
आर्टीफिशियल ज्वैलरी को भी चाहिए सही रख-रखाव, तभी चलेंगी सालोंसाल
संक्षेप: आर्टिफिशियल ज्लेवरी यानी कृत्रिम जेवर अब केवल सामर्थ्य का मामला नहीं रह गया है, बल्कि फैशन स्टेटमेंट बन गया है। पिछले कुछ सालों में भारत में इसका बाजार बहुत तेजी से बढ़ा है। कृत्रिम जेवर की खरीदारी के वक्त किन बातों का रखें ध्यान, बता रही हैं स्मिता
आलिया भट्ट, कृति सेनन से लेकर कियारा आडवाणी तक...यदि बॉलीवुड हस्तियों के लुक पर नजर डाली जाए, तो उसमें आपको आर्टिफिशियल ज्वेलरी जरूर नजर आएगी। पिछले कुछ वर्षों में भारत में इनका बाजार तेजी से बढ़ा है। खास से लेकर आम लोगों के द्वारा, इन दिनों पारंपरिक डिजाइन के साथ-साथ ट्रेंडी फ्यूजन वाले कृत्रिम आभूषण खूब पहने जाने लगे हैं। मार्केट रिसर्च फ्यूचर नाम की संस्था द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक इस साल भारत में आर्टिफिशियल ज्वेलरी यानी कृत्रिम आभूषण का बाजार लगभग 2 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा।

क्या है लोकप्रियता की वजह
आर्टिफिशियल ज्वेलरी डिजाइनर मीतू अवस्थी बताती हैं कि भारत में आभूषणों के प्रति हमेशा से गहरा लगाव रहा है। हर कोई सोने, हीरे या चांदी के आभूषण नहीं खरीद सकता है। कृत्रिम आभूषण या गहने उन लोगों के लिए एक किफायती समाधान हैं, जो बिना ज्यादा खर्च किए एक्सेसरीज पहनना चाहते हैं। पारंपरिक से लेकर जमाने के अनुकूल फैशनेबल तक, इन दिनों कृत्रिम आभूषण विविध रूपों में उपलब्ध हैं। इससे ग्राहकों को अपनी पसंद के साथ प्रयोग करने का भी अवसर मिलता है। महंगी मेटल ज्लेवरी के विपरीत आर्टिफिशियल ज्लेवरी को न्यूनतम देखभाल की जरूरत पड़ती है। खो जाने या टूट जाने पर इसे आसानी से बदला भी जा सकता है। शादी, त्योहार से लेकर पार्टी-पिकनिक तक के लिए ये आभूषण उपयुक्त साबित होते हैं। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और ज्लेवरी वेबसाइट्स ने ग्राहकों के लिए कृत्रिम आभूषणों की विस्तृत श्रृंखला तक पहुंच को आसान बना दिया है। इनकी खरीदारी के वक्त किन बातों का रखें ध्यान, आइए जानें:
स्टोन की गुणवत्ता
कुंदन, स्फटिक या किसी अन्य कीमती स्टोन से जड़े कृत्रिम आभूषण खरीदने जा रही हैं, तो रत्नों की गुणवत्ता की बारीकी से जांच कर लें। यह सुनिश्चित करें कि रत्न मजबूती से जड़े हों और इस तरह से चिपके न हों कि पहनने के बाद वे आसानी से उखड़ जाएं। स्टोन वाली ज्लेवरी की बनावट चमकदार होनी चाहिए। उनमें कोई खरोंच या दरार नहीं होनी चाहिए।
प्लेटिंग की जांच करें
प्लेटिंग कृत्रिम आभूषणों की बनावट और लंबे समय तक चलने के लिए जरूरी है। गोल्ड या रोडियम की मोटी और अच्छी गुणवत्ता वाली कोटिंग वाले आभूषणों की तलाश करें। पतली या खराब कोटिंग की तुलना में ये ज्यादा मजबूती से कलर किए जाते हैं।
बेहद नाजुक डिजाइन से बचें
नाजुक डिजाइन भले ही आकर्षक लगें, लेकिन अक्सर इनके टूटने की आशंका ज्यादा होती है। अगर आप इन्हें नियमित रूप से पहनना चाहती हैं, तो मजबूत बनावट वाले आभूषण चुनें। अच्छी क्वालिटी के कृत्रिम आभूषणों में सौंदर्य और टिकाऊपन का संतुलन होना चाहिए।
रिव्यू से जांचें ब्रांड की प्रतिष्ठा
दुकान या ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म से खरीदारी करते समय ग्राहकों की समीक्षाओं की जांच करना जरूरी है। इससे खरीदारी करने से पहले आभूषणों की गुणवत्ता का आकलन करने में मदद मिल सकती है।
चुनें अच्छी गुणवत्ता वाले आभूषण
मीतू अवस्थी बताती हैं, ‘कृत्रिम आभूषण टिकाऊ तभी होते हैं, जब आधार सामग्री की क्वालिटी बढ़िया होती है। पीतल, तांबा या स्टेनलेस स्टील से बने आभूषण टिकाऊ होते हैं। उच्च गुणवत्ता वाली धातुओं से बने आभूषणों के जल्दी खराब होने की आशंका कम होती है। समय के साथ उनकी चमक और मजबूती बनी रहती है। निकल जैसे मेटल से बने आभूषण से बचें, क्योंकि इसमें बहुत जल्दी जंग लग जाता है।’
यों करें देखभाल
1) सही तरीके से करें स्टोर
खरोंच से बचने के लिए कृत्रिम आभूषणों को अलग-अलग पाउच या बॉक्स में रखें। नमी सोखने के लिए एंटी-टार्निश बैग या सिलिका जेल का इस्तेमाल करें। नमी के कारण आभूषणों पर दाग लग सकते हैं।
2) नमी से बचाव करें
पानी, परफ्यूम और लोशन मेटल और प्लेटिंग की गुणवत्ता को खराब कर सकते हैं। नहाने, तैरने या स्किन प्रोडक्ट्स लगाने से पहले हमेशा अपने गहने उतार दें।
3) हल्के हाथों से साफ करें
हर बार पहनने के बाद अपने गहनों से तेल, पसीना और धूल हटाने के लिए एक मुलायम कपड़े से उन्हें साफ करें। गहरी सफाई के लिए पानी के साथ हल्के साबुन का प्रयोग करें। ध्यान रखें कि गहने अच्छी तरह सूख जाएं।

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