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कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार के विरोध में ग्रामीणों ने किया पथराव, पुलिस का लाठीचार्ज

धनबाद के बलियापुर के आमझर में कोरोना संक्रमण से मरने वालों के अंतिम संस्कार करने के फैसले के विरोध में ग्रामीण रविवार को बेकाबू हो गए। जिला प्रशासन की ओर से चल रही अंतिम संस्कार की तैयारी होती देख...

कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार के विरोध में ग्रामीणों ने किया पथराव, पुलिस का लाठीचार्ज
बलियापुर(धनबाद)। प्रतिनिधिSun, 19 Jul 2020 08:25 PM
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धनबाद के बलियापुर के आमझर में कोरोना संक्रमण से मरने वालों के अंतिम संस्कार करने के फैसले के विरोध में ग्रामीण रविवार को बेकाबू हो गए। जिला प्रशासन की ओर से चल रही अंतिम संस्कार की तैयारी होती देख गांव वाले लाठी-डंडा और पत्थर लेकर पहुंच गए। एकाएक पथराव के साथ जेसीबी में तोड़फोड़ कर दी।

हालात बेकाबू होते देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इससे वहां भगदड़ मच गई। भागदौड़ में एक महिला कांस्टेबल घायल हो गई, वहीं पुलिस लाठीचार्ज में पांच से ग्रामीण जख्मी हुए हैं, इनमें एक की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। शाम को डीसी ने ग्रामीणों के साथ बातचीत शुरू की। फिलहाल चार कोरोना संक्रमित लोगों के शवों का अंतिम संस्कार टाल दिया गया है।

जेसीबी मशीन को क्षतिग्रस्त कर दिया
कोरोना संक्रमण से मरनेवालों के शवों के अंतिम संस्कार के लिए रविवार की सुबह 10 बजे आमझर में जेसीबी लगाकर काम चल रहा था। मौके पर मजदूरों के साथ पुलिस भी मौजूद थी। इसी बीच लाठी-डंडा लेकर ग्रामीण पहुंच गए। सभी यहां शव जलाने या दफनाने का विरोध करने लगे। खबर पाकर बीडीओ रतन कुमार सिंह, सीओ असलम, सिंदरी डीएसपी अजीत कुमार सिन्हा, सिंदरी थाना प्रभारी राजकपूर, सर्किल इंस्पेक्टर कन्हाई राम, थाना प्रभारी गोपालचंद्र घोषाल सहित अन्य प्रशासनिक पदाधिकारियों ने गांव वालों को समझाने-बुझाने की कोशिश की। बावजूद ग्रामीण किसी की सुनने को तैयार नहीं थे। इसी दौरान आक्रोशित ग्रामीण तोड़फोड़ व मारपीट पर उतर आए। मैदान की समतलीकरण के लिए पहुंची जेसीबी मशीन को क्षतिग्रस्त कर दिया। 

पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा
स्थिति से निबटने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इस दौरान महिला कांस्टेबल सुनीता कुमारी, आमझर गांव की रेखा मंडल व महेश कुमार गोप सहित छह लोग घायल हो गए। घटना के बाद घायलों को इलाज के लिए सीएचसी में भर्ती कराया गया। घायल महिला कांस्टेबल को शरीर के कई हिस्से में चोट आई है। इसी तरह रेखा मंडल के सिर व हाथ तथा इंद्रजीत मंडल व महेश कुमार गोप के पीठ में चोटें आयी हैं। पुलिस की सख्ती के बाद ग्रामीण पीछे हटे। कुछ देर बाद डीसी उमाशंकर सिंह, एसएसपी अखिलेश बी.वारियर सहित अन्य वरीय अधिकारी पहुंचे। लोगों को समझाबुझाकर शांत कराने का प्रयास किया। डीसी ने कहा कि सरकार की गाइड लाइन के तहत आमझर में श्मशान बनाने का प्रस्ताव है। ग्रामीणों की ओर से मुखिया ने पक्ष रखा। गांव वालों के आक्रोश के बाद रविवार को चार शवों का अंतिम संस्कार टालना पड़ा।

कई गांव के लोग हुए थे इकट्ठा
गांव में जेसीबी पहुंचे की खबर पाकर आमझर, निचितपुर, उभीडीह, परघा सहित आसपास के गांवों के ग्रामीण अलग-अलग जत्थे में सैकड़ों की संख्या में जुट गए। बीडीओ, सीओ, डीएसपी आदि सहित अन्य प्रशासनिक पदाधिकारी दलबल के साथ वहां मौजूद थे। स्थिति से निबटने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था। प्रशासनिक पदाधिकारी ग्रामीणों को समझाने-बुझाने की कोशिश कर ही रहे थे कि ग्रामीण उग्र हो गए। नारेबाजी के साथ ही पत्थरबाजी पर उतर आए। लाठीचार्ज के साथ ही भीड़ तितर-बितर हो गई। बाद में ग्रामीण अलग-अलग स्थानों में फिर जुट गए।

गांव वालों ने कहा-पशु कहां चराएंगे
मुखिया संतोष रवानी, पंसस इलताफ अंसारी, राजेश रविदास, उत्तम प्रमाणिक, मुक्तेश्वर महतो, गौर मंडल, विकास दास व अन्य ग्रामीणों का कहना है कि श्मशान के लिए चिह्नित जमीन के आसपास ही आमझर, आदिवासी बहुल उभीडीह, निचितपुर, फकीराडीह गांव हैं। इसके अलावा उभीडीह नया प्राथमिक विद्यालय भी है। इसी मैदान में आसपास गांवों के पशुपालक व किसान मवेशियों की चरवाही करते हैं। ऐसे स्थान को कोरोना मृतकों के शव की अंत्येष्टि के लिए श्मशान बनाने का प्रस्ताव गलत है। इस पर निर्णय लेने से पहले आसपास के ग्रामीणों की राय लेनी चाहिए थी। मजिस्ट्रेट के तौर पर तैनात बीडीओ रतन कुमार सिंह का कहना है कि प्रस्तावित श्मशान में कोरोना मृतकों के शवों को वैज्ञानिक तरीके से दफनाया जाएगा। दो एकड़ जमीन पर चिह्नित श्मशान की चारों तरफ से घेराबंदी की जाएगी। 
 

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