ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News झारखंडधनबादः पुजारी बनने से किया इनकार तो तीन परिवारों का कर दिया हुक्का-पानी बंद

धनबादः पुजारी बनने से किया इनकार तो तीन परिवारों का कर दिया हुक्का-पानी बंद

धनबाद में ग्राम देवता पूजा करने से मना करने पर सामाजिक वहिष्कार कर दिया गया है। निरसा के मंझलाडीह गांव में ग्रामीणों ने तीन परिवारों का हुक्का-पानी बंद कर दिया है। दो लोगों पर गांववालों ने जबरन...

धनबादः पुजारी बनने से किया इनकार तो तीन परिवारों का कर दिया हुक्का-पानी बंद
प्रतिनिधि निरसा,धनबादTue, 18 Jan 2022 11:55 AM

इस खबर को सुनें

0:00
/
ऐप पर पढ़ें

धनबाद में ग्राम देवता पूजा करने से मना करने पर सामाजिक वहिष्कार कर दिया गया है। निरसा के मंझलाडीह गांव में ग्रामीणों ने तीन परिवारों का हुक्का-पानी बंद कर दिया है। दो लोगों पर गांववालों ने जबरन पुजारी (नायकी) बनने का दबाव बनाया। दोनों ने पुजारी बनने से मना किया तो गांव वाले उनके विरुद्ध हो गए। गांव के ही एक अन्य व्यक्ति ने दोनों का समर्थन किया तो उनके परिवार का भी सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया। मामले की शिकायत सोमवार को एमपीएल ओपी की पुलिस से की गई है।

पूजा विधि की नही है जानकारी

गांव के राजेंद्र किस्कू ने पुलिस को बताया कि ग्रामीणों ने उन्हें जबरदस्ती नायकी (प्रथम पुजारी) बना दिया, जबकि रामलाल मुर्मू को कोडम नायकी यानी  दूसरा पुजारी बनाया गया। दोनों ने ग्रामीणों से कहा कि उन्हें पूजा करनी नहीं आती है। इसलिए वे लोग पुजारी नहीं बनेंगे। पुराने नायकी (पुजारी) से पूजा करायी जाए। इस पर गांव के लोग भड़क गए और उनके परिवारों का सामाजिक बहिष्कार करने की घोषणा कर दी। वे लोग पुराने पुजारी से पूजा नहीं कराना चाहते हैं। राजेंद्र किस्कू ने बताया कि पुराने पुजारी या पुराने पुजारी के वंशज ही पूजा करा सकते हैं। यह आदिवासी समाज की परंपरा है। गांव के ही शत्रुघ्न हेम्ब्रम ने उनका और रामलाल मुर्मू की बातों का समर्थन किया तो गांव वालों ने उनके परिवार का भी बहिष्कार कर दिया।

राजेंद्र ने पुलिस को बताया कि गांव के किसी परिवार से कोई तालुकात नहीं है। गांव मे पूजा 2016 से ही बंद है। पिछले वर्ष के फरवरी माह में 42 मौजा दुर्गापुर परगना के मांझी हड़ाम (प्रधान) की बैठक हुई थी। बैठक में कहा गया था कि पुराने नायकी (पुजारी) या उनके वंशज ही पूजा कर सकते हैं। कोई नया नायकी (नया पुजारी) नहीं बन सकता है। लेकिन गांव वाले मांझी हड़ाम की बैठक की भी बात नहीं मान रहे हैं।

सोहराय पर्व पर नाच-गान करने से रोका, कुआं घेरा

राजेंद्र किस्कू ने पुलिस को बताया कि सोहराय पर्व के अवसर पर उनके घर के सामने में दुर्गापुर गांव से आए उनके रिश्तेदार सहित उनके परिवार के लोग नृत्य, गान कर रहे थे। गांव के पांच लोगों ने उनके मेहमानों के साथ गाली-गलौज और मारपीट की। इन पांच लोगों के साथ मिल कर गांव के कुछ ग्रामीणों ने उनके घर के सामने सरकारी कुआं को भी घेर दिया है, ताकि वे लोग पानी नहीं ले सकें। गांव वालों के फरमान से उनका और अन्य दोनों परिवार के लोग मानसिक दबाव में हैं।

पुलिस का बयान

दरअसल यह गांव का पुराना विवाद है। विवाद के कारण गांव में छह साल से पूजा बंद है। कोरोना गाइड लाइन के अनुसार फिलहाल पूजा नहीं करनी है। पुलिस पदाधिकारी वसीम अनवर खान ने बताया कि दोनों पक्षों को समझाया गया है। उनसे शांति की अपील की गई है। शांति भंग करने वालों से कड़ाई से निपटा जाएगा।

 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें