बॉडी को नेचुरली खुशबूदार बनाते हैं ये टिप्स, जानें किस पर्सनालिटी पर फबता है कैसे परफ्यूम
Tips to find your signature scent: सुगंध का हमसे बहुत पुराना नाता है। किसी के व्यक्तिव के बारे में समझने में सुगंध की बड़ी भूमिका होती है। देखने- सुनने के अलावा व्यक्ति की महक उसके बारे में बहुत कुछ बयां कर देती है। अपने व्यक्तिव को कैसे बनाएं सुगंधित, बता रही हैं स्वाति शर्मा।
कहीं से खुशबू आ रही हो तो मन अपने आप ही उधर खींचा चला जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि सुगंध प्रकृति का ही एक हिस्सा है। और जो भी चीज प्राकृतिक होती है उसकी और हम स्वाभाविक तौर पर आकर्षित हो ही जाते हैं। यही कारण है कि अच्छी महक हमारे मन को भी प्रभावित करती है और हमारा अपना व्यक्तित्व भी बयां करती है। कल्पना कीजिए उस इंसान की जिसने कपड़े तो बहुत महंगे पहने हों, लेकिन उससे एक अजीब तरह की गंध आ रही हो। क्या आप ऐसे इंसान के पास खड़ी रहना पसंद करेंगी? शायद कोई भी नहीं, बल्कि अब आप उसे उसके कपड़ों से नहीं बल्कि उसकी गंध से उसे पहचानेंगी।
वहीं अगर साधारण दिखने वाले व्यक्ति से अच्छी खुशबू आ रही हो तो अपने आप ही मन में उसकी जगह बन जाती है। इससे हम अंदाजा लगा लेते हैं कि व्यक्ति कितना साफ-सुथरा रहता है और खुद का कितना ख्याल रखता है। सुगंध का महत्व सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। वेदिक काल से लेकर आधुनिक काल तक, मान्यताओं से लेकर विज्ञान तक और आयुर्वेद से लेकर आध्यात्म तक में सुगंध को खास महत्व दिया गया है। इसका बखान आपको मंत्रों में भी मिलेगा और कविताओं में भी। इसे इलाज के लिए भी इस्तेमाल करते हैं और आकर्षण के लिए भी। अच्छा दिखना जितना जरूरी है, अच्छा महकना भी उतना ही मायने रखता है क्योंकि आपकी महक आपके कई राज खोल सकती है।
खुशबूदार बने रहने के पुराने तरीके
बेशक परफ्यूम को लग्जरी माना गया है, लेकिन खुशबूदार बने रहने का चलन युगों पुराना है। आपको देवदास फिल्म तो याद होगी, जिसमें चंद्रमुखी खुशबूदार धुएं से बालों की खुशबू बढ़ा रही होती है। दरअसल यह बालों को खुशबूदार बनाने का पुराना तरीका है। पहले खुशबू वाली लकड़ियों को सुलगाकर उनके धुएं से खुद को और वातावरण को सुगंधित किया जाता था। इसके अलावा नहाते समय भी फूलों को पानी में भिगोकर पानी को खुशबूदार बना दिया जाता था। इससे पूरे दिन शरीर से प्राकृतिक तौर पर खुशबू आती थी। इन फूलों और हर्ब में पुदीना, नीबू, गुलाब, चमेली आदि का इस्तेमाल होता था। इसके अलावा इत्र का चलन भी बहुत पुराना है। हालांकि देखा जाए तो इनमें से कई तरीके आज भी प्रचलन में हैं।
परफ्यूम के बिना यूं महकें
इन दिनों इस्तेमाल किए जाने वाले परफ्यूम में प्राकृतिक तत्व कम हैं और केमिकल ज्यादा होते हैं। इस कारण परफ्यूम लगाने से कई लोगों को एलर्जी की समस्या होने लगती है। ऐसे में खुशबूदार बने रहने के लिए अन्य तरीके अपनाए जा सकते हैं। ये तरीके आपको सुरक्षित रखते हुए प्राकृतिक तौर पर खुशबूदार बनाएंगे:
ओरल हाईजीन का रखें ख्याल: अच्छी सुगंध के लिए आपको सबसे पहले अपनी साफ-सफाई पर ध्यान देना चाहिए। दिन में दो बार ब्रश करें, माउथ वॉश का इस्तेमाल करें। सर्दी-जुकाम या पेट खराब होने पर भी मुंह से दुर्गंध आती है, इसलिए ये समस्याएं होने पर सही उपचार करें। इसके अलावा टॉन्सिल होने पर भी कुछ लोगों से दुर्गंध आती है। ऐसे में मुंह की साफ-सफाई का और भी ख्याल रखना जरूरी होता है।
पर्याप्त पानी पिएं: सर्दी में हम कम पानी पीते हैं, लेकिन पानी की कमी होने से पसीने से दुर्गंध आनी शुरू हो जाती है। इसलिए मौसम कैसा भी क्यों न हो, पानी की मात्रा से समझौता न करें।
डाइट का रखें ख्याल: अपने आहार में तले और बाहर के भोजन को कम करें। सेहतमंद भोजन करने का सीधा प्रभाव आपके शरीर की गंध पर पड़ता है।
डिओडोरेंट बाम का इस्तेमाल करें : डिओडरेंट बाम या रोलऑन में ऐसे केमिकल नहीं होते जो हवा में उड़ें और आपको उनसे सांस की समस्या हो। इसलिए आप इनका इस्तेमाल करके पसीने की दुर्गंध को रोक सकती हैं।
बॉडी ऑयल का इस्तेमाल करें : इन दिनों बाजार में एक से बढ़कर एक खुशबूदार बॉडी ऑयल उपलब्ध हैं। ये त्वचा को नमी प्रदानकरने के साथ ही लंबे समय तक खुशबूदार भी बनाए रखते हैं। इनके इस्तेमाल से आपसे परफ्यूम की तेज महक की जगह भीनी सुगंध आती रहती है।
एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल करें : आप एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल करके अपनी सेहत को दुरुस्त करने के साथ ही खुद को सुगंधित भी रख सकती हैं। आप बालों पर भी एसेंशियल ऑयल स्प्रे कर सकती हैं। साथ ही घर में डिफ्यूजर में डालकर इसका इस्तेमाल करने से कपड़ों में इसकी महक समा जाती है और घर का वातावरण भी सुगंधित हो जाता है।
आयुर्वेद क्या कहता है?
आयुर्वेद में व्यक्ति के इलाज में न केवल फूल और जड़ी-बूटियां काम आती हैं, बल्कि उसकी खूशबू का भी विशेष योगदान होता है। आयुर्वेद रोजाना दो बार इत्र के इस्तेमाल की सलाह देता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे व्यक्ति की मनोदशा प्रभावित होती है, जिससे उसके शरीर की कई समस्याएं अपने आप ही दूर हो सकती हैं। इस बाबत आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर अनिल मंगल कहते हैं कि हम अलग-अलग बीमारियों के लिए अलग-अलग खुशबू का इस्तेमाल करते हैं। एपीलेप्सी, माइग्रेन जैसी बीमारियों में यही खुशबू नेजल स्पे्र के जरिए दी जाती है। इसी प्रकार वात, पित्त और कफ दोषों को पहचानते हुए अलग -अलग तरह की महक से इलाज करने की परंपरा है, जो बहुत करगर है।
आपकी खुशबू, आपका व्यक्तित्व
आपके परफ्यूम से आपके व्यक्तित्व के बारे में काफी कुछ पता चल जाता है। इसलिए आपको कोशिश करनी चाहिए कि पहले अपनी पर्सनैलिटी के बारे में जानें और उसके अनुसार ही अपना सिग्नेचर परफ्यूम चुनें। अपनी पर्सनैलिटी जानने के लिए आप ऑनलाइन टेस्ट का सहारा ले सकती हैं या इमेज कंसल्टेंट से सलाह ले सकती हैं। इन्हें आप कस्टमाइज भी करा सकती हैं। यहां जानिए कि किस तरह की खुशबू, कौन-सी पर्सनैलिटी पर ज्यादा फबती है:
फ्लोरल सेंट : फूलों की खुशबू वाले परफ्यूम सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं। अगर आपको हमेशा सलीके से रहना पसंद है, तो इस तरह की ख़ुशबू आपकी पर्सनैलिटी के अनुरूप है। रोमांटिक डेट पर भी आप इस तरह की खुशबू का इस्तेमाल कर सकती हैं।
वुडी सेंट : वुडी सेंट आत्मविश्वास को दर्शाता है। अगर आप साहसी हैं और आपका व्यक्तित्व दमदार है तो इस तरह का परफ्यूम चुनें।
सिट्रस सेंट : अगर आपका मिजाज हंसमुख है, लोगों से बात करना, चुलबुलापन, घूमना-फिरना आपके व्यक्तित्व का हिस्सा है तो सिट्रस नोट््स आपके लिए सबसे उपयुक्त हैं।
लेदर नोट्स : इस तरह के नोट्स पुरुषों पर ज्यादा फबते हैं और साहस और कॉन्फिडेंस को दर्शाते हैं।
एक्वेटिक नोट्स : अगर आप सहज हैं और जीवन की गति के साथ चलती हैं तो पानी के तरंगों की खुशबू आपके लिए है।
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