Purple day 2025: एपिलेप्सी के सही इलाज के लिए बेहद जरूरी है जागरुकता, जानें क्या है पर्पल डे Purple day 2025 know about epilepsy symptoms and its treatment awareness need in india, हेल्थ टिप्स - Hindustan
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Purple day 2025: एपिलेप्सी के सही इलाज के लिए बेहद जरूरी है जागरुकता, जानें क्या है पर्पल डे

What is Purple Day 2025: पर्पल डे क्या है और इसका मिर्गी से क्या कनेक्शन है। साथ ही आखिर क्यों जरूरी है मिर्गी जैसी बीमारी और उससे भी ज्यादा जरूरी है उसके इलाज के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाना।

Aparajita लाइव हिन्दुस्तानWed, 26 March 2025 11:57 AM
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Purple day 2025: एपिलेप्सी के सही इलाज के लिए बेहद जरूरी है जागरुकता, जानें क्या है पर्पल डे

26 मार्च को दुनियाभर में पर्पल डे मनाया जाता है। जिसका एकमात्र उद्देश्य मिर्गी की बीमारी को लेकर लोगों में जागरुकता पैदा करना है। इस दिन लोग बैंगनी रंग के कपड़े पहनकर इकट्ठा होते हैं और इवेंट ऑर्गनाइज करते हैं। जिससे लोगों को मिर्गी की बीमारी से जुड़े मिथकों के प्रति जागरुक किया जा सके। दरअसल, मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है लेकिन ज्यादातर लोगों के इस बीमारी और उससे जुड़े इलाज को लेकर गलतफहमियां रहती हैं। जिसे दूर करने के लिए ही 9 साल के कैनेडियन कैसिडी मेगन ने 2008 में पर्पल डे मनाने का आइडिया डेवलप किया। दरअसल, वो अपने मिर्गी से जुड़े संघर्षों से प्रेरित होकर दुनियाभर में मिर्गी से जुड़े मिथकों को दूर करना चाहता था।

भारत में मिर्गी की स्थिति

भारत में मिर्गी की बीमारी की स्थिति काफी चिंताजनक है। यहां आज भी गांव-देहात ही नहीं बल्कि शहरों में भी मिर्गी की बीमारी को जादू-टोना, झाड़-फूंक और ओझा से ठीक करवाने जाते हैं। जिसकी वजह से बीमारी कभी ठीक नहीं हो पाती और मरीज की स्थिति बिगड़ती जाती है। लोगों को मिर्गी की बीमारी के साथ उसके इलाज को लेकर जागरुकता के लिए पर्पल डे भारत में भी मनाया जाता है।

क्या है मिर्गी की बीमारी

मिर्गी यानी एपिलेप्सी एक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है, जिसकी वजह से भारत में ही लाखों लोग प्रभावित हैं। लगातार बिना किसी वजह के दौरे आना को गलत समझा जाता है। जबकि इन दौरों का कारण दिमाग में अचानक इलेक्ट्रिकल एक्टीविटी में गड़बड़ी होना होता है। मिर्गी के दौरे अलग-अलग तरीके के हो सकते हैं। पूरे शरीर में अकड़ने के अलावा कई बार केवल ध्यान लगाने में दिक्कत होने तक ही सीमित रह सकता है। मिर्गी के दौरे अलग-अलग वजहों से ट्रिगर करते हैं जिसमे दिमाग में चोट लगने, जेनेटिक्स, इंफेक्शन या फिर दूसरी हेल्थ कंडीशन शामिल होती है।

कैसे फैलाएं मिर्गी की बीमारी को लेकर जागरुकता

-पर्पल डे के दिन लोगों को पर्पल रंग के कपड़े पहनकर इस दिन मिर्गी के प्रति जागरुकता पर बात करें।

-सोशल मीडिया प्लेटफार्म एपिलेप्सी के प्रति जागरुकता फैलाने का स्ट्रांग माध्यम है।

क्या मिर्गी के दौरे में इलाज इफेक्टिव है?

मिर्गी के दौरे को ठीक करने के लिए न्यूरोलॉजी में इलाज है। जिसकी मदद से लगभग 70 प्रतिशत तक केस ठीक हो सकते हैं। जिनमे एंटी सीजर दवाओं के साथ ही दूसरे ट्रीटमेंट्स जैसे डायटरी थेरेपी, न्यूरोमॉड्यूलेशन डिवाइस और सर्जरी की मदद ली जाती है। जिससे दौरों को कंट्रोल कर लाइफ को काफी हद तक नॉर्मल बनाया जा सकता है।

जरूरी है पूरा इलाज

काफी सारे लोग मिर्गी के ट्रीटमेंट को अधूरा ही छोड़ देते हैं। जिसका कारण कई बार सामाजिक होता है तो वहीं कई बार तत्काल दौरों में सुधार ना होता देखकर लोग दवाओं को छोड़ देते हैं बल्कि मिर्गी की बीमारी का पूरा ट्रीटमेंट कोर्स करना जरूरी होता है। जिससे दवाओं का असर बेअसर ना हो।

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