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रांची में साइकिल शेयरिंग योजना को 'बेकार' कर रही हैं ये कारें

राजधानी रांची के लोगों की सेहत सुधारने और शहर को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए तीन मार्च को पब्लिक साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट की शुरुआत मोरहाबादी में की गई थी। लेकिन, प्रोजेक्ट शुरू होने के पांच माह बाद...

रांची में साइकिल शेयरिंग योजना को 'बेकार' कर रही हैं ये कारें
रांची, वरीय संवाददाताMon, 15 Jul 2019 06:16 PM
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राजधानी रांची के लोगों की सेहत सुधारने और शहर को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए तीन मार्च को पब्लिक साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट की शुरुआत मोरहाबादी में की गई थी। लेकिन, प्रोजेक्ट शुरू होने के पांच माह बाद ही हिन्दुस्तान की पड़ताल में पाया गया कि साइकिल स्टेशनों का बुरा हाल है। 
पड़ताल में मिला कि साइकिल स्टेशनों (डॉक्स) को लोगों ने अवैध पार्किंग स्थल बना दिया है। स्टेशन में साइकिल की जगह बाइक, कार, ई-रिक्शा, टेम्पो खड़े रहते हैं। इस वजह से लोग साइकिल खड़ी करने के लिए कभी इस स्टेशन तो कभी उस स्टेशन भटकते रहते हैं। सबसे खराब स्थिति मेन रोड स्थित अलबर्ट एक्का चौक, उर्दू लाइब्रेरी, एकरा मस्जिद, क्लब कॉम्प्लेक्स, डेली मार्केट टैक्सी स्टैंड, बिग बाजार और रांची नगर निगम के साइकिल स्टेशन का है। यहां सुबह नौ बजे से लेकर रात नौ बजे तक दूसरी गाड़ियां लगी रहती हैं। वहीं, डेली मार्केट टैक्सी स्टैंड में फेरीवालों का कब्जा है।

ऐसा नहीं है कि नगर निगम की नजर इस पर नहीं है। निगम तो साइकिल स्टैंड में खड़े होने वाहनों से पार्किंग भी वसूल रहा है। वहीं कंपनी का कहना है कि कई बार निगम और यातायात एसपी को इस संबंध में शिकायत की गई, कार्रवाई भी हुई, लेकिन फिर वहीं स्थिति रहती है। 
सारे दावे हुए फेल : चार्टर्ड स्पीड लिमिटेड ने बड़े दावे किए थे। कहा था कि एक साथ 60 स्टेशनों पर सातों दिन 24 घंटे साइकिल उपलब्ध रहेंगी। लेकिन, पड़ताल में मेन रोड, कांके रोड, कोकर बिरसा मुंडा समाधि स्थल, बिग बजार, जयपाल स्टेडियम डॉक्स को छोड़ दूसरे स्टेशनों पर एक-दो साइकिलें ही दिखीं। इतना ही नहीं सड़क पर साइकिल चलाते हुए कम लोग ही दिखे।

600 साइकिल चलाने का कंपनी का दावा भी फेल
कंपनी ने दावा किया था कि 600 साइकिल सड़क पर उतारी जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। स्टेशन की संख्या बढ़ी पर साइकिलों की संख्या घट गई। कंपनी का दावा है कि रोजाना 580 से 590 साइकिल उपलब्ध रह रही है। जून में प्रतिदिन 1500 से 1600 लोग साइकिल का इस्तेमाल कर रहे थे।

साइकिल को लेकर शहर के लोगों का रुझान घटा
शुरुआत में साइकिल चलाने के लिए 49 हजार लोगों ने अपने मोबाइल में एप डाउनलोड किया था। लेकिन, मांग के अनुरूप साइकिल नहीं मिलने पर इस्तेमाल करने वाले लोग कम होते गए। अब महज दो हजार लोगों ने ही पैसे देकर साइकिल चलाने का निबंधन कराया है। स्थिति नहीं सुधरी तो इसमें कमी ही आएगी।

250 से अधिक साइकिल को पहुंचा चुके हैं नुकसान
अब तक 250 साइकिलों को लोगों ने नुकसान पहुंचाया है। कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर आराज खान ने बताया कि सीट, हैंडल, स्पोक, लॉक, चक्का गार्ड को तोड़ दिया है। इसलिए अब हम स्टेशन में सीसीटीवी कैमरा लगाने की सोच रहे हैं। साथ ही शहरवासियों से अपील है कि वे साइकिल को नुकसान नहीं पहुंचाएं। 

अब तो खाना पहुंचाने के लिए कर रहे इस्तेमाल
राजधानी के लोगों की सेहत और शहर को जाम से राहत दिलाने के लिए पब्लिक बाइसाइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी। लेकिन, अब साइकिल का इस्तेमाल जोमैटो व स्विगी के कर्मचारी खाना पहुंचाने के लिए कर रहे हैं। साइकिल की मदद से युवा हर दिन 200 से 500 रुपए तक कमा रहे हैं। 

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