ठगी: 8.5 लाख में भी नहीं बना ड्राइविंग लाइसेंस, 8 लाख लौटाने के लिए 20 हजार मांगे
लालपुर इलाके में रहने वाले रिटायर्ड कर्मचारी फेडरिक बारला ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में साढ़े आठ लाख रुपए गंवा दिए। लालपुर पुलिस को इस मामले की जानकारी मिली तो उसने पूरे मामले की गंभीरता से जांच...
लालपुर इलाके में रहने वाले रिटायर्ड कर्मचारी फेडरिक बारला ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में साढ़े आठ लाख रुपए गंवा दिए। लालपुर पुलिस को इस मामले की जानकारी मिली तो उसने पूरे मामले की गंभीरता से जांच की। फेडरिक बारला ने दर्ज प्राथमिकी में कहा है कि दो साल पहले डीटीओ ऑफिस में उनकी दोस्ती रोहित वर्मा उर्फ मो तौहिद से हुई थी। तौहिद ने कहा था कि वह डीटीओ ऑफिस में काम करता है। फेडरिक ने अपना लाईसेंस बनवाने की बात कही तो तौहिद ने कहा कि वह बनवा देगा। तौहिद ने लाइसेंस बनवाने के लिए सबसे पहले चार हजार रुपए लिए थे। फेडरिक ने लाइसेंस बनवाने के लिए जो दस्तावेज तौहिद को दिए थे, उसे फर्जी बता कर उसने फेडरिक को फंस जाने के नाम पर डराते हुए धीरे-धीरे पैसा लेते चला गया। साढ़े आठ लाख रुपए देने के बाद तौहिद ने कहा कि बीस हजार रुपए और देगा, तब उसका आठ लाख रुपए वापस हो जाएगा। घटना की पूरी जानकारी लालपुर थानेदार अरविंद सिंह को मिली तो उन्होंने एक टीम का गठन किया।
पैसा लेने पहुंचा तो आया पुलिस की गिरफ्त में
फेडरिक से बीस हजार रुपए की मांग करने के बाद तौहिद दस हजार रुपए लेने के लिए तैयार हो गया। तौहिद ने फेडरिक को पैसा लेकर बूटी मोड़ में बुलाया। फेडरिक को आगे भेजकर लालपुर थानेदार और कुछ जवान पीछे लग गए। तौहिद के आते ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का दावा है कि पूछताछ के क्रम में तौहिद ने साढ़े आठ लाख रुपए लेने की बात स्वीकार कर ली है।
बेटी के इलाज के लिए लिया पैसा
गिरफ्तार तौहिद ने पूछताछ के क्रम में पुलिस को बताया कि उसकी बेटी को एक बीमारी है। हर माह खून चढ़ाया जाता है। फेडरिक से दोस्ती होने के बाद वह उससे पैसा लेता चला गया और बेटी का इलाज कराता रहा। तौहिद ने अपना नाम बदल कर फेडरिक से दोस्ती की थी।