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झारखंड में टाना भगत के आंदोलन के चलते रेलवे ट्रैक जाम, छह घंटे से डाल्टनगंज में खड़ी है राजधानी

छोटानागपुर कास्तकारी अधिनियम 1947 धारा 145 टेनेंसी एक्ट को बहाल करने की मांग को लेकर करीब पांच जिलों के टाना भगत ने बरवाडीह-बरकाकाना रेलखंड स्थित टोरी जंक्शन पर रेलवे क्रासिंग के समीप रेलवे ट्रैक को...

छोटानागपुर कास्तकारी अधिनियम 1947 धारा 145 टेनेंसी एक्ट को बहाल करने की मांग को लेकर करीब पांच जिलों के टाना भगत ने बरवाडीह-बरकाकाना रेलखंड स्थित टोरी जंक्शन पर रेलवे क्रासिंग के समीप रेलवे ट्रैक को जाम कर बुधवार शाम से ही बैठे हैं।
1/ 2छोटानागपुर कास्तकारी अधिनियम 1947 धारा 145 टेनेंसी एक्ट को बहाल करने की मांग को लेकर करीब पांच जिलों के टाना भगत ने बरवाडीह-बरकाकाना रेलखंड स्थित टोरी जंक्शन पर रेलवे क्रासिंग के समीप रेलवे ट्रैक को जाम कर बुधवार शाम से ही बैठे हैं।
आंदोलन के कारण नई दिल्ली-रांची स्पेशल राजधानी एक्सप्रेस गुरुवार सुबह 6:40 बजे से डालटनगंज स्टेशन पर खड़ी है। परेशान रेल यात्रियों ने डाल्टनगंज स्टेशन पर आंशिक विरोध भी किया। यात्रियों की सहायता के लिए स्टेशन मैनेजर एके तिवारी और यातायात निरीक्षक एके सिन्हा सहित डालटनगंज रेलवे स्टेशन प्रबंधन भोजन-पानी की व्यवस्था में जुटा है।
2/ 2आंदोलन के कारण नई दिल्ली-रांची स्पेशल राजधानी एक्सप्रेस गुरुवार सुबह 6:40 बजे से डालटनगंज स्टेशन पर खड़ी है। परेशान रेल यात्रियों ने डाल्टनगंज स्टेशन पर आंशिक विरोध भी किया। यात्रियों की सहायता के लिए स्टेशन मैनेजर एके तिवारी और यातायात निरीक्षक एके सिन्हा सहित डालटनगंज रेलवे स्टेशन प्रबंधन भोजन-पानी की व्यवस्था में जुटा है।
लातेहार मेदिनीनगर । हिन्दुस्तान टीमThu, 03 Sep 2020 01:04 PM
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छोटानागपुर कास्तकारी अधिनियम 1947 धारा 145 टेनेंसी एक्ट को बहाल करने की मांग को लेकर करीब पांच जिलों के टाना भगत ने बरवाडीह-बरकाकाना रेलखंड स्थित टोरी जंक्शन पर रेलवे क्रासिंग के समीप रेलवे ट्रैक को जाम कर बुधवार शाम से ही बैठे हैं। 

इस आंदोलन के कारण नई दिल्ली-रांची स्पेशल राजधानी एक्सप्रेस गुरुवार सुबह 6:40 बजे से डालटनगंज स्टेशन पर खड़ी है। परेशान रेल यात्रियों ने डाल्टनगंज स्टेशन पर आंशिक विरोध भी किया। यात्रियों की सहायता के लिए स्टेशन मैनेजर एके तिवारी और यातायात निरीक्षक एके सिन्हा सहित डालटनगंज रेलवे स्टेशन प्रबंधन भोजन-पानी की व्यवस्था में जुटा है। अब इस ट्रेन के यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। रेलवे, जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी डालटंगनज रेलवे स्टेशन पर पंहुच कर यात्रियों को बस से भेजने की तैयारी कर रहे हैं।

750 यात्री फंसे हैं: 
स्पेशल राजधानी एक्सप्रेस में करीब 750 यात्री है फंसे हुए हैं। धनबाद रेल मंडल के पीआरओ पीके मिश्र ने कहा कि टाना भगत के आंदोलन का संबंध रेलवे से नहीं है। परंतु उन्होंने टोरी जंक्शन के पास रेलवे ट्रैक पर बैठकर आवागमन को ठप कर दिया है। इसलिए एहतियात के तौर पर विशेष राजधानी एक्सप्रेस को डाल्टनगंज स्टेशन पर रोका गया है। वैकल्पिक व्यवस्था के प्रयास जारी हैं।

कल शाम से ही जुटे हैं ट्रैक पर :
अपनी मांगों को लेकर दूसरे दिन गुरुवार को भी टाना भगत रेलवे ट्रैक को जाम किए हुए हैं। लगातार 16 घंटे से टाना भगत ट्रैक को जाम किये हैं। उनका कहना है कि सक्षम अधिकारी हमारी मांगों को पूरा करने का लिखिति आश्वासन आकर देंगे, तभी वे धरने से हटेंगे। टाना भगतों की मांग है कि छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम 1947 (धारा 145) टेनेंसी एक्ट, दफा 81, धारा ए के मुताबिक छोटानागपुर भूमि का मालिक एवं लगान पाने वाला टाना भगत खंड 1, 2, 3 उरांव, मुंडा और खड़िया हैं। हमारा हक हमें मिले। इन्हीं मांगो को लेकर टाना भगत ट्रैक जाम किये हुए हैं। ट्रैक जाम के कारण राजधानी एक्सप्रेस डाउन डाल्टेनगंज में रुकी हुई है, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है।

रात भर डटे रहे टाना भगत :
टाना भगत ने प्रशासन द्वारा दी जाने वाले किसी भी सुविधा को लेने से इनकार करते हुए खुद की व्यवस्था पर रात भी ट्रैक पर गुजारा। गुरुवार की सुबह वे लोग पास के तालाब और चापानल में जाकर अपने नित्यक्रिया से निबटकर जामस्थल में ही पूजा अर्चना की और अपना आंदोलन चालू रखा। सुबह से कई जगहों के टाना भगत भी जाम स्थल में पहुंचने लगे। प्रशासन की ओर से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये हैं।

बुधवार को सुबह से शाम तक हुआ प्रदर्शन:
बुधवार की सुबह से ही विभिन्न जगहों के टाना भगत चंदवा अलग-अलग मार्ग से टोरी जंक्शन पहुंचने लगे। सुबह से लेकर दोपहर तक संख्या कम थी, तो पुलिस ने इन्हें हिरासत में लिया। पर दोपहर बाद ये सैंकड़ों की संख्या में जमा हो गए। इसके बाद वे आंदोलन व जुलूस की शक्ल में मुख्य बाजार होते टोरी रेलवे लाइन पर आ पहुंचे और ट्रैक को जाम कर दिया। लातेहार, गुमला, लोहरदगा, रांची, हजारीबाग समेत कई जिलों के टाना भगत बुधवार को चंदवा पहुंचे थे।

देश भक्त टाना भगतों को सड़क पर उतरना पड़ा : प्रतुल शाहदेव
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि टाना भगतो द्वारा अपनी मांगों के विषय पर पूर्व सूचना दिए जाने के बावजूद सरकार की उदासीनता के कारण आज इस वर्ग को सड़कों पर उतरना पड़ा। प्रशासन द्वारा इन्हें हिरासत में लिया गया, जो निंदनीय है। इनके द्वारा सूचना दिए जाने के बावजूद सरकार का कोई प्रतिनिधि या प्रशासन का कोई बड़ा अधिकारी वार्ता के लिए नहीं आया, जो इस पूरे सरकार का इस देशभक्त आदिवासी समुदाय के प्रति रवैया दिखाता है।

महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलता है अहिंसा वादी समुदाय टाना भगत
झारखंड के मूल निवासियों में से एक टाना भगत आदिवासी समुदाय से आते हैं। महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलने वाले इस समुदाय की खासियत सफेद कपड़े और सफेद गांधी टोपी है यही इनकी पहचान भी है। मुख्य रूप से झारखंड के रांची, गुमला, लातेहार और चतरा में निवास करने वाले टाना भगत स्वतंत्रता की लड़ाई में महात्मा गांधी के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़े थे। इतिहासकार बताते हैं कि टाना भगत आंदोलन बिरसा मुंडा के आंदोलन की समाप्ति के करीब 13 साल बाद शुरू हुआ। इनका लक्ष्य आदिवासी जनता को संगठित करने और अंग्रेजों के खिलाफ अहिंसक लड़ाई लड़ना था। आज भी यह समुदाय अपनी जल-जंगल-जमीन के लिए अहिंसक प्रदर्शन करने में विश्वास रखता है। 

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