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संबंध विच्छेद : पति-पत्नी का विवाद दस वर्षों बाद निपटा

शादी के तीसरे दिन से लेकर दस वर्षों तक विवाहिता पति के साथ सास-ससुर को निचली अदालत से लेकर शीर्ष अदालत तक मुकदमा लड़ने को मजबूर करती रही। वर्षों से चल रहे मुकदमे पर पिछले दिनों मध्यस्थता से विराम लगा।...

संबंध विच्छेद : पति-पत्नी का विवाद दस वर्षों बाद निपटा
रांची संवाददाताSat, 11 Jul 2020 05:04 PM
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शादी के तीसरे दिन से लेकर दस वर्षों तक विवाहिता पति के साथ सास-ससुर को निचली अदालत से लेकर शीर्ष अदालत तक मुकदमा लड़ने को मजबूर करती रही। वर्षों से चल रहे मुकदमे पर पिछले दिनों मध्यस्थता से विराम लगा। लड़का ने दस साल पुरानी शादी के बंधन से मुक्त होकर अलग-अलग रहने पर सहमति जतायी। इसके लिए लड़के को एक मुश्त 11 लाख रुपए का भुगतान लड़की (पत्नी) को करना पड़ा। डालसा रांची के मध्यस्थ निर्मल रंजन दोनों के विवाद को खत्म कराने में सफल रहे।

   झारखंड हाईकोर्ट ने मामले को मध्यस्थता से निष्पादन कराने को लेकर मध्यस्थता केन्द्र रांची भेजा था। डालसा सचिव अभिषेक कुमार ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामले को निष्पादित किया गया, जो बड़ी सफलता है। 

क्या है पूरा मामला : पटना निवासी मनोज (नाम बदला हुआ) की शादी मधुबनी निवासी कविता (नाम बदला हुआ) के साथ वर्ष 2010 में हुई थी। शादी के बाद कविता अपने ससुराल आई। लेकिन प्रीतिभोज के बाद रस्म के नाम पर उसके परिजन अपने साथ ले गए। इसके बाद कभी लौट कर ससुराल नहीं आई। 

लड़की के पिता बोकारो में नौकरी करते हैं, जबकि लड़के के पिता डॉक्टर हैं। लड़का इंजीनियर है और रांची में ही रह रहा है। लड़का ने कई बार पत्नी को लाने की कोशिश की। लेकिन वह हमेशा कोई-न-कोई बहाना बनाकर पति के साथ आने को टालती रही। इसके बाद मनोज ने फैमिली कोर्ट में विवाह विच्छेद का मुकदमा किया। इसकी जानकारी मिलते ही लड़की ने बोकारो में पति के साथ सास-ससुर के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस कर दिया। लड़के के पिता प्राथमिकी को निरस्त कराने के लिए हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गए। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को पुन: हाईकोर्ट भेज दिया। हाईकोर्ट से मध्यस्थता केंद्र्र रांची पहुंचा।   

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