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ओरमांझी हत्याकांड : पीएलएफआई के शूटरों से मनोज ने कराई थी भाजपा नेता की हत्या

रांची जिला भाजपा अनुसूचित जाति-जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष जीतराम मुंडा की हत्या ओरमांझी के साहेर गांव में रहने वाले मनोज मुंडा ने करायी थी। उसके ताल्लुकात पीएलएफआई से भी हैं। हत्या की घटना के बाद...

ओरमांझी हत्याकांड : पीएलएफआई के शूटरों से मनोज ने कराई थी भाजपा नेता की हत्या
हिन्दुस्तान टीम,रांचीSat, 25 Sep 2021 10:21 AM

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रांची जिला भाजपा अनुसूचित जाति-जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष जीतराम मुंडा की हत्या ओरमांझी के साहेर गांव में रहने वाले मनोज मुंडा ने करायी थी। उसके ताल्लुकात पीएलएफआई से भी हैं। हत्या की घटना के बाद हिरासत में लिये गए दो संदिग्धों से पूछताछ में जुटी पुलिस टीम को यह जानकारी मिली है। यह पता चला है कि मनोज के आग्रह पर जीतराम की हत्या के लिए पीएलएफआई ने शूटर भेजे थे। 

जांच में पुलिस को यह पता चला है कि जिस समय जीतराम पुतला दहन कार्यक्रम में शामिल था, उसी समय से उसकी गतिविधि पर दो अपराधी नजर रखे हुए थे। वह जैसे ही पुतला दहन के बाद निकला और पालू के एक होटल में राजिकशोर के साथ बैठा, इसकी जानकारी शूटरों को दे दी गई। मनोज मुंडा होटल के समीप कार से और शूटर मोटरसाइिकल से पालू में होटल के समीप पहुंचे थे। मनोज उस समय अपनी गाड़ी में ही बैठा रहा और शूटर सड़क के दूसरे छोर पर अपने साथी को मोटरसाइिकल के साथ मुस्तैद रखकर होटल पहुंचा। वहां उसने जीतराम के सिर पर निशाना कर गोली चलायी और वापस सड़क पार कर मोटरसाइिकल से रांची की ओर भाग निकला था। गोली जीतराम के सिर को भेदते हुए दूसरी ओर निकली और समीप में बैठे होटल संचालक राजकिशोर साहू की हथेली में जा धंसी थी। आरंभिक छानबीन के बाद यह तय हो गया है कि हत्या मनोज के इशारे पर हुई थी। अब पुलिस की तकनीकी इकाई कॉल डिटेल्स और अन्य वैज्ञानिक विधि के जरिए फरार मनोज तक पहुंचने के प्रयास में जुट गई है। हालांकि पुलिस होटल संचालक की संलिप्तता की भी गहराई से छानबीन कर रही है। घटना के बाद जीतराम की पत्नी ने मनोज मुंडा और दो अज्ञात के खिलाफ ओरमांझी थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी।

पत्नी की मौत मामले में जीतराम पर फंसाने का था संदेह

मामले में फरार मनोज मुंडा को जीतराम पर उसकी पत्नी की हत्या मामले मे फंसाने का संदेह था। मनोज की पत्नी की करंट लगने से मौत हो गई थी। इस मामले में जीतराम को सात साल की कैद हुई थी। उसे शक था कि जीतराम ने ही मामले में उसे फंसाया है। जेल से बाहर निकलने पर उसने जीतराम की हत्या की नीयत से फायर की थी, लेकिन मिस फायर होने की वजह से उस समय जीतराम बच निकला था। पुलिस के मुताबिक मनोज मुंडा की पत्नी और जीतराम पूर्व परिचित थे। संयोग से उसकी शादी जीतराम के साथ नहीं हुई। इसके बावजूद जीतराम, मनोज की पत्नी के साथ लगातार बातचीत करता रहता था। इसकी भनक मिलने पर मनोज ने कई बार जीतराम को चेताया भी था।

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