अब अपने गृह जिले में पढ़ा सकेंगे शिक्षक, नियमावली में संशोधन की तैयारी में झारखंड सरकार
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बुधवार को संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सूबे के शिक्षकों को उनके गृह जिले में तबादले की मांग पुरानी है। सरकार शिक्षकों को उनक गृह जिलों में स्थानांतरित करने का...
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बुधवार को संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सूबे के शिक्षकों को उनके गृह जिले में तबादले की मांग पुरानी है। सरकार शिक्षकों को उनक गृह जिलों में स्थानांतरित करने का विचार रखती है। बिना नियमावली में संशोधन के यह मुमकिन नहीं है। सरकार सभी पहलुओं पर विचार करके नियमावली में संशोधन पर विचार करेगी। उन्होंने यह जानकारी विधायक मथुरा महतो के ध्यानाकर्षण पर दी।
विधायक मथुरा महतो का सवाल था कि सरकार शिक्षकों के गृह जिले में स्थानांतरण पर क्या विचार रखती है। साथ ही क्या इसके लिए नियमावली में संशोधन करेगी। उनका समर्थन करते हुए विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि सरकार विशेष परिस्थिति में स्थानांतरण करते का विकल्प नियमावली में संशोधन करके जोड़ सकती है। बंधु तिर्की, अमित यादव और सुदिव्य कुमार सोनू ने भी नियमावली में संशोधन पर जोर दिया।
पोर्टल पर आवेदन कर सकेंगे शिक्षक
संसदीय कार्य मंत्री से पहले प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने जवाब देते हुए कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति जिलों में रिक्तियों के आधार पर रोस्टर क्लीयर करके की गई थी। सरकार ने एक पोर्टल बनाया है। इसके जरिये शिक्षक स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकेंगे। विशेष परिस्थितियों में स्थानांतरण का निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एकाएक सभी शिक्षकों को गृह जिले में स्थानांतरण की सुविधा दी जाएगी तो असंतुलन पैदा हो जाएगा।
पिक एंड चूज होगा
गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा पोर्टल के माध्यम से आवेदन होने पर शिक्षकों का स्थानांतरण अधिकारियों के रहमोकरम पर निर्भर हो जाएगा। पिक एंड चूज के तहत तबादले होने लगेंगे।