हे गणेश देवता गलती हो गई माफ कर दें, हाथियों ने एक पैर कुचलकर जिंदा छोड़ा
सिमडेगा थाना क्षेत्र के बढनीजोर/सरहापानी में एक अनोखी घटना सामने आई है। यहां एक किसान अपनी फसल बचाने के चक्कर में जंगली हाथियों के झुंड में फंस गया। हाथियों ने पहले उसका पैर कुचला और उसे भी कुचलने...
सिमडेगा थाना क्षेत्र के बढनीजोर/सरहापानी में एक अनोखी घटना सामने आई है। यहां एक किसान अपनी फसल बचाने के चक्कर में जंगली हाथियों के झुंड में फंस गया। हाथियों ने पहले उसका पैर कुचला और उसे भी कुचलने वाले ही थे कि किसान ने गिड़गिड़ाते हुए माफी मांगी तो हाथियों ने उसे जिंदा छोड़ दिया।
क्या है मामला
बढ़नीजोर गांव में सोमवार की रात जंगली हाथियों का झुंड आ धमका और फसलों को बर्बाद करने लगा। गांव वालों को सूचना मिली तो कई ग्रामीण हाथियों को भगाने निकले। हाथियों की संख्या ज्यादा होने पर ग्रामीण डर के मारे भाग गए। इस बीच ग्रामीण सखन नायक पास की झाड़ियों में छुप गया। हाथियों ने उसे देख लिया और उसपर हमला कर दिया। हाथियों ने सखन का एक पैर कुचल दिया और उसे भी कुचलने ही वाले थे कि सखन दोनों हाथ जोड़कर अपनी जिंदगी की भीख मांगने लगा। उसने हाथियों से गिड़गिड़ाते हुए कहा कि गलती हो गई गणेश देवता हमें क्षमा कीजिए। सखन की याचना सुनकर हाथियों ने उसे नहीं मारा और घायल अवस्था में छोड़ दिया।
खटिया पर लादकर ले जाना पड़ा अस्पताल
केरसई थाना के बढ़नीजोर/सरहापानी गांव में न सड़क है और न ही अन्य सरकारी सुविधाएं। सखन के घायल होने पर लोगों ने किसी तरह उसे खटिया पर लादकर 13 किलोमीटर दूर अस्पताल पहुंचाया। इसकेबाद प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए एम्बुलेंस से बीरु अस्पताल भेजा गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
वन विभाग के अधिकारियों ने दिए इलाज के पैसे
हाथियों के झूंड ने आमोल बिलूंग, हेमराज बिलूंग, लिटिल सोरेंग, एरनेस केरकेटटा, गंदु नायक, सखन नायक, एगनासियुस बिलूंग, किशोर बिलूंग, जेवियर बिलूंग आदि ग्रामीणों के खेतो में लगी फसल को बबार्द कर डाला। इधर घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी बीरु अस्पताल पहुंच कर तत्काल 14 हजार रुपए दिए व बेहतर इलाज का भरोसा दिलाया।