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झारखंड में युवा प्रवासियों को संगठन से जोड़ रहे नक्सली, हर घर से मांग रहे एक सदस्य

झारखंड में भाकपा माओवादी संगठन द्वारा खुद को मजबूत करने की लगातार कोशिशें हो रही हैं। कैडरों की कमी को पूरी करने के लिए भाकपा माओवादियों द्वारा गांव-गांव में लौटे प्रवासी मजदूरों को संगठन से जोड़ने...

झारखंड में युवा प्रवासियों को संगठन से जोड़ रहे नक्सली, हर घर से मांग रहे एक सदस्य
रांची। मुख्य संवाददाताSat, 31 Oct 2020 11:52 PM
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झारखंड में भाकपा माओवादी संगठन द्वारा खुद को मजबूत करने की लगातार कोशिशें हो रही हैं। कैडरों की कमी को पूरी करने के लिए भाकपा माओवादियों द्वारा गांव-गांव में लौटे प्रवासी मजदूरों को संगठन से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। भाकपा माओवादियों ने चाईबासा से लेकर भाकपा माओवादियों के वर्चस्व वाले गढ़वा के बूढ़ापहाड़ इलाके तक गांवों में प्रवासियों को संगठन से जुड़ने की नसीहत दी।

 बूढ़ापहाड़ इलाके में माओवादी स्थापना दिवस के मौके पर माओवादी कमांडरों ने गांव के प्रत्येक परिवार से एक-एक सदस्य की मांग की थी। हालांकि राज्य पुलिस मुख्यालय का दावा है कि भाकपा माओवादियों की अपील का अबतक ग्रामीणों पर कोई असर नहीं पड़ा है। बीते दिनों पुलिस मुख्यालय में प्रेस को संबोधित करने हुए डीजीपी एमवी राव ने दावा किया था कि माओवादी संगठन में नई रिक्रूटमेंट नहीं हुई है। चाईबासा में माओवादी संगठन से युवाओं को जोड़ने का विरोध ग्रामीणों ने किया था। 

कैसे खुद को मजबूत करने में जुटे हैं माओवादी : भाकपा माओवादी संगठन ने खुद को मजबूत करने के लिए जो रणनीति बनायी है, उसके मुताबिक गांव-गांव में भाकपा माओवादियों के फ्रंटल आर्गेनाजेशन की बुनियाद फिर से खड़ी करनी है। माओवादियों ने रांची के तमाड़, चाईबासा व सरायकेला में पोस्टरबाजी कर ग्राम मिलिशिया कमेटी को मजबूत करने व इस संगठन को गांव-गांव में खड़ा करने के लक्ष्य की जानकारी दी थी। माओवादियों की अधिकांश एरिया कमेटी झारखंड में काम नहीं कर रही थी। अब वे नए कैडरों को जोड़कर एरिया कमेटी को मजबूत करने में भी जुटे हैं। वहीं, भाकपा माओवादी नेताओं के कार्यक्षेत्र को बदल कर भी संगठन को मजबूत करने का फैसला माओवादियों ने किया है। 

कौन-कौन कहां सक्रिय : वर्तमान में एक करोड़ के इनामी अनल उर्फ पतिराम मांझी, आकाश मंडल उर्फ तिमिर, पोलित ब्यूरो मेंबर प्रशांत बोस, मिसिर बेसरा सरायकेला-खरसांवा, चाईबासा व खूंटी की सीमावर्ती इलाके में कैंप कर रहे हैं। वहीं माओवादी संगठन ने बिहार के माओवादी नेता विवेक आर्या को भी कोयलशंख जोन का प्रभार दिया है, जबकि गढ़वा, लातेहार व छत्तीसगढ़ के बलरामपुर तक फैले बूढ़ापहाड़ की जिम्मेदारी रोहित को दी गई है। बोकारो के मिथलेश को भी कोयलशंख जोन में तैनात किया गया है। पश्चिम बंगाल के माओवादी आकाश मंडल, अनिल महतो के दस्ते के सदस्य भी कोल्हान में ही कैंप कर रहे हैं। 

सीधी मुठभेड़ से बच रहे माओवादी : भाकपा माओवादी पुलिस से सीधी मुठभेड़ से बच रहे हैं। जानकारों के मुताबिक, माओवादी प्रभाव वाले इलाकों में पुलिस की गतिविधियों पर माओवादियों की नजर होती है। बाजार या सुनसान इलाकों में पुलिस की लूज मूवमेंट का फायदा माओवादी उठा रहे हैं। बीते साल से लेकर अबतक पुलिस बलों पर हमले पुलिस की लूज मूवमेंट का ही फायदा उठाकर किए गए हैं। राज्य पुलिस मुख्यालय में इसे लेकर पूर्व में अलर्ट भी जारी किए गए थे। गुरुवार को लोहरदगा में भी गश्ती दल पर माओवादियों ने पूर्व नियोजित साजिश के तहत ही हमला किया था। 
 

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