बिहार की तरह झारखंड में लागू हो शराबबंदी : नीतीश कुमार
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने झारखंड में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को जीत के लिए पांच मंत्र दिये हैं। रांची में शनिवार को पार्टी कार्यकर्ता सम्मेलन में उन्होंने...
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने झारखंड में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को जीत के लिए पांच मंत्र दिये हैं। रांची में शनिवार को पार्टी कार्यकर्ता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि राज्य में सीएनटी व एसपीटी एक्ट के साथ छेड़छाड़ और समझौता न हो। राज्य में बिहार की तर्ज पर पूर्ण शराबबंदी लागू हो। प्रमंडलवार विकास की रणनीति बने। पिछड़ों व अतिपिछड़ों को 27 फीसदी आरक्षण और बुनकरों समेत अल्पसंख्यकों के लिए विशेष योजनाएं चलें।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य के लिए विकास के लिए शराबबंदी जरूरी है। पार्टी के कार्यकर्ता इसका संकल्प लें और इसे अभियान के रूप में चलायें। शराबबंदी आदिवासी समाज का भी अभियान रहा है। जतरा टाना भगत ने शराबबंदी से समाज सुधार के लिए 1917 में आंदोलन किया था, जिसका साथ महात्मा गांधी ने दिया था। भगवान बिरसा मुंडा से लेकर डॉ रामदयाल मुंडा तक शराब का विरोध किया था।
उन्होंने आगे कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट के साथ कोई समझौता या छेड़छाड़ नहीं होना चाहिए। इसमें आदिवासी समाज की 54 जातियां आती है। उन पर सीधा असर पड़ेगा और आदिवासी व मूलवासी अपने ही राज्य से बेदखल हो जायेंगे। राज्य के प्रमंडलों के लिए अलग-अलग विकास की रणनीति बने। पलामू सूखे की चपेट में रहता है, वहां विशेष अभियान चले। नीतीश कुमार ने कहा कि झारखंड में बुनकरों की स्थिति सही नहीं है। उनके उत्थान के लिए काम होना चाहिए, जिससे उनके जीवन में बदलाव आयेगा।
विधानसभा चुनाव के लिए झारखंड जदयू अधिकृत
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए राज्य जदयू को अधिकृत किया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के बारे जो निर्णय लेना है राज्य ईकाई तय करेगी। चुनाव लड़ने के लिए साथियों का चयन, उन्हें तैयार करने से लेकर कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना है इसका भी निर्णय राज्य ईकाई करेगी। जदयू की राष्ट्रीय ईकाई सफलता के लिए पूरा सहयोग करेगी।
राज्य के विकास व जीत के लिए दिये पांच मंत्र
- सीएनटी और एसपीटी एक्ट में छेड़छाड़ और समझौता न हो
- राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू हो
- प्रमंडलवार क्षेत्रीय विकास की बने रणनीति
- पिछड़ों और अति पिछड़ो को मिले 27 फीसदी आरक्षण
- बुनकरों समेत अल्पसंख्यकों के विकास पर जोर