नौसैनिक सूरज की मौत के मामले में पालघर पुलिस का हैरान करने वाला खुलासा- हत्या नहीं कर्ज से परेशान होकर किया था सुसाइड
झारखंड के डाल्टनगंज के रहने वाले 27 वर्षीय नौसैनिक सूरज दुबे की मौत के मामले को सुलझा लेने का दावा महाराष्ट्र की पालघर पुलिस ने किया है। पालघर के एसपी ने बुधवार को यह दावा करते हुए कहा कि इस केस...
झारखंड के डाल्टनगंज के रहने वाले 27 वर्षीय नौसैनिक सूरज दुबे की मौत के मामले को सुलझा लेने का दावा महाराष्ट्र की पालघर पुलिस ने किया है। पालघर के एसपी ने बुधवार को यह दावा करते हुए कहा कि इस केस की पड़ताल के दौरान सामने आई सीसीटीवी फुटेज और दूसरी जांचों से यह लग रहा है कि सूरज ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। उन्हें जिंदा जलाकर मार डालने की बात गलत है।
एसपी ने बताया कि सूरज कुमार दुबे को एक पेट्रोल पंप से डीजल खरीदते हुए देखा गया है। उन्होंने कहा कि अभी तक की जांच से यह साफ हुआ है कि सूरज ने अपने बयान में अपहरण और जिंदा जलाने की जो भी बातें बताई थीं वे गलत थीं। उन्होंने कहा कि असल में सूरज ने लाखों रुपए का कर्ज ले रखा था। वह उसे वापस नहीं कर पा रहे थे। उधारी से बचने के लिए उन्होंने यह रास्ता चुना। खुद को आग लगा ली। इससे वह गंभीर रूप से झुलस गए और बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। गौरतलब है कि इस मामले में बुरी तरह जल चुके सूरज ने कहा था कि कुछ लोगों ने उनका अपहरण किया और चेन्नई एयरपोर्ट से पालघर ला आए। वे उन्हें जिंदा जला रहे थे। इसी दौरान कुछ लोगों की नज़र पड़ गई तो आरोपी अधजली हालत में उन्हें वहीं छोड़कर भाग निकले।
पालघर से महाराष्ट्र तक खंगाले गए कैमरे
नौसैनिक सूरज की मौत की जांच के लिए पुलिस ने पालघर से लेकर चेन्नई तक कई सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। पालघर एसपी के मुताबिक सूरज की मौत मामले की जांच के लिए सौ पुलिसकर्मियों को लगाया गया था। इनमें से छह लोगों की टीम चेन्नई गई थी। उन्हें जो सीसीटीवी फुटेज मिले उनमें सूरज आराम से एयरपोर्ट के बाहर टहलते हुए नजर आ रहे थे। पुलिस को एटीएम, बस स्टॉप, होटल और दूसरी जगहों पर लगे सीसीटीवी के फुटेज में भी सूरज अकेले घूमते हुए नजर आए। यही नहीं सूरज महाराष्ट्र के तलासरी के पेट्रोल पंप से बोतलों में डीजल लेते हुए भी कैमरों की फुटेज में दिखे। इस मामले में पुलिस ने कई लोगों से पूछताछ की। लेकिन सबने घटना की जानकारी नहीं होने की बात कही।
जारी है जांच
पालघर पुलिस ने कहा है कि हालांकि अभी तक सूरज के अपहरण या हत्या के सबूत नहीं मिले हैं, यह साफ लग रहा है कि उन्होंने आत्महत्या की लेकिन पुलिस की जांच जारी है। इस मामले की अन्य सभी पहलुओं को देखा जा रहा है। यदि कोई नया सुराग मिलता है तो नए सिरे से जांच की जाएगी।
ये हुआ था
सूरज 2 जनवरी को छुट्टी पर अपने घर आए थे। 30 जनवरी को वह पलामू से अपने कार्यस्थल कोयंबटूर जाने के लिए निकले थे। चेन्नई पहुंचने के बाद उन्होंने परिजनों को इसकी जानकारी दी थी। इसके बाद उनका मोबाइल स्विच ऑफ बताने लगा। बाद में एक फरवरी 2021 को सूरज दुबे के परिजनों ने पलामू के चैनपुर थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
जांच से मोबाइल नंबर ट्रैक करने पर उनका लास्ट लोकेशन मेट्रो स्टेशन मीनमबक्कम चेन्नई दिखा। वहीं अन्य लोकल इंक्वायरी में पता चला कि श्रीधर नामक टैक्सी ड्राइवर ने सूरज दुबे को एनएसजी कैंप ओटेरी थाना के पास छोड़ा था। इसके तीन दिन बाद महाराष्ट्र के पालघर जिले अंतर्गत वेलजीपाड़ा जंगल में सूरज दुबे लगभग 90 प्रतिशत से ज्यादा जली अवस्था में पाए गए। बाद में मुंबई के नौसेना अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
सूरज ने मौत से पूर्व पुलिस को दिए बयान में बताया था कि 30 जनवरी को चेन्नई हवाई अड्डे के बाहर लगभग 11 बजे अज्ञात तीन सशस्त्र लोगों ने सफेद एसयूवी गाड़ी से उन्हें अगवा कर 10 लाख की फिरौती मांगी थी। सूरज ने पैसे देने में असमर्थता जताई। इसके बाद अपहर्ताओं ने तीन दिनों तक उन्हे बंदी बनाकर रखा। इसके बाद जली हुई अवस्था में वे महाराष्ट्र के पालघर स्थित जंगल से में मिले। उन्हें पुलिस ने हॉस्पिटल में एडमिट करवाया था, जहां इलाज के दौरान 6 फरवरी सूरज ने दम तोड़ दिया।