सेहत से जुड़े कई राज खोल देती है पेशाब, जानें कितनी बार यूरिन पास करने का क्या है मतलब
अगर आपको लगता है कि आपको नॉर्मल से अधिक बार पेशाब आता है तो इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। अगर आपको पेशाब की गिनती सामान्य से ज्यादा या बहुत कम लगे तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

अपनी सेहत का हाल जानने के लिए व्यक्ति आमतौर पर डॉक्टर के पास जाता है या फिर खून से जुड़ी जांच करवाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं दिनभर में आप कितनी बार पेशाब जाते हैं, इस बात से भी आपकी सेहत से जुड़े कई राज खुल जाते हैं। एक सामान्य व्यक्ति के लिए दिनभर में 6 से 7 बार पेशाब जाना ठीक होता है। जबकि इससे ज्यादा या कम यूरिन पास करने पर आपको यूटीआई, मधुमेह या डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।
सेहतमंद व्यक्ति कितनी बार जाता है पेशाब
व्यक्ति की बाथरूम हैबिट्स उसकी सेहत से जुड़ी कई बातों का खुलासा करती हैं। शरीर के अंगों का ठीक से काम करने और ना करने का पता आमतौर पर उसके यूरिन पास करने की गिनती से चल जाता है। औसतन, एक स्वस्थ व्यक्ति दिनभर में 6-7 बार पेशाब करता है।
हार्मोनल परिवर्तन, मूत्राशय पर दबाव की वजह से भी कई बार पेशाब करने की गिनती में बदलाव आ सकता है। गर्भवती महिलाओं में अस्थायी मूत्राशय नियंत्रण की समस्या आम होती है। जो आमतौर पर बच्चे को जन्म देने के 8 हफ्ते बाद तक ज्यादा बनी रहती है। इसके अलावा आप दिनभर में कितना पानी पीते हैं, दवाओं का सेवन भी बार-बार पेशाब की गिनती को बढ़ा सकता है।
पेशाब की गिनती को प्रभावित करने वाले कारण
-आयु
-मूत्राशय का आकार
-तरल पदार्थ का सेवन
-आहार
-शराब और कैफीन का सेवन
-उच्च रक्तचाप, मधुमेह, और यूटीआई
-कुछ दवाएं
-शारीरिक गतिविधि
बार-बार पेशाब आने का क्या मतलब है?
अगर आपको लगता है कि आपको नॉर्मल से अधिक बार पेशाब आता है तो इसके पीछे ये कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।
1-अधिक तरल पदार्थ का सेवन-कैफीन या अल्कोहल जैसे अधिक पानी वाले पेय पदार्थ पीने से बार-बार पेशाब आने की समस्या हो सकती है।
2-यूटीआई-अगर आपको पेशाब करते समय नीचे जलन महसूस होती है तो यह यूटीआई का संकेत हो सकता है।
3-मधुमेह- बार-बार पेशाब आना मधुमेह का लक्षण भी हो सकता है।
4-गर्भावस्था- गर्भवती महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन और मूत्राशय पर दबाव पड़ने के कारण भी उन्हें बार-बार पेशाब आने की समस्या होती है।
पेशाब कम आने के पीछे की वजह
पेशाब कम आने के पीछे ये कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। जिसमें निर्जलीकरण, किडनी संबंधी समस्याएं और मूत्रीय अवरोधन (एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति अपने मूत्राशय को पूरी तरह से खाली नहीं कर पाता) शामिल होते हैं।
कब जरूरी होती है डॉक्टरी सलाह
-अगर आपको पेशाब की गिनती सामान्य से ज्यादा या बहुत कम लगे तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
-इस बात का भी ध्यान रखें कि, एक हेल्दी व्यक्ति के यूरिन का रंग हल्का पीला होता है। ऐसा ना होने पर भी सचेत रहना चाहिए।
-पेशाब करते समय किसी तरह का दर्द या असुविधा महसूस हो या पेशाब में खून आ रहा हो, तो भी डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
ब्लैडर को हेल्दी रखने के लिए अपनाएं ये टिप्स
-रोजाना 8-10 गिलास पानी पिएं।
-कैफीन जैसे पेय पदार्थों का सेवन सीमित करें।
-शराब का अधिक सेवन करने से बचें।
-पेल्विक फ्लोर व्यायाम करने से मूत्राशय पर कंट्रोल अच्छा हो सकता है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।