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शिक्षकों के गृह जिले में तबादले के लिए नियमावली में संशोधन की तैयारी, स्पीकर ने सरकार से की ये मांग

विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बुधवार को संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सूबे के शिक्षकों को उनके गृह जिले में तबादले की मांग पुरानी है। सरकार शिक्षकों को उनके गृह जिलों में स्थानांतरित करने...

शिक्षकों के गृह जिले में तबादले के लिए नियमावली में संशोधन की तैयारी, स्पीकर ने सरकार से की ये मांग
विशेष संवाददाता,रांचीWed, 10 Mar 2021 07:36 PM
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विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बुधवार को संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सूबे के शिक्षकों को उनके गृह जिले में तबादले की मांग पुरानी है। सरकार शिक्षकों को उनके गृह जिलों में स्थानांतरित करने का विचार रखती है। बिना नियमावली में संशोधन के यह मुमकिन नहीं है। सरकार सभी पहलुओं पर विचार करके नियमावली में संशोधन पर विचार करेगी। उन्होंने यह जानकारी विधायक मथुरा महतो के ध्यानाकर्षण पर दी। 

विधायक मथुरा महतो का सवाल था कि सरकार शिक्षकों के गृह जिले में स्थानांतरण पर क्या विचार रखती है। साथ ही क्या इसके लिए नियमावली में संशोधन करेगी। उनका समर्थन करते हुए विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि सरकार विशेष परिस्थिति में स्थानांतरण करने का विकल्प नियमावली में संशोधन करके जोड़ सकती है। बंधु तिर्की, अमित यादव और सुदिव्य कुमार सोनू ने भी नियमावली में संशोधन पर जोर दिया। 

पोर्टल पर आवेदन कर सकेंगे शिक्षक
संसदीय कार्य मंत्री से पहले प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने जवाब देते हुए कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति जिलों में रिक्तियों के आधार पर रोस्टर क्लीयर करके की गई थी। सरकार ने एक पोर्टल बनाया है। इसके जरिए शिक्षक स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकेंगे। विशेष परिस्थितियों में स्थानांतरण का निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एकाएक सभी शिक्षकों को गृह जिले में स्थानांतरण की सुविधा दी जाएगी तो असंतुलन पैदा हो जाएगा। 

होगा पिक एंड चूज 
गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा पोर्टल के माध्यम से आवेदन होने पर शिक्षकों का स्थानांतरण अधिकारियों के रहमो-करम पर निर्भर हो जाएगा। पिक एंड चूज के तहत तबादले होने लगेंगे। 

लघु, कुटीर उद्योगों के विकास के लिए निदेशालय पर निर्णय सीएम से चर्चा के बाद राज्य में लघु कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने से जुड़े विधायक प्रदीप यादव के ध्यानाकर्षण का मंत्री मिथिलेश ने जवाब देते हुए कहा कि 111 एमएसएमई के विकास के लिए सरकार की ओर से अनुदान किया गया है। इस पर प्रदीप यादव ने कहा कि राज्य में 2015 में 15.88 लाख कुटीर उद्योग थे और इनसे करीब 24 लाख लोगों को रोजगार मिला था। अब 3.76 लाख कुटीर उद्योग हैं और रोजगार भी इसी अनुपात में कम हुआ है। सरकार के उत्तर से लगता है कि लघु, कुटीर उद्योगों को सरकार की ओर से काफी कम संख्या में अनुदान मिल पाया। उन्होंने अनुदान की संख्या बढ़ाने के लिए लघु, कुटीर उद्योगों के लिए अलग निदेशालय बनाने की मांग की। स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने भी संताल परगना क्षेत्र में बंद हो रहे उद्योगों की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया।

मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि लघु, कुटीर उद्योगों के 20 प्रतिशत उत्पादों को सरकारी दफ्तरों में उपयोग अनिवार्य किया गया है। अलग निदेशालय पर मुख्यमंत्री से विमर्श के बाद निर्णय लिया जाएगा। इस पर प्रदीप यादव ने सुझाव दिया कि सदन शुरू होने से पहले ही मंत्री विषयों पर मुख्यमंत्री से चर्चा कर लें तो सदन को पूरी जानकारी मिल सकेगी। 

लातेहार में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निर्माण में वित्तीय अनियमितता
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने स्वीकार किया कि लातेहार में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण में वित्तीय अनियमितता हुई है। उन्होंने कहा कि संबंधित दोषी संवेदक और अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने यह उत्तर विधायक वैघनाथ राम के ध्यानाकर्षण पर दिया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मानक के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए ढाई एकड़ जमीन की जरूरत होती है। विभाग ने उपायुक्त से दो एकड़ जमीन उपलब्ध कराने के लिए कहा है। पहले करीब एक एकड़ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया जा रहा था जो मानक के मुताबिक नहीं है।

37 वर्ष से अधूरे केसव जलाशय सिंचाई योजना पूरी होगी
पूर्व मंत्री और विधायक नीरा यादव ने केसव जलाशय सिंचाई योजना का सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इस योजना की लागत 1984 में सात करोड़ से बढ़कर अब 119 करोड़ हो गई है। लेकिन अब तक न तो योजना पूरी हुई और न ही किसानों को सिंचाई में कोई मदद मिल पा रही है। मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि यह मामला कोर्ट में है। संबंधित एजेंसी और संवेदक पर एसीबी जांच चल रही है। सरकार जल्द ही इस योजना को पूरा कराएगी।

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