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स्वाद के साथ सेहत का भी रखती है ख्याल चौलाई, शरीर में प्रोटीन की कमी पूरी करने के लिए ऐसे करें इस्तेमाल

रामदाना या चौलाई को हम सब उपवास के प्रमुख आहार के रूप में इस्तेमाल करते हैं। पर, ये छोटे दाने खुद में ढेरों पोषक तत्वों को समेटे हुए हैं कैसे इसे नियमित आहार का हिस्सा बनाएं, बता रही हैं कुकरी एक्सपर्ट नीरा कुमार।

Manju Mamgain लाइव हिन्दुस्तानFri, 30 Aug 2024 07:59 AM
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रामदाना को राजगिरा, चौलाई या अमरांथ के नाम से भी जाना जाता है। इसकी बात आते ही रामदाने के लड्डू याद आने लगते हैं । हमारे यहां हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक रक्षाबंधन के आते ही व्रत और त्योहारों की झड़ी लग जाती है। उनमें रामदाने के लड्डू, खीर व हलवा आदि बनता ही है। दरअसल, उपवास में कई प्रकार के खाद्य पदार्थ प्रतिबंधित होते हैं। उस समय रामदाना एक अच्छा विकल्प है। यह एक पौष्टिक फलाहार है। शरीर इसे आसानी से पचा लेता है और इसे खाने के बाद पेट भारी नहीं लगता है। रामदाना या राजगिरा चौलाई के बीज होते हैं। इसकी मुख्य विशेषता यही है कि यह बहुत सस्ता होता है, इसलिए आम आदमी की पहुंच में है। प्राचीन समय में किसान या गरीब इसको खाकर ही शरीर में पौष्टिक तत्वों की भरपाई करते थे। लाल चौलाई में आयरन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके स्वाद की बात करें तो वह अखरोट जैसा होता है। इसको कई तरह के खाद्य पदार्थों के साथ मिलाया जा सकता है। बाजार में चौलाई के भुने हुए बीज और इसका आटा दोनों आसानी से उपलब्ध है। यह शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है। रामदाने का उपयोग मैं तो अपनी प्रतिदिन की डाइट में अवश्य करती हूं, बस इस बात का ध्यान रखती हूं कि गर्मियों में कम मात्रा में व ठंडी तासीर वाली चीज के साथ इसे प्रयोग में लाऊं। इसकी तासीर गर्म होती है, इसलिए ठंड में मैं इसका इस्तेमाल ज्यादा करती हूं।

यों करें इस्तेमाल

1 मैं रामदाने के बीज का प्रयोग तीन तरीके से करती हूं, एक तो कच्चे बीजों के रूप में, दूसरा भूनकर और तीसरा रामदाने या राजगिरी के आटे के रूप में।

2 चौलाई या रामदाने के बीजों से खिचड़ी और दलिया बनाती हूं। इसके लिए बीजों को आधे घंटे पानी में भिगोएं। एक पैन में चौलाई से दोगुने मात्रा में पानी डालें। उसमें एक चम्मच घी डालें। जब पानी उबलने लगे तो उसमें चौलाई के धुले दाने डालें। मध्यम आंच पर पर पानी के सूखने व दानों के गलने तक पकाएं। इससे आप नमकीन दलिया और खिचड़ी दोनों बना सकती हैं। उपवास में भुनी मूंगफली, उबले आलू , टमाटर व लौकी डालकर भी आप इसे पका सकती हैं।

3 रामदाने के आटे के लड्डू व्रत में स्पेशल तरीके से बनाती हूं। रामदाने के आटे को भूनती हूं और उसमें उतनी ही मात्रा में मखाने को भूनकर पाउडर बनाकर मिलाती हूं। अब इसमें घी व भुना मेवा व पिसी मिश्री डालकर लड्डू बना लेती हूं।

4 चौलाई के बीजों को साफ करके घर में ही रोस्ट करती हूं अथवा बाजार से भुने दाने ले लेती हूं। खीर बनानी हो तो ड्राई फ्रूट के साथ एक कप रोस्टेड दाने भी डाल देती हूं, बढ़िया खीर तैयार हो जाती है। दूध के साथ इसका सेवन अच्छा रहता है । स्मूदी में भी इसका प्रयोग कर लेती हूं ।

5 शाम को चाय के साथ नमकीन खाने का मन होता है, विशेष रूप से उपवास में या ऐसे ही तो मुरमुरे की तरह भुने रामदाने में भुनी मूंगफली, काजू आदि मिला देती हूं। इसके लिए कड़ाही में थोड़ा तेल या घी गर्म करें। उसमें चौलाई के बीज डालकर पांच मिनट पकाएं। नमक डालकर मिलाएं व गैस बंद कर दें। ठंडा करके एयर टाइट डिब्बे में स्टोर करें। स्नैक्स के रूप में खाएं।

6 पंजीरी की तरह मीठा खाने का मन होता है तब थोड़े से घी में काजू ,नारियल ,किशमिश आदि भूनकर निकाल लेती हूं और बचे घी में गुड़ को पिघलाकर उसमें गुड़ का दोगुना रोस्टेड रामदाना व ड्राई फ्रूट डाल देती हूं। बढ़िया पंजीरी तैयार है।

7 रामदाना से मैं एनर्जी बार भी बना लेती हूं। बादाम काजू ,शहद और अन्य मेवों के साथ रामदाना बार बनाना आसान है। इससे चिक्की भी बनाती हूं। इसके अलावा सूप बनाती हूं तो उस पर भुना रामदाना बुरक देती हूं। देखने में तो अच्छा लगता ही है, खाने में भी पौष्टिक होता है। रामदाने के आटे से परांठा व पूरी भी बना सकती हैं।

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