मूड स्विंग्स की वजह से खराब हो रहा है घर का माहौल तो रूटीन में शामिल करें ये 2 योगासन
Best Yoga For Mood Swings: आपने अपने आसपास कई बार कुछ ऐसे लोगों को देखा होगा, जिनका खुद अपने व्यवहार या स्वभाव पर कंट्रोल नहीं होता है। वे कभी बहुत खुश होते हैं, तो कभी बहुत उदास और अकेलेपन फील करने ल

Best Yoga For Mood Swings: आपने अपने आसपास कई बार कुछ ऐसे लोगों को देखा होगा, जिनका खुद अपने व्यवहार या स्वभाव पर कंट्रोल नहीं होता है। वे कभी बहुत खुश होते हैं, तो कभी बहुत उदास और अकेलेपन फील करने लग जाते हैं। जी हां, मूड स्विंग्स से जुड़ी इस समस्या को मेडिकल भाषा में बाइपोलर डिसऑर्डर का नाम दिया जाता है।
क्या है बाइपोलर डिसऑर्डर?
बाइपोलर डिसऑर्डर एक तरह का मानसिक रोग है, जो आगे चलकर डिप्रेशन और मूड स्विंग्स की वजह बनता है। इस समस्या में रोगी की मनोदशा बदलती रहती है। वो कभी बेहद खुश तो कभी उदास और अकेलापन महसूस करने लगता है। पीड़ित का खुद अपने व्यवहार पर नियंत्रण नहीं रहता है।
बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण-
-बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित रोगी को अच्छी नींद नहीं आती है।
-पीड़ित के शरीर का एनर्जी लेवल डाउन रहता है।
-पीड़ित कमी उदास तो कभी बेवजह बोलना या चुप रहना शुरू कर देता है।
अच्छी बात यह है कि, योग की मदद से व्यक्ति के दिमाग को शांत करके बाइपोलर डिसआर्डर नाम की इस समस्या के लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है।
बाइपोलर डिसआर्डर की समस्या को कंट्रोल करने के लिए रूटिन में शामिल करें ये योग-
दंडासन-
दंडासन करने से व्यक्ति की बॉडी शेप में सुधार आने के साथ फेफड़ों में मजबूती आती है। यह योगासन शरीर में स्वच्छ वायु का संचार करके घबराहट की समस्या को कम करता है। जिससे स्मरण क्षमता का विकास हो सकता है। अस्थमा रोगी को यह आसन करने से काफी फायदा मिलता है।
दंडासन करने का तरीका-
दंडासन योग का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर बैठकर अपने दोनों पैरों को आगे की ओर फैलाएं और फिर उन्हें आपस में चिपका लें। इसके बाद अपने दोनों पैरों की उंगलियों को अपने शरीर की ओर खींचें। इस दौरान अपने जांघों और एड़ियों को फर्श पर दबाकर रखें।अब दोनों हाथों को सीधा और हथेलियों को फर्श पर रखें। ऐसा करते हुए गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और छाती को उठाए और कॉलरबोन को फैलाएं। ऐसा करते हुए अपने कंधों को थोड़ा सा खींचें और सामने की ओर देखते हुए गहरी सांस भरें। इस मुद्रा में करीब 20 सेकंड से एक मिनट तक बने रहें।
पश्चिमोत्तानासन-
दंडासन के बाद पश्चिमोत्तानासन भी बाइपोलर डिसआर्डर की समस्या में काफी फायदेमंद माना जाता है। इस आसन को करने से रोगी की अनिद्रा और तनाव की समस्या को कम किया जा सकता है। इसे करने से शरीर में लचीलापन आता है और हड्डियां मजबूत होती हैं।
पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका-
पश्चिमोत्तानासन करने के लिए योगा मैट पर बैठकर अपनी रीढ़ को सीधा रखें। ऐसा करते हुए अपने पैरों को अपने सामने फैलाएं और पैरों की उंगलियों को अपनी ओर फैला कर रखें। अब सांस लेते हुए, अपने दोनों हाथों को अपने सिर के ऊपर उठाएं और स्ट्रेच करें। ऐसा करते हुए सांस छोड़ते हुए, कूल्हे के जोड़ों से आगे की ओर झुकें, अपनी ठोड़ी को पंजों की ओर बढ़ाएं। घुटनों की तरफ नीचे की ओर झुकते हुए रीढ़ की हड्डी को आगे की ओर ले जाते रहें। अपने हाथों को अपने पैरों पर रखें, जहां तक हाथ पहुंच पाएं। स्टेच करने की कोशिश करें। अपने हाथों से अपने पैरों की उंगलियों को पकड़ें। सांस लेते हुए, अपने सिर को थोड़ा ऊपर उठाएं और अपनी रीढ़ को लंबा करें। सांस बाहर छोड़ते हुए, धीरे से नाभि को घुटनों की ओर ले जाएं। इस प्रकिया को दो या तीन बार दोहराएं। इस आसन में एक मिनट तक बने रहते हुए गहरी सांस लेते रहें। अब धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं। सांस छोड़ें और हाथों को नीचे लाएं।
सलाह-
योग के दौरान अगर आपको असुविधा और थकान महसूस हो तो ये आसन न करें। ध्यान रखें, योग करने से पहले बाइपोलर डिसआर्डर के रोगी एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
