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हिंदी न्यूज़ झारखंडपैरा शिक्षकों को अब सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद, झारखंड सरकार को भेजा नोटिस; ये है पूरी मांग

पैरा शिक्षकों को अब सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद, झारखंड सरकार को भेजा नोटिस; ये है पूरी मांग

समान काम के लिए समान वेतन और समायोजन की मांग को लेकर पैरा टीचर्स की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को तलब किया है। कोर्ट ने अगली पेशी पर जवाब दाखिल करने को कहा है।

पैरा शिक्षकों को अब सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद, झारखंड सरकार को भेजा नोटिस; ये है पूरी मांग
Abhishek Mishraहिन्दुस्तान,रांचीSat, 25 Mar 2023 07:34 AM
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टेट (टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) पास पैरा शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सुनवाई के दौरान सेवा नियमितीकरण और समान काम के बदले समान वेतन देने के मामले में शुक्रवार को कोर्ट ने झारखंड सरकार को नोटिस जारी किया। सरकार को इस मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।

सुनील कुमार यादव एवं अन्य की ओर से दायर एसएलपी पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने यह नोटिस जारी किया। इस मामले में पहले प्रार्थियों ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर 2022 को याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद प्रार्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की।

प्रार्थियों की ओर से अदालत को बताया गया कि राज्य के करीब 11 हजार टेट पास लोग पैरा टीचर के पद पर 15 साल से अधिक समय से काम कर रहे हैं। ये सभी टेट पास हैं और शिक्षक बनने के लिए आवश्यक पात्रता रखते हैं। राज्य में शिक्षकों के पद रिक्त भी हैं। लिहाजा सभी को राज्य में सहायक शिक्षक के रिक्त पदों पर समायोजित कर देना चाहिए। शिक्षक बनने की सभी अर्हता रखने के बाद भी उन्हें नियमित शिक्षक से काफी कम मानदेय मिलता है। समान काम के बदले उन्हें समान वेतन मिलना चाहिए।

हाईकोर्ट में इस मामले में राज्य की ओर से बताया गया था कि पैरा शिक्षकों की सेवा को नियमित करने और उन्हें अन्य सुविधाएं देने के लिए झारखंड शिक्षा परियोजना ने एक कमेटी बनायी है। कमेटी की अनुशंसा के आधार पर पैरा शिक्षकों को सुविधाएं दी जा रही हैं। साथ ही सहायक शिक्षकों की नियुक्ति में पारा शिक्षकों को 50 फीसदी आरक्षण का लाभ भी दिया जा रहा है। इस नियम के तहत कई पैरा शिक्षकों की सेवा नियमित हो गयी है। राज्य सरकार के अनुसार ऐसे में बिना परीक्षा में शामिल किए शिक्षकों की सेवा नियमित नहीं की जा सकती। मानदेय में बढ़ोतरी की गयी है। अलग अलग श्रेणी के शिक्षकों का मानदेय बढ़ाया गया है। जो पैरा शिक्षक टेट पास किए हैं उनका मानदेय भी निर्धारित है। ऐसे में सिर्फ टेट पास शर्त पर सेवा नियमित नहीं की जा सकती या उनका समायोजन नहीं किया जा सकता।

पैरा शिक्षकों की नियुक्ति की घोषणा

राज्य में बनी जिस नियोजन नीति के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति होनी थी, वह रद्द कर दी गयी है। ऐसे में जब तक नई नियोजन नीति धरातल पर नहीं आती तब तक बच्चों की पढ़ाई में बाधा न हो इसके लिए पैरा शिक्षकों को नियुक्त करने की मंत्री ने घोषणा की है। इनकी नियुक्ति दिल्ली और गोवा के तर्ज पर होगी। इसमें प्रशिक्षित और टेट पास अभ्यर्थियों को मौका दिया जाएगा। उन्हें वर्तमान में कार्यरत सहायक अध्यापकों के समान 22,500 का मानदेय दिया जाएगा। जब शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति हो जाएगी, तब इनकी सेवा समाप्त हो जाएगी। उनकी नियुक्ति इसी शर्त पर किए जाने पर विचार चल रहा है।

पंचायत, स्कूल प्रबंधन समिति से नियुक्ति

शिक्षा मंत्री ने जगरनाथ महतो ने मामले में पूर्व में कहा था कि पैरा शिक्षकों की नियुक्ति 2012 से बंद है। पहले की नियुक्ति में आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं होता था, अब नियुक्ति में आरक्षण रोस्टर का पालन होगा। नियुक्ति पंचायत या स्कूल प्रबंधन समिति करेगी। नियुक्ति स्कूल या पंचायत स्तर पर उपलब्ध सीटों की संख्या के आधार पर की जायेगी।