क्या मरे इंसानों के कपड़े बिकते हैं सरोजिनी नगर मार्केट में? जानें क्या है मिलने वाले सस्ते सामान की सच्चाई why sarojini market clothes are cheap are they from dead people know reality vs myth, फैशन - Hindustan
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क्या मरे इंसानों के कपड़े बिकते हैं सरोजिनी नगर मार्केट में? जानें क्या है मिलने वाले सस्ते सामान की सच्चाई

Why is Sarojini market so cheap: सरोजिनी नगर मार्केट में मिलने वाले 100-200 रुपये के कपड़ों को देखकर दिमाग घूम जाता है। कि आखिर ये इतने सस्ते कैसे? वहीं ये अफवाह है कि यहां पर डेड लोगों के कपड़े मिलते हैं। तो जानें क्या है सच्चाई

Aparajita लाइव हिन्दुस्तानFri, 12 Sep 2025 12:22 PM
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क्या मरे इंसानों के कपड़े बिकते हैं सरोजिनी नगर मार्केट में? जानें क्या है मिलने वाले सस्ते सामान की सच्चाई

दिल्ली का सरोजिनी नगर मार्केट लड़कियों का ड्रीम मार्केट है। यहां पर कपड़ों से लेकर जूते, चप्पल, बैग और दूसरे सामान भी बेहद कम कीमत पर मिलते हैं। जिसका दूसरे शहर वाले अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं। इस मार्केट में लेटेस्ट, ट्रेंडी और न्यू स्टॉक के सामान मिल जाते हैं। फिर क्यों आखिर सरोजिनी नगर मार्केट के बारे में ये अफवाह है कि यहां पर मरे हुए इंसानों के कपड़े बेचे जाते हैं। इसीलिए इन कपड़ों की कीमत काफी कम होती है। अगर आप भी इन बातों को सच मानती हैं तो सच्चाई जान लें कि आखिर यहां पर ब्रांडेड कपड़ों की कीमत क्यों कम है।

ब्रांड और दुकानों से रिजेक्ट कपड़े मिलते हैं

सरोजिनी नगर मार्केट की पटरी पर कपड़े बेच रहे किसी दुकानदार से पूछने पर वो बताते हैं यहां पर ज्यादातर कपड़ा बड़े ब्रांड और दुकान से रिजेक्ट हुआ आता है। आमतौर पर वो इसे कैटेगरी वाइज डिवाइड किया हुआ बताते हैं और यहां मिलने वाले सामान सबसे लो कैटेगिरी के होते हैं। जिन कपड़ों की स्टिचिंग, फिटिंग, फिनिशिंग, लेबल में गड़बड़ी होती है। बटन टूटे हुए या फिर मिस मैच होते हैं। या फिर जिन कपड़ों में थोड़ी भी गड़बड़ी होती है। ऐसे कपड़े बड़े ब्रांड और बड़ी दुकानों से रिजेक्ट कर दिये जाते हैं। इन्हीं फैक्टरी और ब्रांड से रिजेक्ट कपड़ों को बल्क में बेचा जाता है। जो दुकानदार खरीदकर सरोजिनी नगर मार्केट में लाकर बेचते हैं।

फिर आखिर ये कपड़े गंदे और सिकुड़े हुए क्यों दिखते हैं?

दरअसल, थोक के भाव ज्यादा मात्रा में खरीदे गए इन कपड़ों को रखने और समेटने का खर्च बचाने के लिए वो एक जगह ठूंस कर बैग में भरकर रखते हैं। जिसकी वजह से ये बिल्कुल सिकुड़े और यहां वहां रखने से गंदे हो जाते हैं। इसलिए फैक्टरी से बने इन नए कपड़ों को भी धोकर पहनने की सलाह दी जाती है।

तो मरे हुए इंसानों के कपड़े बेचने की अफवाह?

सोशल मीडिया पर सरोजिनी नगर मार्केट को काफी ज्यादा हाइप मिलने के साथ ही यहां मिलने वाले कुछ वेंडर्स के पास सेकेंड हैंड कपड़ों को देखकर अफवाह है कि यहां मरे हुए इंसानों के कपड़े बेचे जाते हैं। लेकिन मार्केट में जाने पर देखेंगे कि ज्यादातर आपको नए और साफ-सुथरे कपड़े सस्ते दामों पर मिल रहे होते हैं। ये महज एक अफवाह है कि यहां मरे हुए इंसानों के कपड़े बिकते हैं।

कहां से लाते हैं कपड़े

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक भोर में करीब 3 बजे के करीब पश्चिमी दिल्ली के रघुबीर नगर में ये माल आता है। जहां से दुकानदार थोक में सामान खरीदते हैं। इसमे फंकी टीशर्ट से लेकर लेदर बेल्ट, जींस जैसे सारे सामान शामिल रहते हैं। जिन्हें ये पटरी वाले दिन में सरोजिनी नगर मार्केट में बेचते हैं।

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