
गट हेल्थ को हमेशा सही रखना चाहते हैं तो डॉक्टर के बताए इन किचन हर्ब्स को जरूर खाएं
संक्षेप: Harvard trained doctor suggest kitchen herbs for digestion and gut health: अपच, ब्लोटिंग दूर करने के साथ ही गट हेल्थ को सही रखना चाहते हैं तो गैस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट के बताए इन 7 किचन हर्ब्स को रोजाना के खाने में जरूर शामिल करें।
आजकल ज्यादातर लोग पेट से जुड़ी समस्याओं से परेशान रहते हैं। कभी कब्ज तो कभी ब्लोटिंग। सीने में जलन और अपच की समस्या बेचैन कर देती है। ऐसे में बाजार से गोलियां लाकर खाने की बजाय अपने खानपान पर फोकस करें। रसोई में रखी काफी सारी चीजें आपके पेट और गट हेल्थ को सुधार सकती हैं। इंडियन किचन के मसाले और हर्ब्स को अब मॉडर्न साइंस में भी पेट के लिए हेल्दी माना गया है। हार्वर्ड से ट्रेंड गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट सौरभ सेठी ने ऐसे ही हर्ब्स को शेयर किया है। जिसे वो खुद अपनी गट हेल्थ के लिए यूज करते हैं।

हल्दी
हल्दी हर घर की रसोई में रखी रहती है और ये कई सारी बीमारियों में फायदा पहुंचाती है। इसमे मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी कंपाउड करक्यूमिन गट हेल्थ के लिए अच्छा है। गर्म दूध में हल्दी डालकर पीने से आंतों में सूजन को दूर कर बाइल फ्लो को सपोर्ट करता है। जिससे फैट को तोड़ने में मदद मिलती है। हल्दी डाइजेस्टिव ट्रैक को स्मूद करता है।
अदरक ब्लोटिंग और मिचली की समस्या दूर करता है
अदरक का इस्तेमाल नेचुरल तरीके से खाना पचाने में किया जाता है। ये गैस को रिलीज करने, ब्लोटिंग को खत्म करने और मितली रोकने में मदद करता है। गर्म पानी में फ्रेश अदरक के टुकड़ों को डालकर उबालकर पीने से खाना पचाने में मदद मिलती है। अदरक की वार्म प्रॉपर्टी डाइजेशन को स्मूद बना देती है।
सौंफ से गैस और ब्लोटिंग में राहत मिलेगी
इंडिया में खाने के बाद सौंफ चबाने की आदत सदियों पुरानी है। सौंफ गट मसल्स को रिलैक्स करता है और ब्लोटिंग को खत्म कर गैस रिलीज करने में मदद करता है। सौंफ को चबाएं या फिर सौंफ को पानी में उबालकर चाय बनाकर पिएं। रोजाना खाने के बाद सौंफ चबाने की आदत डाइजेशन को बढ़ाने में मदद करती है।
जीरा पेट दर्द को दूर कर करता है
जीरे का तड़का दाल का स्वाद बढ़ाता है लेकिन ये जीरा स्वाद बढ़ाने के साथ ही गट हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होता है। जीरा बाइल रिलीज करने में मदद करता है जो फैट के डाइजेशन में मदद करता है। जिन लोगों को इरिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या है उनको दर्द में राहत देता है। डाक्टर सेठी सजेस्ट करते हैं कि जीरे को भूनकर दाल, सब्जी या करी में डालकर खाने से स्वाद भी बढ़ता है और खाने को पचाना भी आसान हो जाता है।
दालचीनी
दालचीनी का इस्तेमाल मसाले के तौर पर किया जाता है। लेकिन दालचीनी के कई सारे फायदे भी हैं। ये ब्लड शुगर कंट्रोल करने के साथ ही डाइजेशन को स्मूद बनाता है और गट मोटेलिटी रेगुलेट करता है। मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने के साथ ही ब्लोटिंग को कम करती है।
पिपरमिंट
पिपरमिंट नेचुरल कूलेंट होता है और पेट को ठंडक पहुंचाता है। गट मसल्स को रिलैक्स कर डाइजेस्टिव डिस्कम्फर्ट को खत्म करता है। पिपरमिंट की चाय पीने से होने वाली पेट में जलन से राहत मिलती है।
लहसुन गट बैक्टीरिया के लिए अच्छा होता है
लहसुन नेचुरल प्रोबायोटिक होता है। ये गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही इसके एंटी बैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटी पैरासाटिक प्रॉपर्टी हार्मफुल बैक्टीरिया को हमेशा कंट्रोल में रखते हैं। जिससे गट हेल्थ अच्छी रहती है और रोजाना लहसुन खाने से माइक्रोबियल बैलेंस होते हैं।

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