झारखंड में 6 लाख स्कूली बच्चों को नहीं मिला ड्रेस का पैसा, नए सत्र से बदल जाएंगे नियम
झारखंड में तकरीबन 6 लाख स्टूडेंट्स को ड्रेस का पैसा नहीं मिला है। ऐसी कई समस्याओं को देखते हुए इस सत्र से नियम में बदलाव कर ड्रेस के लिए पैसे की जगह ड्रेस ही देने पर विचार बन रहा है।

झारखंड के करीब छह लाख बच्चों को यूनिफार्म का पैसा नहीं मिल सका है। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की और से कई बार रिमाइंडर दिये जाने के बाद भी सभी बच्चों को राशि नहीं दी जा सकी।
यूनिफार्म का पैसा बच्चों के बैंक खाते में दिया गया था। जिन बच्चों का बैंक खाता नहीं था उनके लिए विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में राशि दी गई, लेकिन अभी भी सौ फीसदी बच्चों को ड्रेस मुहैया नहीं हो पायी है। स्थिति यह है कि सुदुर-ग्रामीण के स्कूलों के साथ-साथ राजधानी के स्कूलों के बच्चे भी पुराने यूनिफार्म में दिख जाते हैं।
राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में करीब 40 लाख बच्चे नामांकित हैं। इसमें से 34 लाख बच्चों को पोशाक की राशि या फिर पोशाक मिल गई, लेकिन बाकी बच्चे इससे लाभांवित नहीं हो सके हैं। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने जिन बच्चों का बैंक खाता नहीं है उनके अभिभावकों के खाते में राशि भेजने का भा निर्देश दिया था, लेकिन यह भी सफल नहीं हो सका।
नए सत्र में बदल सकता है नियम
राज्य प्रारंभिक स्कूलों में पहली से आठवीं के बच्चों को नए सत्र में भी पोशाक देने की सरकार की तैयारी है। पोशाक देने में इस बार प्रक्रिया में बदलाव भी किया जा सकता है। अब तक राशि बच्चों के बैंक खाते में जाती थी और दो जोड़ी पोशाक के लिए 600 रुपये ही दिये जाते हैं। दिवंगत शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो पोशाक की राशि बढ़ाने के पक्ष में थे। शिक्षा विभाग ने तय किया था कि इतनी महंगाई में 600 रुपये में दो जोड़ी यूनिफार्म मिलना संभव नहीं है।
नए सत्र में ड्रेस के साथ बैग भी
जानकारी के अनुसार नए शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद इस बार स्कूली बच्चों को बैग भी दिया जाएगा। बैग हर दो साल में बच्चों को दिया जाता है। इसके लिए भी टेंडर की प्रक्रिया निकलेगी और स्कूलों तक बैग पहुंचेगी। क्लास वार बैग की कीमत भी अलग-अलग तय है, उसी अनुसार बैग बच्चों को उपलब्ध कराए जाएंगे।