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karnataka election: डॉ. यतींद्र पर होगी राजनीतिक विरासत बचाने की चुनौती

दो साल पहले तक डॉक्टर के रूप में एकांत जीवन व्यतीत कर रहे यतींद्र पर पिता सिद्धरमैया की विरासत को बचाने की चुनौती है। 38 वर्षीय यतींद्र वरुणा नगर सीट से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। सिद्धरमैया के...

karnataka election: डॉ. यतींद्र पर होगी राजनीतिक विरासत बचाने की चुनौती
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीThu, 10 May 2018 11:39 AM
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दो साल पहले तक डॉक्टर के रूप में एकांत जीवन व्यतीत कर रहे यतींद्र पर पिता सिद्धरमैया की विरासत को बचाने की चुनौती है। 38 वर्षीय यतींद्र वरुणा नगर सीट से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। सिद्धरमैया के दुर्ग कहे जाने वाले वरुणा सीट पर भाजपा ने थोटाडप्पा बस्पाराजू को मैदान में उतारा है।

यतींद्र के लिए आसान चुनौती
पेशे से चिकित्सक यतींद्र को वरुणा विधानसभा क्षेत्र की सतर्कता समिति के अध्यक्ष हैं। उन्हें क्षेत्र में विकास कार्यों की निगरानी करने के लिए सशक्त बनाया गया। यतींद्र के लिए यह चुनाव काफी आसान माना जा रहा है।

बडे़ भाई की मौत के बाद राजनीति में आए
2013 में कर्नाटक की सत्ता की कमान संभालने वाले सिद्धरमैया ने पहले अपने बड़े बेटे राकेश सिद्धरमैया को राजनीति में लाने की इच्छा जताई थी। लेकिन 2016 में राकेश के निधन हो जाने के चलते वो सपना साकार नहीं हो सका। इसके बाद छोटे बेटे यतींद्र सिद्धरमैया को विधानसभा क्षेत्र में पार्टी की कमान मिली है। चुनाव प्रचार के साथ-साथ यतींद्र वरुणा नगर में दुर्घटना होने पर पीडि़तों को इलाज भी करते हैं। यतींद्र काफी शांत स्वभाव के माने जाते हैं।

ताकत

मुख्यमंत्री रहने के दौरान सिद्धरमैया ने काफी विकास कार्य कराए हैं।
डॉक्टर के रूप में यतींद्र का सेवाभाव भी लोगों को काफी पसंद है। प्रदेश में अक्सर सामूहिक विवाह का आयोजन कराने से आम जन का जुड़ाव भी उनके साथ है। 

कमजोरी
पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं, कोई राजनीतिक अनुभव नहीं।
भाजपा के लिंगायत नेता थोटाडप्पा बस्वाराजू से है मुकाबला
 

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