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ललपनिया में वृद्ध के घर नहीं जल रहा चूल्हा, भूख बिलबिला रहे 

आपदा हमेशा गरीबों के लिए अभिशाप बन कर आती है, और कोरोना तो वैश्विक महामारी है। यह बात अलग है कि लोग इस महामारी से लड़ने के लिए एक साथ खड़े हैं, लेकिन आज भी कई गरीब के घरों में चूल्हा तक नहीं जल पा रहा...

ललपनिया में वृद्ध के घर नहीं जल रहा चूल्हा, भूख बिलबिला रहे 
अनंत कुमार,गोमिया Tue, 07 Apr 2020 01:00 AM
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आपदा हमेशा गरीबों के लिए अभिशाप बन कर आती है, और कोरोना तो वैश्विक महामारी है। यह बात अलग है कि लोग इस महामारी से लड़ने के लिए एक साथ खड़े हैं, लेकिन आज भी कई गरीब के घरों में चूल्हा तक नहीं जल पा रहा है। ऐसा ही एक मामला गोमिया प्रखंड के ललपनिया पंचायत अंतर्गत अय्यर गांव का है। 

सोहराय मांझी और उसकी पत्नी बसंती देवी के घर पिछले तीन दिनों से चूल्हा नहीं जला है। भूख से सोहराय मांझी का पेट सूख सा गया है, जबकि उसकी पत्नी का हाल बेहाल है। यदि भूख से उसकी मौत हो जाय तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। सोहराय मांझी के पास किसी भी तरह का राशन कार्ड नही है न उसे पेंशन ही मिलता है। उसके दो बेटे हैं सुगन हांसदा और जितेंद हांसदा। गरीबी के कारण दोनों बाहर काम करते हैं। लॉकडाउन के कारण वे वापस घर नहीं लौट पाये। घर पर दोनों वृद्ध पति-पत्नी रहते हैं। पिछले तीन दिनों से जब वे घर से नहीं निकले, तब पंसस के पति एवं सामाजिक कार्यकर्ता अनिल हांसदा उसके घर जाकर देखा तो पता चला कि तीन दिनों से वे भूखे हैं। तत्काल उन्हें दाल भात केंद्र से खिचड़ी लाकर खिलाया गया है। मुखिया बबली सोरेन ने बताया कि सोहराय मांझी का राशन कार्ड नही है, और तकनीकी कारणों से पेंशन योजना का भी लाभ नहीं मिलता है। लेकिन तीन दिन से भूखे हैं, इसकी जानकारी नही है। कहा कि तुरंत उसे राशन मुहैया कराया जाएगा। इसी प्रकार गोमिया के पलिहारी गुरुडीह पंचायत अंतर्गत लटकुटा गांव में आठ दस परिवार अत्यंत ही गरीब हैं। इनके पास न तो राशन कार्ड है न इन्हें किसी भी तरह का लाभ मिल रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता नसीम अंसारी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण कोई भी व्यक्ति घर से बाहर नहीं निकल पा रहा है, जिसके कारण लोग अपनी वेदना भी प्रकट नही कर पा रहे हैं।  

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