी दे देते हैं। कुछ हफ्तों पहले रिब में लगी चोट की वजह से अमिताभ बच्चन काफी दर्द में थे। वहीं अब उन्होंने अपनी नई तकलीफ के बारे में फैंस को बताया है। अपने ब्लॉग में अमिताभ बच्चन ने लिखा है पसलियों का दर्द जारी है और अब ये दर्द पैरों की तरफ बढ़ गया है। पैरों के अंगूठे में कैलस हो गया है। कैलस के नीचे छाला भी हुआ है। जिससे वो काफी ज्याद परेशान हैं।
अमिताभ बच्चन ने बताया दर्द कम करने के लिए किया ये काम
अमिताभ बच्चन ने ब्लॉग में ये भी बताया कि इस दर्द को कम करने के लिए उन्होंने गुनगुने पानी में पैर भी डुबोया। लेकिन ये उपाय बेअसर साबित हुआ। ब्लॉग में लिखते हैं कि इससे पहले उन्होंने इस तरह का भयंकर दर्द नहीं झेला है। ये दिक्कत उन्हें रातभर में ही बढ़ गई जिसका कारण कैलस को नजरअंदाज करना है।
क्या है कैलस
-कैलस एक तरह की कील या गांठ है जो शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। लेकिन ज्यादातर ये पैर के तलवों में देखने को मिलती है। कैलस स्किन का ही हिस्सा होता है जो लगातार रगड़ या घर्षण, दबाव की वजह से मोटा हो जाता है।
-पीले रंग का कैलस छूने में बिल्कुल किसी सख्त गिट्टी जैसा फील देता है।
-कॉर्न्स और कैलस में अंतर होता है। कैलस बड़े और चौड़े होते हैं।
कॉर्न्स और कैलस में अंतर
-कॉर्न डेड स्किन की वजह से बन जाता है। जिसे आम भाषा में मकई कहते हैं।
-हार्ट कॉर्न्स छोटे-मोटे होते हैं जबकि सॉफ्ट कॉर्न्स सफेद और रबड़ जैसे मुलायम होते हैं।
कैलस होने के कारण
-कैलस किसी खास स्किन पर लगातार दबाव पड़ने और रगड़ की वजह से हो जाता है।
-अगर आप बिना मोजों के जूते पहनते हैं तो कैलस होने की ज्याद संभावना रहती है।
-हाथों पर कैलस होने का कारण कड़े हथियार जैसे हथौड़ी इस्तेमाल करने, लिखने या फिर किसी इंस्ट्रूमेंट को बजाने की वजह से हो जाता है।
-कैलस बहुत ज्यादा फिटिंग जूते या ढीले जूते पहनने की वजह से हो जाता है।
कैलस के लक्षण
-कैलस और कॉर्न्स होने पर ऐसा लगता है जैसे कि पत्थर पर इंसान चल रहा हो।
-त्वचा पर सख्त और उभरी गांठ
-सूखी, परतदार त्वचा
-त्वचा के नीचे दर्द और सॉफ्टनेस
-अगर कैलस से किसी तरह का लिक्विड निकलता है तो फौरन डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि ये गंभीर इंफेक्शन का संकेत होते हैं।
इन लोगों को बरतनी चाहिए सावधानी
कैलस और कॉर्न्स होने पर डायबिटीज के रोगी, न्यूरोपैथी, हार्ट पेशेंट को खासतौर पर सावधानी रखनी चाहिए। कैलस के दर्दनाक होने पर फौरन डॉक्टर की सलाह जरूरी होती है।
बिना दर्द वाले कैलस के लिए घरेलू उपचार
-अगर कैलस केवल सख्त त्वचा की तरह है तो इस पर कुछ घरेलू उपचार किए जा सकते हैं।
-इस पर लिक्विड कॉर्न रिमूवर लगाएं
-पैरों-हाथों को गुनगुने साबुन पानी में भिगोएं। इससे कैलस नर्म होकर निकल जाता है।
-मोटी त्वचा को हटाने के लिए झावां, नेल फाइलर या वाशक्लॉथ का इस्तेमाल कर सकते हैं।
-स्किन पर मॉइश्चराइजर लगाएं और आरामदायक मोजे और जूते पहनें।