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बोकारो और देवघर के दो पूर्व इंजीनियरिंग छात्र निकले साइबर अपराधी

रांची के एक संस्थान के पॉलीटेक्निक के दो पूर्व छात्र साइबर क्रिमिनल निकले हैं। इन्होंने पिछले वर्ष डिप्लोमा पूरा किया था। इनमें एक बोकारो और दूसरा देवघर का निवासी है। ये शातिर पेटीएम-फोन पे पर लिंक...

बोकारो और देवघर के दो पूर्व इंजीनियरिंग छात्र निकले साइबर अपराधी
बेरमो करगली प्रतिनिधिMon, 15 Jun 2020 04:35 PM
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रांची के एक संस्थान के पॉलीटेक्निक के दो पूर्व छात्र साइबर क्रिमिनल निकले हैं। इन्होंने पिछले वर्ष डिप्लोमा पूरा किया था। इनमें एक बोकारो और दूसरा देवघर का निवासी है। ये शातिर पेटीएम-फोन पे पर लिंक भेजकर कैश बैक रिवार्ड का लालच देकर रुपए उड़ाते थे। इस काम के लिए देवघर के दो युवक फर्जी नाम-पते के सिम कार्ड उपलब्ध कराते थे। रकम की निकासी के बाद आपस में हिस्सा-बांट होता था।

पुलिस ने चंद्रपुरा के एक मामले में पेटरवार के अंगवाली उत्तरी पंचायत के राजाटांड़ निवासी हीरालाल नायक के पुत्र देव नायक व देवघर के चित्रा थाना क्षेत्र के दुमदुमी निवासी जगदेव दास के पुत्र मिथिलेश कुमार दास के अलावा इसी इलाके के सिद्धेश्वर दास के पुत्र उत्तम कुमार दास को उनके आवास से गिरफ्तार किया है। बेरमो थाना में एएसपी अंजनी अंजन ने रविवार को इस गिरोह  की जानकारी पत्रकारों को दी। पेटरवार के अंगवाली के देव व देवघर चितरा के दुमदुमी के मिथिलेश ने रांची के एक संस्थान से वर्ष 2016-19 तक पॉलीटेक्निक डिप्लोमा साथ किया। इसके बाद साइबर क्राइम की दुनिया में जा घुसे। पढ़ाई पूरी होने पर देव व मिथिलेश बिरसा चौक रांची में किराए पर रहने लगे। लॉकडाउन से पहले अपने-अपने घर चले गए। देव को इस धंधे में मिथिलेश लेकर आया और मिथिलेश को इस धंधे में उसका चचेरा भाई अजय कुमार दास लेकर आया। देवघर में ही साइबर क्राइम के ही मामले में छह जून को गिरफ्तार अजय अभी जेल में है।

इंजीनियरिंग छात्र कई शहरों में कर चुके हैं साइबर अपराध : रांची के एक संस्थान के पॉलीटेक्निक के दो पूर्व छात्र साइबर क्रिमिनल निकले हैं। शुरुआती पूछताछ में इन अपराधियों ने लातेहार जिले के अलावा बोकारो जिले में गोमिया, बोकारो थर्मल व चन्द्रपुरा में साइबर क्राइम की घटना में संलिप्तता स्वीकार की है। बेरमो पुलिस के अनुसार पिछले कई वर्षों से ये पेशेवर साइबर अपराधी बने हुए थे। 

देवघर के दो लोग फर्जी सिम कार्ड कराते थे उपलब्ध : देवघर के मधुपर थाना क्षेत्र के सिमरातरी पाथरोल के दो अन्य लोग पलटन दास व गुड्डू दास इस धंधे के लिए फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराते थे। प्रति सिम 1500-2000 रुपए लेते थे। 

देव का काम था कस्टमर को रिक्वेस्ट भेजना: देव पेटीएम-फोन पे पर कस्टमर को धोखा देकर कैश बैक रिवार्ड का लालच देते हुए रिक्वेस्ट का लिंक भेजा करता था। इस लिंक पर जाते ही ब्राउजर का साइड खुलता था। उसके बाद यूपीआइ पेमेंट करता था और एकाउंट में रकम रहने पर कट जाता था और नहीं रहने पर नहीं कटता था। इसके बाद देव अपने साथी मिथिलेश के एकाउंट में उस रकम को भेज देता था। वहीं मिथिलेश इस रकम में 20 प्रतिशत काटकर शेष रकम देव के ही एकाउंट में वापस भेज देता था। 

चन्द्रपुरा के मामले में अनुसंधान में पुलिस सफल : चन्द्रपुरा थाना क्षेत्र की सेन्ट्रल कालोनी मकोली निवासी दिग्विजय कुमार ने खाते से 39943 रूपए उड़ाने का मामला अप्रैल में दर्ज कराया था। कहा था कि एसबीआई ढोरी कोलियरी में उनका खाता फोन पे लिंक है। 31 मार्च को उनके मोबाइल में एक कॉल आया। कहा गया कि फोन पे पर 4999 का कैश बैक आया है, इसके लिए भेजे जा रहे लिंक में क्लिक करने से रुपए खाते में आ जायेंगे। इस तरह से चार बार में खाते से करीब 40 हजार कट गए।

मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस इन तक पहुंची : चन्द्रपुरा में साइबर क्राइम के मामले में भुक्तभोगी के मोबाइल पर जिस नंबर से फोन आया था, उसके लोकेशन के आधार पर पुलिस पेटरवार अंगवाली के देव तक पहुंची व उसे घर से गिरफ्तार किया। इसके बाद देवघर से मिथिलेश व उत्तम को बरमसिया क्षेत्र से किराये के आवास से शनिवार रात दबोचा गया। इनके पास से मोबाइल, सिम कार्ड, एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, चेकबुक, पेन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस व कुछ नगद जब्त किए गए। छापेमारी टीम में बेरमो सर्किल इंस्पेक्टर आरपी वाजपेयी, चन्द्रपुरा थाना प्रभारी नूतन मोदी, पुअनि अंकित राज व संदीप रवि, साइबर सेल से प्रशांत कुमार शामिल थे। 

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