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बिजली-पानी, शौचालय और 25% गरीब बच्चों को एडमिशन नहीं तो बंद होंगे निजी स्कूल 

राज्य में शिक्षा के अधिकार (आरटीई) कानून का पालन नहीं करने वाले निजी स्कूल बंद होंगे। जिन स्कूलों में आरटीई नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है, वैसे स्कूलों पर ताला लगाया जायेगा। राज्य में क्लास...

बिजली-पानी, शौचालय और 25% गरीब बच्चों को एडमिशन नहीं तो बंद होंगे निजी स्कूल 
रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरोMon, 11 Feb 2019 06:05 PM
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राज्य में शिक्षा के अधिकार (आरटीई) कानून का पालन नहीं करने वाले निजी स्कूल बंद होंगे। जिन स्कूलों में आरटीई नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है, वैसे स्कूलों पर ताला लगाया जायेगा। राज्य में क्लास एक से आठ तक के 6,558 निजी स्कूल रजिस्टर्ड हैं। इसमें से 1796 स्कूल ऐसे हैं, जहां बिजली की व्यवस्था नहीं है। जबकि 409 स्कूलों में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। वहीं, 385 स्कूलों में लड़कों के लिए और 348 स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय नहीं है। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग जिलों को ऐसे स्कूलों को अंतिम नोटिस देने का निर्देश दिया है। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने जिलों को निर्देश दिया है कि निजी स्कूलों की जांच की जाये कि वह शिक्षा के अधिकार कानून का पालन कर रहे हैं या नहीं। ऐसे स्कूलों को अंतिम रूप से अल्टीमेटम दिया जाये। एक समय सीमा के अंदर अगर निजी स्कूल मापदंडों को पूरा नहीं करते हैं तो उसे बंद कर दिया जायेगा। 

नहीं हो पा रहा है गरीब बच्चों का नामांकन 
राज्य के निजी स्कूलों में आरटीई के तहत ही 25 फीसदी सीटों पर गरीब व कमजोर तबके के छात्र-छात्राओं का नामांकन होना अनिवार्य है, लेकिन यह पूरी तरह लागू नहीं हो पा रहा है। राज्य के 7500 गरीब छात्र-छात्राओं का ही निजी स्कूलों में नामांकन हो सका है। इन छात्र-छात्राओं के लिए सरकार प्रति बच्चा सालाना 5100 रुपये स्कूलों को देती है। शिक्षा विभाग ने जिलों इसे शत प्रतिशत लागू करने का निर्देश दिया है।  

आरटीई में निजी स्कूल     
स्कूल के प्रकार          एक से पांच           एक से आठ 
स्कूल की संख्या             2580            3978
छात्र शौचालय नहीं         239            146
छात्रा शौचालय नहीं         230          118
पेयजल नहीं                  219           190
बिजली नहीं                    877           919
 

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