Raksha Bandhan 2018 : भाई की सलामती के लिए बहन ने टाल दी शादी
रक्षाबंधन पर हर बहन भाई की सलामती के लिए राखी बांधेगी। पलामू में एक बहन पिछले पांच सालों से अपने भाई की सलामती के लिए दिन रात एक किए हुए है। उसका भाई दिल्ली में हादसे के बाद कोमा में चला गया था।...
रक्षाबंधन पर हर बहन भाई की सलामती के लिए राखी बांधेगी। पलामू में एक बहन पिछले पांच सालों से अपने भाई की सलामती के लिए दिन रात एक किए हुए है। उसका भाई दिल्ली में हादसे के बाद कोमा में चला गया था। तब से वह बिना थके अपने कंधे के सहारे भाई को चलाती है। व्यायाम कराती है। अपनी खुशी का त्याग करके भाई को हंसाती है। उसने भाई के लिए पढ़ाई छोड़ दी और जब तक वह ठीक नहीं होता तबतक शादी नहीं करने की ठानी है।
छह माह कोमा में रहा था रंजीत
पलामू के चैनपुर प्रखंड में स्थित रामपुर गांव निवासी इंद्रदेव सिंह के बेटे रंजीत का 12 दिसंबर 2013 को दिल्ली में एक्सीडेंट हो गया था। रंजू बताती है कि रंजीत दिल्ली में एक कॉल सेंटर में काम करता था। एक्सीडेंट के बाद उसे पुलिस ने दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया था। वहां छह माल तक वह कोमा में रहा। तीन साल तक उसका दिल्ली में ही उपचार हुआ। वह बेड पर पड़ा रहता था। केवल देखता था। न उठता था न बैठता था, न ही बोल पाता था। बहिन हर वक्त उसके पास रहती थी।
गत वर्ष होली से पहले भाई को लेकर आई रिम्स
रंजू ने बताया कि वर्ष 2017 में वह होली से पांच-छह दिन पहले रिम्स आ गई। उसके बाद से वह रिम्स के फिजियोथेरेपी विभाग में रंजीत का उपचार करा रही है। रिम्स के ही रैन बसेरा में भाईयों के साथ रहती है। यहां वह हर दिन रंजीत का लगभग तीन से चार घंटे रिम्स में फिजियोथेरेपी कराती है। हर दिन दोनों भाई बहन मिलकर उसे लगभग एक किलोमीटर चलाते हैं।
पांच साल बाद मनाएगी रक्षा बंधन
इस वर्ष अब रंजीत कुछ बोलने लगा है। रंजीत को लेकर वह शनिवार को अपने गांव गई है। भाई को राखी बांधने उसकी बड़ी बहन भी आई है।
अपनी पढ़ाई छोड़ दी
जिस समय रंजीत का एक्सीडेंट हुआ था, रंजू बारहवीं में पढ़ती थी। लेकिन भाई का एक्सीडेंट होने के कारण उसने अपनी पढ़ाई छोड़ दी। कहती है, भाई की सलामती के आगे उसके लिए दुनिया की हर खुशी छोटी है। वह जब तक अपने भाई को पूरी तरह ठीक नहीं कर लेती है, वह अपने लिए कुछ भी नहीं करेगी।
रक्षा बंधन विशेष: बहनें आज शाम 4:17 बजे तक भाईयों को बांध सकेंगी राखी