ट्रेंडिंग न्यूज़

अगला लेख

अगली खबर पढ़ने के लिए यहाँ टैप करें

Hindi News झारखंडझारखंड में खुफिया इनपुट पर होगा नक्सलियों का सफाया, क्या-क्या तैयारियां

झारखंड में खुफिया इनपुट पर होगा नक्सलियों का सफाया, क्या-क्या तैयारियां

रांची से सटे उग्रवाद प्रभावित जिलों की सीमाओं पर अब पुलिस पिकेट बनाए जाएंगे। पिकेट में केंद्रीय सुरक्षा बल के अलावा सैफ और झारखंड पुलिस को मिलाकर करीब एक दर्जन जवानों की तैनात होगी।

झारखंड में खुफिया इनपुट पर होगा नक्सलियों का सफाया, क्या-क्या तैयारियां
Devesh Mishraहिन्दुस्तान,रांचीMon, 12 Aug 2024 07:05 AM
ऐप पर पढ़ें

झारखंड में भाकपा माओवादी समेत अन्य उग्रवादी समूहों के खिलाफ खुफिया सूचनाओं पर आधारित अभियान को तेज किया जाएगा। राज्य पुलिस मुख्यालय के अधीन स्पेशल ब्रांच की शाखा एसआईबी को सशक्त कर अभियान चलाने पर जोर दिया जाएगा, ताकि सारंडा और उसके आसपास के इलाकों में बचे-खुचे नक्सलियों का सफाया किया जा सके।

राज्य पुलिस मुख्यालय में 13 अगस्त को नक्सल अभियान को लेकर डीजीपी अनुराग गुप्ता बैठक करेंगे। बैठक में स्पेशल ब्रांच के अधिकारियों के साथ-साथ सभी रेंज आईजी, प्रक्षेत्रीय डीआईजी और नक्सल प्रभाव वाले जिलों के एसपी मौजूद रहेंगे। बैठक में यह समीक्षा की जाएगी की स्पेशल ब्रांच और एसआईबी की सूचनाओं के आधार पर कितने अभियान योजनाबद्ध तरीके से चलाए गए। कितने अभियान के दौरान किस तरह की सफलता मिली। साथ ही बैठक में टारगेट बेस्ड अभियान को लेकर रणनीति पर चर्चा होगी।

झारखंड के जिलों में क्या है नक्सलवाद की स्थिति
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने माओवाद प्रभाव व इससे हालिया मुक्त जिलों को तीन श्रेणियों में बांटा है। सर्वाधिक नक्सल प्रभाव वाले जिलों के अलावा जिन जिलों में मामूली तौर पर नक्सली रह गए हैं, उन्हें डिस्ट्रिक्ट ऑफ कंसर्न में, जबकि वे जिले जो नक्सल मुक्त घोषित होने के बाद भी संगठनों की गतिविधियां जारी हैं, उसे लेग्सी एंड थ्रष्ट डिस्ट्रिक्ट वाले जिलों की श्रेणी में रखा गया है।

उग्रवाद प्रभावित इलाकों में बनेंगे पिकेट
रांची पुलिस ने उग्रवादियों और स्प्लिन्टर्स ग्रुप पर शिकंजे की तैयारी शुरू कर दी है। रांची से सटे उग्रवाद प्रभावित जिलों की सीमाओं पर अब पुलिस पिकेट बनाए जाएंगे। पिकेट में केंद्रीय सुरक्षा बल के अलावा सैफ और झारखंड पुलिस को मिलाकर करीब एक दर्जन जवानों की तैनात होगी। रांची पुलिस इसका प्रस्ताव तैयार कर जल्द ही पुलिस मुख्यालय को भेजेगी। मुख्यालय से सहमति मिलते पिकेट खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

बता दें कि हाल के दिनों में उग्रवादी और आपराधिक घटनाओं को देखते हुए डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश के आलोक में रांची पुलिस पिकेट खोलने की तैयारी में जुट गई है। रांची के डीआईजी अनूप बिरथरे के अनुसार, ग्रामीण इलाकों में उग्रवादी घटनाओं को रोकने की योजना तैयार की जा रही है। इसी के तहत रांची से सटे उग्रवाद प्रभावित जिलों की सीमा पर पिकेट का निर्माण जरूरत के हिसाब से किया जाएगा। इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। प्रस्ताव के मुताबिक रांची-लोहरदगा सीमा, रांची-चतरा सीमा, रांची-हजारीबाग सीमा और रांची खूंटी सीमा पर पुलिस पिकेट बनाने की तैयारी है।

दूरी का फायदा उठाते हैं उग्रवादी
रांची पुलिस के मुख्यालय से बुढ़मू, खलारी समेत अन्य इलाके की दूरी करीब 25 किलोमीटर है। उग्रवादी घटनाओं को अंजाम देने के बाद इसी दूरी का फायदा उठाकर भाग निकलते हैं। हाल ही में बुढ़मू इलाके में बालू घाट में मारपीट और आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया था। सूचना पर जबतक पुलिस पहुंची उग्रवादी फरार हो चुके थे। पुलिस अफसरों का मानना है कि पिकेट नजदीक होने पर उग्रवादी घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस वहां तुरंत पहुंच जाएगी। घेराबंदी कर उग्रवादियों को पकड़ने में आसानी होगी।

विकास कार्य को नहीं कर पाएंगे अवरुद्ध
पुलिस अफसरों के अनुसार, पिकेट नजदीक होने से उग्रवादी सड़क निर्माण समेत सरकार की अन्य योजनाओं की साइट पर हमला करने से पहले बार-बार सोचेंगे। पिकेट बनने से उसके रेंज में आने वाले इलाके में उग्रवादी घटनाओं में कमी आएगी। इससे विकास कार्य भी तेजी आएगी।