इन 5 लोगों को भूलकर भी नहीं पानी चाहिए तांबे के बर्तन का पानी, ये होते हैं नुकसान
Side effects of drinking copper bottle water: कुछ लोगों को तांबे के बर्तन का पानी पीने की मनाही होती है। ऐसा करने से उनकी सेहत को फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। आइए जानते हैं आखिर क्या है तांबे के बर्तन में पानी पीने की सही समय और किन लोगों को तांबे के बर्तन में पानी पीने से परहेज करना चाहिए।
Side effects of drinking copper bottle water: आयुर्वेद के अनुसार तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से सेहत को कई गजब के फायदे मिलते हैं। यही वजह है कि लोग सदियों से तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते आ रहे हैं। आयुर्वेद की मानें तो तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से पेट से जुड़ी समस्याओं से निजात मिलने के साथ शरीर में वात, पित्त और कफ का संतुलन सही बना रहता है। बता दें, तांबा एक ऐसी धातु है जो कि आपके शरीर को रेड ब्लड सेल्स (RBC's) को बनाने में मदद करती है। साथ ही तंत्रिका कोशिकाओं और आपके इम्यून सिस्टम को स्वस्थ बनाकर कोलेजन,हड्डियों और टिशूज को भी बनाने में मदद करता है। सेहत के लिए इतना फायदेमंद होने के बावजूद क्या आप जानते हैं कुछ लोगों को तांबे के बर्तन का पानी पीने की मनाही होती है। ऐसा करने से उनकी सेहत को फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। आइए जानते हैं आखिर क्या है तांबे के बर्तन में पानी पीने की सही समय और किन लोगों को तांबे के बर्तन में पानी पीने से परहेज करना चाहिए। लेकिन उससे पहले जान लेते हैं आखिर क्या होता है कॉपर चार्ज्ड वॉटर।
क्या होता है कॉपर चार्ज्ड वॉटर?
तांबे के बर्तन, बोतल या जग में पानी भरकर उसे आठ घंटे के लिए छोड़ दिया जाता है और अगले दिन सुबह इस पानी को पीते हैं तो इस प्रक्रिया को ऑलिगोडायनेमिक इफेक्ट कहते हैं, जिसमें तांबे के गुण पानी में मिल जाते हैं। यही पानी ताम्र जल या कॉपर चार्ज्ड वॉटर कहलाता है। तांबा पानी में मौजूद कई प्रकार के बैक्टीरिया को खत्म कर उसे शुद्ध बनाता है। हालांकि बारह घंटे से ज्यादा रखे हुए तांबे के पानी को न पीने की सलाह हमेशा दी जाती है।
तांबे के बर्तन का पानी पीने के नुकसान-
कॉपर टॉक्सिसिटी-
यदि आप दिन भर तांबे की बोतल या बर्तन में रखा पानी पीते रहते हैं, तो आपकी बॉडी में कॉपर टॉक्सिसिटी हो सकती है। शरीर में कॉपर की मात्रा बढ़ने से व्यक्ति को गंभीर मतली, चक्कर आना, पेट दर्द के साथ लिवर और किडनी के फेल होने का खतरा भी हो सकता है।
विल्सन डिजीज-
शरीर में तांबे की अधिकता होने से व्यक्ति के लिए विल्सन डिजीज का खतरा भी बढ़ जाता है। इस समस्या में आंख, लिवर, ब्रेन और शरीर के कई अंगों में तांबा जमा हो जाता है। ऐसे में आप तांबे के बर्तन का यूज करेंगे तो स्थिति गंभीर हो जाएगी।
एसिडिटी-
कई घंटे तांबे के बर्तन में पानी स्टोर करके रखने से उसकी तासीर गर्म हो जाती है। जिससे व्यक्ति को एसिडिटी की समस्या ट्रिगर कर सकती है। ऐसे में अगर आप पहले से ही एसिडिटी से परेशान रहते हैं तो तांबे के बर्तन का पानी सीमित मात्रा या ना करें।
किडनी पेशेंट-
जरूरत से ज्यादा तांबे का पानी पीने से किडनी पेशेंट की सेहत के लिए भी खतरा पैदा हो सकता है। ऐसे किडनी रोगी जिनके पैरों में सूजन है या फिर वो डायलिसिस पर हैं, उनके लिए तांबे का पानी हानिकारक हो सकता है।
दिल से जुड़ी समस्या-
तांबे का पानी सभी दिल के रोगियों के लिए अच्छा नहीं होता है। ऐसे पेशेंट जिनकी सांस फूलती है, जो थोड़ी दूर चलने में हांफने लगते हैं उन्हें तांबे का पानी नहीं पीना चाहिए। ऐसे लोगों को तांबे के बर्तन का पानी पीने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
क्या है तांबे का पानी पीने का सही समय?
सुबह खाली पेट तांबे का पानी पीने का सही समय होता है।
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