थाने में सिपाही ने फांसी लगाई, फंदे से झूलता मिला शव
बीआईटी ओपी में शुक्रवार को मुंशी दीपक कुमार पटेल ने फांसी के फंदे पर झूलकर खुदकुशी कर ली। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया है। बीआईटी थानेदार वीरेंद्र कुमार ने बताया कि तीन बजे दीपक...
बीआईटी ओपी में शुक्रवार को मुंशी दीपक कुमार पटेल ने फांसी के फंदे पर झूलकर खुदकुशी कर ली। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया है। बीआईटी थानेदार वीरेंद्र कुमार ने बताया कि तीन बजे दीपक खाना खाने के बाद सोने की बात बोलकर अपने कमरे में चला गया था। दीपक का कमरा ओपी के अंदर है। ओपी में दूसरा जवान आया तो वह दीपक की तलाश में उसके कमरे तक गया लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था।
जवान ने दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया लेकिर दीपक ने कोई आवाज नहीं दिया। जवान ने दीपक को फोन किया पर दीपक ने नहीं उठाया। दूसरा जवान अख्तर खिड़की से कमरे के अंदर देखा तो दीपक फांसी के फंदे पर झूल रहा था। अख्तर ने घटना की जानकारी थानेदार को दी। थानेदार रूक्का में वाहन चेकिंग कर रहें थे। थानेदार ने दरवाजा तोड़ने का आदेश दिया तो अख्तर ने दरवाजा तोड़ा और दीपक को फंदे से नीचे उतारा। दीपक की मौत हो चुकि थी। घटना की सूचना पाकर सदर डीएसपी,सिटी डीएसपी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली।
दीपक की मौत होते ही पत्नी का आया फोन
दीपक पटेल की मौत होने के बाद उसके मोबाइल पर पत्नी का फोन आया। एक जवान ने पत्नी से बात की तो पत्नी ने कहा कि दीपक को क्या हो गया। उसने फोन क्यों नहीं उठाया। दीपक ने कुछ कर लिया है क्या। जवान ने दीपक की मौत की खबर पत्नी को दे दी। ओपी में पदस्थापित पुलिसकर्मियों का कहना था कि दीपक अकसर अपनी पत्नी से फोन पर बातें करता रहता था। प्रतिदिन वह सात से आठ घंटे तक फोन पर रहता था। ओपी में काम करने के दौरान उसका हेडफोन कान में लगा रहता और वह बात करता रहता था।
चार अगस्त को बेटी का बर्थडे में जाने वाला था जमेशदपुर
सदर थानेदार वैंक्टेश कुमार ने बताया कि दीपक की दो बेटी है। एक बेटी का सात अगस्त को बर्थडे था। दीपक चार अगस्त को बेटी का बर्थडे में शामिल होने के लिए जमेशदपुर जाने वाला था। उसे पांच दिन की छुट्टी दी गई थी। एक सप्ताह पहले दीपक जमेशदपुर से लौटा था। वह अपनी मां को देखने गया गया था।
पारिवारिक विवाद में जवान ने की खुदकुशी
पुलिस आशंका जता रही है कि दीपक पटेल ने पारिवारिक विवाद में खुदकुशी कर ली। दीपक किसी और बात से परेशान नहीं रहता था। पुलिस ने यूडी का केस दर्ज कर लिया है। पत्नी का बयान लेने के बाद ही पूरे मामले का खुलासा हो पाएगा। दीपक की मौत की खबर मिलने के बाद उसका भाई रांची पहुंचा। पुलिस ने उससे पूछताछ की। भाई ने पुलिस को बताया कि दीपक ने ऐसा कदम उठा लिया किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा है। दीपक ने कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा है।
2005 में हुआ था बहाल
दीपक पटेल मूल रूप से गुजरात का रहने वाला है। वर्ष 2005 में वह पुलिस में बहाल हुआ था। बीआईटी ओपी में वह पिछले ढाई साल से था। ओपी में तैनात अन्य पुलिसकर्मियों का कहना था कि दीपक का किसी से विवाद नहीं होता था। पुलिस दीपक के दोनों मोबाइल नंबर का कॉल डिटेल निकाल रही है। इससे स्पष्ट हो जाएगा कि मौत से पहले दीपक ने किस किस से बातें की थी।