हवलदार की गला घोंटकर हत्या, फिर अस्पताल से खूंखार कैदी हुआ फरार; रचा था बीमारी का ड्रामा
शाहिद अंसारी हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कैदी वार्ड में तैनात पुलिस जवान की हत्या कर भाग गया। वह पांच हत्याओं के आरोप में सजा काट रहा था। उसपर रेप का भी मामला दर्ज है।
शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के कैदी वार्ड में इलाज के नाम पर भर्ती कैदी शाहिद अंसारी ने रविवार की रात सुरक्षा में तैनात हवलदार चोहन हेम्ब्रम की हत्या कर दी। मौके से वह हथकड़ी खोलकर फरार हो गया। शाहिद अंसारी जेपी केंद्रीय कारा में उम्रकैद की सजा काट रहा था। उसे धनबाद से यहां शिफ्ट किया गया था। उसपर हत्या और पॉक्सो का मामला दर्ज है। उसपर धनबाद के सुदाम डीह में पॉक्सो और पाथरडीह में हत्या के वारदात को अंजाम देने का आरोप है।
जानकारी के मुताबिक, 25 जुलाई को शाहिद अंसारी को जेपी केंद्रीय कारा हजारीबाग से हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कैदी वार्ड में इलाज के लिए लाया गया था। डॉक्टर अभिषेक के अनुसार उसने ड्रॉप फुट की शिकायत की थी। अपना पैर वह हमेशा उठा कर रखता था। उसे एमआरआई के लिए रिम्स भेजा जाना था। शनिवार को मेडिकल बोर्ड ने यह फैसला लिया था।
स्लाइन चढ़ाने वाले पाइप से गला घोंट दिया
सूचना के अनुसार रविवार की रात सुरक्षा में तैनात हवलदार चोहन हेंब्रम पर लोहे की रॉड से प्रहार किया। जिससे वह अचेत हो गए इसके बाद स्लाइन चढ़ाने वाली पाइप से उनका गला घोटकर हत्या कर दी। चोहन हेंब्रम गिरिडीह के पीरटांड़ के तारातांड़ का रहने वाले थे। उनके दो बच्चे हैं।
बीमारी का बनाया बहाना, रचा ड्रामा
कैदी शाहिद शरीर के दाहिने हिस्से में झुनझुनी की शिकायत करता था। अपना पैर वह उठा कर रखता था। एम्स में इलाज करने के लिए भी उसने आवेदन दिया था। लेकिन इसका आवेदन अस्वीकार करते हुए हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया था। पिछले 14 दिनों से वह इलाज के नाम पर भर्ती था।
फरार की गिरफ्तारी के लिए सर्च ऑपरेशन जारी
फरार सजायाफ्ता की गिरफ्तारी के लिए पूरे इलाके में ऑपरेशन चलाया जा रहा है। शाहिद अंसारी को धनबाद जेल से हजारीबाग सेंट्रल जेल शिफ्ट किया गया था। शाहिद अंसारी के ऊपर दो मामला धनबाद में चल रहा था। सुदामा डीह थाना में केस संख्या 40/17 के तहत धारा 341, 323, 354, 356डी, 306, रेप समेत पॉक्सो का मामला दर्ज है। वहीं शाहिद अंसारी पर पाथरहीह थाना में कांड संख्या 40/18 के तहत धारा 302, 201, 382 के तहत मामला दर्ज है। कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई है। शाहिद अंसारी मूल रूप से धनबाद का रहने वाला है। उसकी उम्र लगभग 41 वर्ष है। इसका तालुकात प्रिंस गिरोह से बताया जा रहा है जो धनबाद का खूंखार गिरोह है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
मीडिया से बात करने से बचते रहे अधिकारी
घटना के बारे में हजारीबाग एसपी ने किसी भी तरह का बयान नहीं दिया। दूसरी ओर एसडीओ शैलेश कुमार सिंह भी बयान देने से बचते रहे। लगभग 2 घंटे तक एसपी मेडिकल कॉलेज प्रताप परिसर में उपस्थित रहे। उन्होंने सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को खंगाला। जिसमें यह स्पष्ट दिख रहा है कि कैदी शाहिद अंसारी घटना को अंजाम देकर बाहर निकल रहा है। उस दौरान कोई भी सुरक्षाकर्मी बाहर तैनात नहीं था।
पहले भी फरार हुए हैं बंदी
शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल से यह पहला मामला नहीं है। यहां से पहले भी कैदी फरार हुए हैं। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा हो रहा है। वर्तमान समय में 30 होमगार्ड के जवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में तैनात किए गए हैं। वहीं निजी सुरक्षा गार्ड भी तैनात रहते हैं। रात के समय महज एक सुरक्षाकर्मी के बदौलत कैदी वार्ड रहता है। यहां पर तीन सुरक्षागार्डों की ड्यूटी लगाई गई है। कैदी वार्ड के बाहर भी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं दिखा। एक मुख्य दरवाजा है जिससे डॉक्टर, मरीज और सभी का आना-जाना होता है। घटना को अंजाम देकर बड़े इत्मीनान के साथ अपराधी फरार हो गया।
दिव्यांग मरीज ने वार्ड ब्वॉय को दी सूचना
जब कैदी फरार हो रहा था तब 11:40 बज रहे होंगे। बरामदे में सोया दिव्यांग मरीज ने कैदी को भागते देखा। तो उसने वार्ड ब्वॉय को सूचना दी। फरार होने वाला कैदी आई हॉस्पिटल तक भागते हुए पैदल गया। उसके बाद का फुटेज नहीं दिखा। समझा जा रहा है वह अपने साथियों के साथ निकल गया। कैदी शाहिद ने हवलदार की हत्या के बाद अपनी हथकड़ी हवलदार के जेब से चाबी निकाल कर खोल ली। फिर उसी हथकड़ी को गेट में लगा दी।