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हिंदी न्यूज़ झारखंडनियोजन नीति का विरोध जारी, संताल परगना में आज मशाल जूलूस; 1 अप्रैल को बंद

नियोजन नीति का विरोध जारी, संताल परगना में आज मशाल जूलूस; 1 अप्रैल को बंद

झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन की मांग है कि 60-40 वाली नियोजन नीति को वापस लिया जाए। खतियान आधारित नियोजन नीति बने। जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण रोस्टर जारी किया जाए। मांग मांगने तक विरोध जारी रहेगा।

नियोजन नीति का विरोध जारी, संताल परगना में आज मशाल जूलूस; 1 अप्रैल को बंद
Suraj Thakurलाइव हिन्दुस्तान,रांचीFri, 31 Mar 2023 01:45 PM
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झारखंड की हेमंत कैबिनेट द्वारा लाई गई नई नियोजन नीति के विरोध में संताल परगना में शुक्रवार की शाम को मशाल जुलूस निकाला जाएगा। इस दौरान झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन ने संताल परगना में बंद का आह्वान भी किया है। झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन का कहना है कि किसी भी सूरत में 60-40 की नीति नहीं चलेगी। नारा स्पष्ट है कि 60-40 नाय चलतौ। 

खतियान आधारित नियोजन नीति की मांग
झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन की मांग है कि 60-40 वाली नियोजन नीति को वापस लिया जाए। खतियान आधारित नियोजन नीति बने। जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण रोस्टर जारी किया जाए। सभी विभागों में रिक्त पदों पर अविलंब नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जाए। गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन भी झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन और झारखंड यूथ एसोसिएशन के बैनर तले नियोजन नीति के विरोध में विधानसभा घेराव किया गया था। इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई थी। पुलिस ने स्टूडेंट की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया था। आंसू गैस के गोले भी दागे थे। सरकार का तर्क है कि नई नियोजन नीति स्टूडेंट्स की राय पर लाई गई है। 

जेएसएसयू ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
अब इस मसले पर झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार ने उनकी चिंता और मांगों पर कोई सकारात्मक पहल नहीं की है। हेमंत सोरेन सरकार की उदासीनता की वजह से आंदोलन तेज किया जाएगा। इसी सिलसिले में संताल परगना प्रमंडल के सभी 6 जिला मुख्यालयों में शुक्रवार को मशाल जुलूस निकाला जाएगा और 1 अप्रैल को संताल परगना बंद का आह्वान किया गया है। 

जेएसएसयू के देवेंद्रनाथ महतो ने कहा कि हमारी अपील है कि छात्रहित में सभी गाड़ी चालक, दुकानदार, शिक्षण संस्थान और व्यवसायी बंद को सफल बनाने में सहयोग करें। बंद के दौरान एंबुलेंस, दूध और परिवहन के साधनों को मुक्त रखा जाएगा। 

नियोजन नीति को लेकर गर्म है सियासत
आपको बता दें कि झारखंड में नियोजन नीति को लेकर जनवरी 2022 से ही लगातार उग्र आंदोलन जारी है। दरअसल, फरवरी 2020 में हेमंत सोरेन सरकार नई नियोजन नीति लाई थी। इसमें, राज्य की तृतीय एवं चतुर्थवर्गीय नौकरियों में आवेदन के लिए झारखंड से ही 10वीं-12वीं पास करने की अनिवार्यता रखी गई थी। अभ्यर्थियों के लिए झारखंड की स्थानीय भाषा, संस्कृति एवं परिवेश की बुनियादी जानकारी रखना अनिवार्य किया गया था। क्षेत्रीय भाषा की सूची से हिंदी को हटाकर उर्दू भाषा को शामिल किया गया था। दिसंबर 2022 में झारखंड हाईकोर्ट ने इसे असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया।

नियोजन नीति के किन प्रावधानों पर आपत्ति
फरवरी 2023 में हेमंत सोरेन सरकार नई नियोजन नीति लाई जिसमें झारखंड से ही 10वीं-12वीं पास करने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई। स्थानीय भाषा, संस्कृति एवं परिवेश की जानकारी की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई। हिंदी को दोबारा शामिल किया गया। झारखंड की नियुक्तियों में 60 फीसदी सीटें स्थानीय के लिए आरक्षित की गई वहीं 40 फीसदी सीटें ओपन फॉर ऑल रखी गई। अब इसका विरोध किया जा रहा है। अभ्यर्थी खतियान आधारित नियोजन नीति की मांग कर रहे हैं। 60-40 नाय चलतौ का नारा लगा रहे हैं।