सुशांत सिंह राजपूत का निधन : बॉलीवुड की चकाचौंध में खुद को बनाए रखना बड़ी चुनौती
बिहार के रहनेवाले बॉलीवुड के कलाकार सुशांत सिंह राजपूत के निधन ने पूरे देश को झकझोर दिया। डिप्रेशन में चल रहे सुशांत के निधन से कलाकार जगत भी हतप्रभ है। धनबाद के रहने वाले बॉलीवुड के कलाकारों ने कहा...
बिहार के रहनेवाले बॉलीवुड के कलाकार सुशांत सिंह राजपूत के निधन ने पूरे देश को झकझोर दिया। डिप्रेशन में चल रहे सुशांत के निधन से कलाकार जगत भी हतप्रभ है। धनबाद के रहने वाले बॉलीवुड के कलाकारों ने कहा कि मुंबई की चकाचौंध के बीच अपने को बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती होती है।
धनबाद के रहनेवाले बॉलीवुड कलाकारों ने कहा कि सुशांत का जाना बहुत दुखद है। एक अच्छे कलाकारा को ऐसे नहीं जाना चाहिए था। धनबाद के कलाकारों ने कहा कि छोटे शहरों से पहुंचने वाले कलाकारों को बॉलीवुड में पहचान बनाने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर फिल्म स्टार के बेटे-भतीजे को फिल्में आसानी से मिल जाती है। स्ट्रगल के इस दौर में बहुत से कलाकार खो जाते हैं।
दुनिया का सबसे तकलीफदेह काम है फिल्म करना : जीशान कादरी
बॉलीवुड के एक्टर-डायरेक्टर जीशान कादरी ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री से जुड़कर काम करना दुनिया का सबसे मुश्किल काम है। मुंबई इतना खर्चीला शहर है कि यहां रहने के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत पड़ती है। छोटे शहर से आकर मुंबई में ब्रेक पाना मुश्किल जरूर है लेकिन अगर आपमें टैलेंट होगी तो कोई आपका रास्ता नहीं रोक सकता। सुशांत की मौत पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उसके परिवार वालों की स्थिति का भी हमें ध्यान रखकर उनका साथ देना चाहिए।
बॉलीवुड में पूरी तरह से हावी है नेपोटिज्म : दिव्या सिंह
बालीवुड और डिजिटल प्लेटफॉर्म में काम करने वाली अभिनेत्री दिव्या सिंह ने कहा कि बॉलीवुड में नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) हावी है। छोटे शहर से पहुंचे लोगों को मुंबई में रहकर स्ट्रगल करना एक चुनौती से कम नहीं है। हमें स्टार किड्स के मुकाबले अधिक मेहनत करनी पड़ती है। लाजिमी है कि हमपर दबाव अधिक रहता है। लेकिन सुशांत को यह कदम नहीं उठाना चाहिए। अगर मरने के लिए कोई एक वजह है तो जीने के लिए भी कई वजह होती है।
10-15 साल गुजारने के बाद बॉलीवुड में मिलता है ब्रेक : चंद्रशेखर दत्ता
हाल ही में आई फिल्म गुल मकई में काम करने वाले बॉलीवुड एक्टर चंद्रशेखर दत्ता ने कहा कि छोटे शहर के कलाकारों को बॉलीवुड में पहचान बनाने के लिए 10-15 साल स्ट्रगल करने होते हैं। लेकिन स्टार पुत्रों को ऐसा नहीं करना होता। मुंबई में बिहार-यूपी और झारखंड से गए कलाकारों को अपनी पहचान बनाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। सुशांत ने डिप्रेशन में आकर जो रास्ता चुना वह सही नहीं है। जीवन में कई मौके आते हैं जब इंसान को मानसिक स्थिति मजबूत रखनी होती है।