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दूषित कफ सिरप पीने से हुई 11 बच्चों की मौत, केंद्र ने जारी की एडवाइजरी

संक्षेप: Cough Syrup Safety Alert: केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी करते हुए दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाइयां नहीं देने के लिए कहा है। आशंका जताई जा रही है कि बच्चों को दी गई खांसी की दवा का संबंध उनकी मौत से जुड़ा हुआ हो सकता है।

Sun, 5 Oct 2025 02:50 PMManju Mamgain लाइव हिन्दुस्तान
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दूषित कफ सिरप पीने से हुई 11 बच्चों की मौत, केंद्र ने जारी की एडवाइजरी

बदलते मौसम का असर सबसे पहले बच्चों की सेहत पर पड़ता है। बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होने की वजह से सर्दी-खांसी जैसी समस्याएं उन्हें सबसे ज्यादा परेशान करने लगती हैं। अगर अब तक आप भी अपने बच्चे को खांसी शुरू होते ही घर में रखा कफ सिरप पीला देती थी तो अब ऐसी गलती बिल्कुल ना करें। जी हां, हाल ही में मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और राजस्थान में कथित रूप से कफ सिरप पीने से 11 बच्चों की मौत की खबर सामने आई। जिसके बाद केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी करते हुए दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाइयां नहीं देने के लिए कहा है। आशंका जताई जा रही है कि बच्चों को दी गई खांसी की दवा का संबंध उनकी मौत से जुड़ा हुआ हो सकता है। इस मामले की गहराई से जांच करने के लिए केंद्र ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की टीम को जांच के आदेश दिए हैं।

क्यों लगा कफ सिरप पर बैन

दरअसल, तमिलनाडु के सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) ने कांचीपुरम की श्रीसन फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सैंपल लिए थे। इसमें खतरनाक केमिकल डाईएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) पाए गए हैं। यह वही कफ सिरप है, जिसके पीने से मध्यप्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत हो गई थी। बता दें, Coldrif कफ सिरप में मौजूद खतरनाक केमिकल की वजह से तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और केरल सरकार ने इस पर बैन लगा दिया है। साथ ही कई राज्यों ने इसकी जांच के आदेश जारी किए हैं।

सरकार की जारी गाइडलाइन क्या है खास

सरकार की नई गाइडलाइन में कहा गया है कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी और जुकाम की दवाएं खुद से बिल्कुल न दें। जबकि 5 साल से कम उम्र के बच्चों को भी ये दवाएं सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही दें। घर पर रखी पुरानी खांसी या जुकाम की दवा का उपयोग करने से बचें। यदि लक्षण लंबे समय तक बने रहें या बच्चे को सांस लेने में परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सरकार ने कहा है कि आम जनता को जागरूक करने के लिए इस चेतावनी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जाए।

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