चुनाव से पहले नक्सल इलाकों में आसमान से भी रखी जाएगी नजर
लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सल गतिविधियों पर लगाम लगाने की तमाम कवायदें हो रही हैं। नक्सली चुनाव में कोई बाधा न डालें इसके लिए नक्सल प्रभावित इलाकों में एयर काम्बिंग की भी तैयारी है। एयर कांबिंग के लिए...
लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सल गतिविधियों पर लगाम लगाने की तमाम कवायदें हो रही हैं। नक्सली चुनाव में कोई बाधा न डालें इसके लिए नक्सल प्रभावित इलाकों में एयर काम्बिंग की भी तैयारी है। एयर कांबिंग के लिए चुनाव से पहले हेलीकॉप्टर भी आएगा। राज्य पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि नक्सलियों के खिलाफ हर कारगर अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मतदान से पहले एयर कांबिंग से लेकर सीमावर्ती राज्यों के साथ मिलकर अभियान चलाया जा रहा है।
क्या है एयर काम्बिंग
इसमें हेलीकॉप्टर से ही निगरानी की जाती है। इससे नक्सलियों की गतिविधियों का पता चल जाता है। इससे नीचे काम कर रही पुलिस की टीम को भी तत्काल सूचना मिल जाती है। नक्सल क्षेत्र को आठ जोन में बांटकर वहां हर जाने में शिविर बनाया जा रहा है। ये शिविर उन इलाकों में बन रहे हैं, जहां से नक्सलियों के आने-जाने की सूचना मिलती रहती है।
झारखंड में जमशेदपुर के पटमदा सहित कई इलाकों को नक्सली गतिविधियों के दृष्टिकोण से संवेदनशील घोषित किया गया है। यहां चुनाव के दौरान अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाएगी। इस बार नक्सली किसी भी तरह से चुनाव से पहले या फिर बाद में मतदान प्रभावित नहीं करें, इसकी व्यापाक स्तर पर तैयारी की जा रही है।
राज्यों की सीमा पर बनेगा चेकनाका
पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों की सीमा पर चेकनाके बनाए जा रहे हैं। इन चेकनाकों पर नक्सलियों के आवागमन को रोकने के साथ ही अवैध शराब की तस्करी को रोकना मकसद है। ये नाके सड़क और जंगल मार्ग दोनों में होंगे। यहां चौबीस घंटे जांच होगी। नक्सलियों की संख्या कम है लेकिन इस बात की भीआशंका है कि अपना वजूद कायम करने के लिए वे कोई ना कोइ्र कदम उठा सकते हैं। इसके तहत पश्चिम बंगाल के 60 और ओडिशा के 80 किलोमीटर की सीमा सील करने की तैयारी है। इन इलाकों को ग्रामीणों को जागरूक भी किया जा रहा है।
पुलिस ने तैयार किया प्रभावित क्षेत्र का खाका
पुलिस ने भी चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए पूरे राज्य में सुरक्षाबलों की 600 कंपनियां तैनात होंगी। अकले जमशेदपुर इलाके में 80 कंपनी मांगी गई है। यहां कई ऐसे इलाके हैं जो अभी भी नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं। ये इलाके बंगाल और ओडिशा सीमा से मिलते हैं। इस कारण तीनों राज्यों की पुलिस पहले से ही कार्रवाई की तैयारी कर चुकी है।
बचा है 17 सदस्यों वाला आकाश का दस्ता
पूर्वी सिंहभूम मे 25 लाख के इनामी आकाश का दस्ता सक्रिय है। इस दस्ते के सदस्यों की सक्रियता पश्चिम मिदिनापुर के जामबनी और पुरुलिया इलाके में भी हाल के दिनों में देखी गई है। इसे लेकर और ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है। सरायकेला-खरसावां का नक्सली दस्ता प्रमुख महाराज प्रमाणिक और सागर से भी आकाश और उसके दस्ते की बैठकों का सिलसिला से जारी है।
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