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घर पहुंचा बीएसएफ जवान का शव, रोया भुरकुंडा, मुहल्ले में नहीं जला चूल्हा

भुरकुंडा कोयलांचल के लाल बीएसएफ जवान अविनाश दूबे का पार्थिव शरीर मंगलवार को भुरकुंडा पहुंचा। अविनाश बीएसएफ के 93 बटालियन में हवलदार के पद पर कार्यरत थे। उनकी पोस्टिंग नागालैंड के छिदमा में थी। उनकी...

घर पहुंचा बीएसएफ जवान का शव, रोया भुरकुंडा, मुहल्ले में नहीं जला चूल्हा
भुरकुंडा (रामगढ़) हमारे प्रतिनिधिTue, 19 Feb 2019 10:21 PM
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भुरकुंडा कोयलांचल के लाल बीएसएफ जवान अविनाश दूबे का पार्थिव शरीर मंगलवार को भुरकुंडा पहुंचा। अविनाश बीएसएफ के 93 बटालियन में हवलदार के पद पर कार्यरत थे। उनकी पोस्टिंग नागालैंड के छिदमा में थी। उनकी मौत पुलवामा घटना से अति आक्रोशित होने के बाद हार्ट अटैक होने से शनिवार को हो गई थी। यहां लंबे इंतजार के बाद बीएसएफ जवानों की टुकड़ी ससम्मान जवान अविनाश दूबे का शव लेकर जवाहरनगर स्थित आवास पहुंचे। पूरा माहौल गमगीन था। तिरंगा में लिपटे अविनाश दूबे का पार्थिव शरीर देख कर मां, पत्नी अंजू देवी, भाई राजू दूबे और पुत्र पियुष फफक-फफक कर रो रहे थे। 

वहीं हजारों लोगों ने पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन किया। तत्पश्चात जवान अविनाश दूबे की शव यात्रा निकली। जिसमें संगे-संबंधी, गणमान्य लोगों के साथ बड़ी संख्या में नवयुवक शामिल हुए। गिद्दी दामोदर तट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें मुखाग्नि पुत्र पियुष कुमार ने दिया। यहां केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा, बीस सूत्री उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद, आजसू केंद्रीय महासचिव रोशनलाल चौधरी, समाजसेवी निशि पांडेय, नारायण चंद्र भौमिक, दिलीप दांगी, मनोज राम, सुशांति तिवारी, डॉ संजय सिंह, थाना प्रभारी संजय कुमार, सुखदेव प्रसाद, जगतार सिंह, मुद्रिका दूबे, जीतेंद्र तिवारी, शैलेंद्र कुमार, सतीश मोहन मिश्रा, अशोक दूबे, निशांत सिंह, अशोक सोनी, मुखिया लव कुमार महतो, प्रदीप मांझी, संतोष अग्रवाल, धीरज पाठक आदि मौजूद थे। 

सैनिक सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
बीएसएफ जवान अविनाश दूबे का सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। बीएसएफ की टुकड़ी ने बकायदा सलामी परेड, सम्मान में हथियार झुकाने के बाद गोलियों की तड़तड़ाहट से अंतिम सलामी दी गई। इसके पूर्व उनका पार्थिव शरीर कोलकत्ता होते हुए दिल्ली भाया रांची प्लेन से लाया गया। बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से बीएसएफ मेरू कैंप के इंस्पेक्टर वकील यादव के नेतृत्व में जवानों की टुकड़ी जवान अविनाश दूबे का पार्थिव शव लेकर भुरकुंडा पहुंची। 

पिता के इंतजार में चबूतरे पर बैठा था पीयुष
जवान अविनाश दूबे का एकलौता पुत्र पीयुष सुबह से ही बेचैन था। वो बार-बार घर से बाहर निकल कर चबूतरे पर बैठता और एकटक रास्ते की ओर देखता। पिता का पार्थिव शरीर पहुंचते ही लोगों का हुजूम उमड़ गया। इसी बीच पियुष पापा को दिखाओं कह कर बिलख रहा था। उसने जैसे ही तिरंगे से लिपटे अपने पिता का शव देखा चित्कार मार कर रोने लगा। इस दृश्य को देख कर आसपास खड़े लोग भी फफक कर रोने लगे। 

सैकड़ों बाइक सवार युवाओं ने की अगुवाई
बीएसएसफ जवान का शव जैसे ही मतकमा चौक पहुंचा। वहां पहले से ही इंतजार कर रहे बाइक सवार सैकड़ों युवा अविनाश दूबे अमर रहे, भारत माता की जय, वंदे मातरम का नारा लगाने लगे। युवाओं की टोली अगुवाई करते हुए जवाहरनगर तक पहुंची। इस दौरान आक्रोशित युवाओं ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। वहीं अंतिम यात्रा में भी बाइक सवार युवाओं की टोली शामिल हुई।   

शोक में नहीं जला चूल्हा
भुरकुंडा के लाल अविनाश दूबे के निधन से पूरा कोयलांचल शोक में डूबा हुआ है। शव आने के बाद जवाहरनगर मोहल्ले का दृश्य बदल गया। महिला-पुरूष और बच्चे अविनाश की एक झलक पाने को बेताब थे। शोक का आलम यह था कि मोहल्ले में चूल्हा तक नहीं जला। 

अत्येष्टि में तिरंगे के साथ शामिल हुए युवा 
पुलवामा की घटना की आग युवाओं के दिल में धधक रही है। ऐसे में जाबांज अविनाश दूबे की मौत ने सबको झकझोर दिया। अत्येष्टि में शामिल युवा वर्ग तिरंगा लहरा रहे थे। मुखाग्नि के बाद अविनाश दूबे जिंदाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे से श्मशान भूमि गूंज रहा था। 

जाम हुआ गिद्दी पुल
बीएसएफ जवान की चिता दामोदर तट सुलगते ही भुरकुंडा-गिद्दी को जोड़ने वाला पुल जाम हो गया। एक ओर स्थानीय लोगों की भीड़ थी, तो दूसरी ओर वाहन चालकों का जज्बा, जो पुल पर गाड़ी रोक कर जवान को नम आंखों से सलामी दे रहे थे। 

जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी: जयंत सिन्हा
केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने बीएसएफ जवान अविनाश को श्रद्धांजली देने दामोदर तट पर पहुंचे। यहां शोक संतप्त परिजनों को ढ़ाढस बंधाते हुए कहा कि जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। हम हर सैनिक की शहादत का बदला लेंगे। जिसे पुरी दुनिया देखेगी। वहीं आजसू के रोशनलाल चौधरी ने कहा कि आतंकवादियों को उन्ही की भाषा में जवाब देने का वक्त आ गया है। समाजसेवी निशि पांडेय ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि अब समय सैनिकों की शहादत का जवाब देने का है। उन्होंने केंद्र सरकार से कठोर कदम उठाने की मांग की है।
 

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