ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News झारखंडरांचीः सदर अस्पताल के वार्ड तक पहुंची गईं एक्सपायरी दवाएं, डॉक्टर की सतर्कता से बचे मरीज

रांचीः सदर अस्पताल के वार्ड तक पहुंची गईं एक्सपायरी दवाएं, डॉक्टर की सतर्कता से बचे मरीज

सदर अस्पताल में भर्ती कोरोना के मरीज समय रहते एक्सपायरी दवा लेने से बच गए। अस्पताल के स्टोर से एक्सपायरी दवा ही भर्ती मरीजों को देने के भेज दी गई, लेकिन डॉक्टरों की सतर्कता के कारण यह दवा मरीजों को...

रांचीः सदर अस्पताल के वार्ड तक पहुंची गईं एक्सपायरी दवाएं, डॉक्टर की सतर्कता से बचे मरीज
रांची। संवाददाताThu, 13 May 2021 08:47 PM
ऐप पर पढ़ें

सदर अस्पताल में भर्ती कोरोना के मरीज समय रहते एक्सपायरी दवा लेने से बच गए। अस्पताल के स्टोर से एक्सपायरी दवा ही भर्ती मरीजों को देने के भेज दी गई, लेकिन डॉक्टरों की सतर्कता के कारण यह दवा मरीजों को नहीं दी जा सकीं। इस तरह की लापरवाही से मरीजों की जान भी जा सकती थी। 

बुधवार की रात के 11 बजे की शिफ्ट में ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों ने दवा देने से पहले डेट चेक किया, तो असलियत सामने आयी। इसकी जानकारी डॉक्टरों ने तत्काल प्रबंधन को दी। रात में ऐसा होने के कारण परिजन बाहर से भी दवा नहीं ला सके। सदर अस्पताल में तैनात डॉक्टरों ने बताया कि दवाओं की एक्सपायरी चेक कर ही वार्ड में भेजी जानी चाहिए थी।

पहले भी हो चुका है रिएक्शन:
सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों ने बताया कि तीन दिन पहले भी पांचवें तल्ले में भर्ती कई मरीजों में एक साथ रिएक्शन देखा गया था, जिसके बाद तत्काल वार्ड में मौजूद नर्सिंग स्टाफ ने जरूरी इंजेक्शन देकर मरीजों को राहत दिलायी थी। अस्पताल प्रबंधन स्थिति को दुरुस्त करने की बात लगातार कह है, पर इस तरह की लापरवाही मरीजाों के लिए जानलेवा हो सकती है। बता दें कि बुधवार को भी मरीजों ने बासी नास्ता दिया गया था, जिससे बदबू आ रही थी। इस कारण मरीजों ने उसे फेंक दिया। 

रात होने के कारण बाहर से भी नहीं मिली दवा:
एक तरफ एक-एक सेकेंड की देर मरीजों की जान ले रही है, वहीं रात में वार्ड में एक्सपायरी दवा मिलने के कारण मरीजों के परिजन बाहर से दवा नहीं ला सके। उनका कहना था कि अगर ऐसी घटना दोपहर में होती तो हम बाहर से दवा ले भी आते। रात में 11:30 बजे सभी दुकानें बंद हो गई थीं, तो दवा कहां से लाते। उन्होंने कहा कि स्टोर से दवा की तिथि देखकर भेजनी चाहिए। अगर डॉक्टरों से नजरअंदाज हो जाता, तो मरीजों का क्या होता?

-उपाधीक्षक डॉ एस मंडल ने बताया कि यह बात मेरे संज्ञान में आई है। पिछले साल कोविड के दौरान एक डिब्बा दवा बची हुई थी। सिस्टर भूलवश उसे उठा लायी थी। अब एक भी नहीं बची है, उसे डिस्पोज कर दिया गया है। सदर के पास एक भी एक्सपायरी दवा नहीं है। आगे से इसका ख्याल रखा जाएगा।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें