ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News झारखंडझारखंड में साल-2019 के पहले की रिक्तियों में सवर्णों को आरक्षण नहीं: हाईकोर्ट

झारखंड में साल-2019 के पहले की रिक्तियों में सवर्णों को आरक्षण नहीं: हाईकोर्ट

झारखंड के विभिन्न कार्य विभागों में सहायक अभियंता के वर्ष 2019 के पूर्व की नियुक्तियों में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को ( ईडब्ल्यूएस) को दस प्रतिशत आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। इन्हें केंद्र...

झारखंड में साल-2019 के पहले की रिक्तियों में सवर्णों को आरक्षण नहीं: हाईकोर्ट
Ajay Singhहिन्‍दुस्‍तान टीम ,रांची Fri, 22 Jan 2021 10:26 AM
ऐप पर पढ़ें

झारखंड के विभिन्न कार्य विभागों में सहायक अभियंता के वर्ष 2019 के पूर्व की नियुक्तियों में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को ( ईडब्ल्यूएस) को दस प्रतिशत आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। इन्हें केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के बाद की नियुक्ति में ही लाभ दिया जा सकता है। गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया। इसके साथ ही जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने सरकार के विभिन्न कार्य विभागों में सहायक नियुक्ति के लिए निकाले गए विज्ञापन को निरस्त कर दिया। साथ ही सरकार को 50 फीसदी और ईडब्ल्यूएस के लिए दस प्रतिशत आरक्षण के लाभ के साथ अलग-अलग विज्ञापन निकालने का आदेश दिया। सहायक अभियंताओं की परीक्षा 22 जनवरी से पूरे राज्य में होने वाली थी।

अदालत ने कहा कि केंद्र की अधिसूचना के बाद की रिक्तियों में 60 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया जा सकता है। अदालत ने सरकार को संशोधित अधियाचना जेपीएससी को भेजने और उसके अनुसार ही जेपीएससी को फिर से विज्ञापन जारी करने की निर्देश दिया है। इस संबंध में रंजीत कुमार सिंह और अन्य ने याचिका दायर की थी। प्रार्थियों का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता सौरभ शेखर ने कहा था कि सहायक अभियंताओं की नियुक्ति के लिए निकाले गए विज्ञापन में ईडब्ल्यूएस के लिए दस प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करते हुए आरक्षण की सीमा 60 फीसदी कर दी गयी है। जबकि यह रिक्तियां 2015 से लेकर 2019 तक की है। 2019 के पहले की रिक्तियों में आर्थिक रूप से पिछड़ों को भी आरक्षण का लाभ दिया गया है, जो गलत है। इस पर सभी लोगों का पक्ष सुनने के बाद 14 दिसंबर को सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

याचिका में कहा गया था कि झारखंड सरकार ने अपने विभिन कार्य विभागों (पीडब्ल्यूडी, पीएचईडी, आरईओ) में 594 पदों पर सहायक अभियंताओं की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला है। विज्ञापन में कहा गया है कि इन नियुक्तियों में 50 प्रतिशत आरक्षण के साथ दस प्रतिशत सीट आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए है। प्रार्थियों का कहना था कि यह नियुक्ति वर्ष 2020 के लिए नहीं है। नियुक्ति 2015 से लेकर 2019 तक के रिक्त पदों के लिए है। केंद्र ने वर्ष 2019 में आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए दस प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। इस कारण 2019 के पूर्व की रिक्तियों में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। झारखंड सरकार ने वर्ष 2019 में वर्ष 2015 से रिक्त वैकेंसी को क्लब करते हुए वर्ष 2019 में नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि इसमें 50 फीसदी के साथ दस फीसदी आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए भी रहेगा जो कि उचित नहीं है। जबकि सरकार का कहना था कि वैकेंसी वर्ष 2019 में निकाली गयी है। इस कारण आर्थिक रूप से पिछड़ों को दस प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। जेपीएससी की ओर से बताया गया कि नयी नियुक्तियों में नए प्रावधान को लागू किया गया है।

जेपीएससी ने परीक्षा स्थगित की
हाईकोर्ट के विज्ञापन रद्द करने के बाद झारखंड लोक सेवा आयोग ने 22 जनवरी से शुरू होने वाली सहायक अभियंताओं की नियुक्ति परीक्षा स्थगित कर दी है। जेपीएससी के सचिव ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि अब कोर्ट के आदेश का अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। तब तक के लिए परीक्षा स्थगित की जाएगी। परीक्षा के लिए नया आदेश बाद में जारी किया जाएगा। हाईकोर्ट ने सहायक अभियंताओं की नियुक्ति परीक्षा के लिए विज्ञापन रद्द कर दिया है। विज्ञापन रद्द करने के साथ ही नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया अब दोबारा की जाएगी।

विधानसभा चुनाव 2023 के सारे अपड्टेस LIVE यहां पढ़े