
पहली बार करवाचौथ का व्रत रखते समय इन 5 बातों का रखें ध्यान, महसूस नहीं होगी कमजोरी
संक्षेप: Karwachauth Fasting Tips : पहली बार करवाचौथ का व्रत रखते समय महिलाओं को कुछ खास बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए ताकि उन्हें व्रत के दौरान किसी तरह की कमजोरी ना महसूस हो। तो आइए जान लेते हैं कैसे करवाचौथ के व्रत को आसान और सुरक्षित बनाया सकता है।
करवाचौथ 2025 का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए खास महत्व रखता है। ये मौका तब ज्यादा स्पेशल हो जाता है, जब कोई महिला प्यार और आस्था से भरे इस व्रत को पहली बार रख ही हो। यह निर्जला व्रत पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाता है। बता दें, करवा चौथ का व्रत इस बार 10 अक्टूबर को रखा जाएगा। ऐसे में पहली बार करवाचौथ का व्रत रखते समय महिलाओं को कुछ खास बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए ताकि उन्हें व्रत के दौरान किसी तरह की कमजोरी ना महसूस हो। तो आइए जान लेते हैं कैसे करवाचौथ के व्रत को आसान और सुरक्षित बनाया सकता है।

पहली बार करवाचौथ का व्रत रखते समय ध्यान रखें ये बातें
शरीर को करें तैयार
करवाचौथ व्रत से एक-दो दिन पहले ही अपने शरीर को व्रत के लिए तैयार करना शुरू कर दें। इसके लिए डाइट में हल्का और पौष्टिक भोजन जैसे फल, सब्जियां, दाल और साबुत अनाज शामिल करें। तला-भुना, मसालेदार या भारी भोजन खाने से बचें। खूब पानी पिएं ताकि शरीर हाइड्रेट बना रहे।
अच्छी नींद
करवाचौथ से पहले रात को अच्छी नींद लें ताकि आप अगले दिन फ्रेश फील कर सकें।
सरगी का महत्व
व्रत शुरू करने से पहले सास द्वारा दी गई सरगी का सेवन जरूर करें। बता दें, सरगी सुबह 4-5 बजे के बीच लें, क्योंकि इसके बाद निर्जला व्रत शुरू हो जाता है। सरगी में फल, मेवे, मिठाई, पूरी, सब्जी और दूध से बनी चीजें शामिल करें। इसमें प्रोटीन और फाइबर युक्त चीजें जैसे दही, बादाम, और फल लें, जो दिनभर आपकी ऊर्जा को बनाए रखेंगे। नारियल पानी या जूस पीने से शरीर का हाइड्रेशन बना रहता है।
व्रत खोलने का सही तरीका
करवाचौथ का चांद देखकर पूजा करने के बाद व्रत को सही तरीके से खोलें। व्रत खोलते के बाद तुरंत फ्राइड या हैवी भोजन ना करें। ऐसा इसलिए क्योंकि लंबे समय तक भूखे रहने के बाद पेट संवेदनशील होता है। व्रत खोलने से पहले थोड़ा सा पानी पीकर शरीर को सामान्य करें।
डॉक्टर की सलाह
अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या जैसे डायबिटीज, कमजोरी या बीपी है, तो व्रत के दौरान सावधानी बरतें। डॉक्टर की सलाह के बाद ही व्रत रखें। चक्कर, कमजोरी या सिरदर्द होने पर तुरंत व्रत खोलते हुए पानी पी लें। गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएं व्रत रखने से बचें या फलाहारी व्रत रखें। ऐसी महिलाएं अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार व्रत करें।

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