रांची के चार बड़े कारोबारियों के ठिकानों पर एनआईए का छापा
चतरा की मगध- आम्रपाली कोल परियोजना में उगाही के मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी(एनआईए) ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मंगलवार की सुबह एनआईए की टीम ने कोयला परिवहन में लगी कंपनी के अधिकारियों व...
चतरा की मगध- आम्रपाली कोल परियोजना में उगाही के मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी(एनआईए) ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मंगलवार की सुबह एनआईए की टीम ने कोयला परिवहन में लगी कंपनी के अधिकारियों व मैनेजरों के घर व दफ्तरों पर छापेमारी की। रांची, हजारीबाग, जमशेदपुर, दुर्गापुर में 15 ठिकानों पर छापेमारी की गई। एनआईए की टीम ने हजारीबाग में बीजीआर कंपनी के जीएम रघुराम रेड्डी के किराए के मकान को भी सील किया है।
छापेमारी के दौरान टीपीसी और पीएलएफआई को दिए गए लेवी संबंधी डायरी बरामद की गई है। एनआईए ने छापेमारी के दौरान अलग अलग ठिकानों से कुल 68 लाख रुपये की बरामदगी की है। बरामद नोट में 10 हजार सिंगापुरी डॉलर, 1300 यूएस डॉलर व 86 हजार के पुराने नोट शामिल हैं। एनआईए के अधिकारियों के मुताबिक, छापेमारी के दौरान बैंक खाते, फिक्सड डिपोजिट, कंप्यूटर में लेवी दिए जाने संबंधी खाता बही, हार्ड डिस्क, मोबाइल की बरामदगी भी हुई है।
बिंदू गंझू ने खोला है बड़ा राज : राज्य पुलिस मुख्यालय के प्रस्ताव पर एनआईए कोल परियोजनाओं में टीपीसी संगठन के लेवी वसूली की जांच कर रही है। रांची में बिरसा चौक से गिरफ्तार हुए बिंदू गंझू ने कोल परियोजनाओं में बड़े अधिकारियों व कोल परियोजना में परिवहन का काम कर रही कंपनी की मिलीभगत से लेवी वसूली व काली कमायी की जानकारी एनआईए को दी थी। बिंदू के खुलासेके आधार पर ही एनआईए ने मंगलवार को कार्रवाई की है। एनआईए ने केस नंबर आरसी 6/18 के मामले में कार्रवाई की है।
आम्रपाली व उरीमारी कोल खनन को लेकर की थी सांठगांठ: बीजीआर कंपनी के जीएम रघुराम रेड्डी ने आम्रपाली व उरीमारी कोल खनन परियोजना को धरातल पर उतारने में टीपीसी के साथ साठगांठ की थी। उनपर प्रतिबंधित संगठन को संरक्षण देने का आरोप भी लगा था। करोड़ों की लेवी वसूली में रेड्डी की मिलीभगत का आरोप है। एक वर्ष पूर्व रेड्डी के बयान से पूरे राज्य में सनसनी फैल गई थी। जिसमें उन्होंने कोयले की काली कमाई का हिस्सेदार मंत्री संतरी से लेकर पुलिस व प्रेस को बताया था। यह भी कहा था कि ऐसा नक्सली गठजोड़ से हो रहा है। फरवरी में टंडवा थाना में लेवी वसूली के लिए गठित कमेटियों पर भी केस दर्ज हुआ था। इस केस की जांच अब एनआईए कर रही है। देखें