नौ साल बाद अपनों से मुलाकात, दिल्ली से भटककर हिसार पहुंच गई थी सिमडेगा की युवती
नौ साल पहले दिल्ली से भटककर हिसार पहुंच गई सिमडेगा की युवती की मुलाकात अब अपने परिवार से हुई है। सदर थाने में नौ साल बाद एक बेटी का मिलन अपनी मां और भाई बहनों से हुआ तो पूरा माहौल गमगीन हो गया। इस...
नौ साल पहले दिल्ली से भटककर हिसार पहुंच गई सिमडेगा की युवती की मुलाकात अब अपने परिवार से हुई है। सदर थाने में नौ साल बाद एक बेटी का मिलन अपनी मां और भाई बहनों से हुआ तो पूरा माहौल गमगीन हो गया। इस मुलाकात में सिमडेगा पुलिस का मानवीय चेहरा समाज के सामने नजर आया है।
सदर थाना प्रभारी दयानंद कुमार के अनुसार मेरोमलोया गांव की सिबरी केरकेटटा नामक महिला की बेटी 2011 में अपने परिवार से बिछड़ गई थी। दिल्ली में बिछड़ी बेटी इरमा भटककर हरियाणा के हिसार पहुंच गई थी।
हिसार में इरमा को एक नेकदिल इंसान अनिल शर्मा ने जब भटकते हुए देखा तो उसे अपने घर ले आया। बाद में अनिल ने इरमा से शादी भी कर ली। इसी बीच अनिल ने कही से सदर थाना प्रभारी का फोन नम्बर जुगाड कर दयानंद कुमार से फोन पर बात कर इरमा के भटकने की जानकारी देते हुए उसके मां बाप और परिजनों को खोजने की गुहार लगाई।
अनिल की नेकदिली देख थाना प्रभारी दयानंद कुमार ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया। आखिरकार मेरोमलोया गांव में इरमा के परिवार को खोज निकाला। इरमा के परिवार में इरमा की मां सिबरी केरकेटटा के अलावा उसकी बहन इलिमा, सुचिता और एलेक्सीया और भाई रोबिन हैं। इरमा के पिता पियुष केरकेटटा की मृत्यु हो चुकी है। परिवार मिल जाने के बाद थाना प्रभारी दयानंद कुमार ने अनिल शर्मा को उसकी जानकारी दी।
जानकारी मिलते ही अनिल अपनी पत्नी इरमा के साथ सिमडेगा पहुंचा और सदर थाने में ही पुलिस और अनिल की उपस्थिति में वर्षो बाद मां और बेटी का मिलन हुआ। वर्षो बाद बेटी इरमा अपनी मां से गले मिलीं तो पूरा माहौल भावपूर्ण हो गया।
दो बच्चों की मां बन चुकी है इरमा
जब दस वर्ष पहले इरमा दिल्ली में अपने परिवार से बिछुडी थी तो इरमा एक बेसहारा युवती के रूप में भटकते हुए हरियाणा के हिसार पहुची थी। पागलों की तरह बेसुध घूमती बेसहारा इरमा पर हिसार के ही अनिल शर्मा की नजर पड़ी। अनिल ने इरमा की मदद करते हुए उसे अपने घर लाया और देखभाल की। इसी बीच अनिल ने इरमा से शादी भी रचा ली। दोनों पूरी खुशी के साथ अपना वैवाहिक जीवन बिता रहे थे।
शादी के बाद इरमा ने दो बच्चों को भी जन्म दिया। वर्षों बाद मां से मिलने के बाद इरमा ने कहा कि मां बनने के बाद उसे पता चला कि मां की ममता क्या होती है। और मां के दिल में बच्चो के लिए क्या तड़प होती है। इसी तड़प को महसूस करने के बाद उसके दिल में अपनी मां और परिवार वालों से मिलने की इच्छा जगी थी। जिसे उनके पति ने सिमडेगा पुलिस की मदद से पूरा किया।