रिम्स के पेइंग वार्ड में आधा घंटा ठप रही ऑक्सीजन सप्लाई, बाल-बाल बचे 69 मरीज
ऑक्सीजन की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही। रिम्स के पेइंग वार्ड में मंगलवार को अचानक ऑक्सीजन खत्म हो गया। मरीजों को आधा घंटा बिना ऑक्सीजन के ही रहना पड़ा, पर इस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ। आधे...

ऑक्सीजन की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही। रिम्स के पेइंग वार्ड में मंगलवार को अचानक ऑक्सीजन खत्म हो गया। मरीजों को आधा घंटा बिना ऑक्सीजन के ही रहना पड़ा, पर इस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ। आधे घंटे के बाद किसी तरह तीन जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की गई, जिसके बाद तीन जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर के जरिए ही मैनीफोल्ड सिस्टम से सप्लाई की गया। 2 घंटे बाद सिलेंडर रिफिल कर मंगाया गया, उसके बाद मरीजों को फुल फ्लो में सप्लाई दी जा रही है।
और देर होती तो हो सकता था बड़ा हादसा
ऑक्सीजन सिलेंडर को लगाने में थोड़ी देर और होती तो बड़ा हादसा हो सकता था। रिम्स से 20 जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर को रिफिलिंग के लिए भेजा गया था। रिम्स प्रबंधन को जब अचानक ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म होने की सूचना मिली तो प्रबंधन हरकत में आया। हड़बड़ी में एंबुलेंस से तीन जंबो सिलेंडर पहले रिफिल कर लाया गया, जिसके बाद राहत की सांस ली गई। थोड़ी और देर होने पर बड़ा हादसा हो सकता था।
रिम्स के पेइंग वार्ड में 69 मरीज थे भर्ती
रिम्स के पेइंग वार्ड में कुल 69 मरीज भर्ती हैं। सभी को ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही है। ऐसे में ऑक्सीजन का खत्म हो जाना रिम्स प्रबंधन की लापरवाही को दर्शाता है। बता दें कि मेनिफोल्ड सिस्टम से रिम्स स्थित पेइंग वार्ड में ऑक्सीजन की सप्लाई होती है।
ट्रामा सेंटर में लिक्विड प्लांट से होता है सप्लाई
रिम्स के ट्रामा में लिक्विड प्लांट के जरिए ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है। ट्रामा सेंटर के इंचार्ज ने बताया कि ट्रामा सेंटर में पर्याप्त व्यवस्था है। किसी तरह की कोई समस्या नहीं होगी, पर रिम्स में कई बार मरीजों को बाहर से ऑक्सीजन लाने को कहा जा चुका है। कई बार मरीज एहतियात के तौर पर ही अपने साथ सिलेंडर लेकर रिम्स में भर्ती होने पहुंचते हैं।
