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सात दिन पहले बना था पिता, पुत्री को देखकर लौट रहा था कि अपराधियों ने कर दी हत्या

झारखंड के खूंटी जिले के घाघरा गांव निवासी रामजीव मुंडा की चार अज्ञात अपराधियों ने लाठी-डंडे से पीटकर और तेजधार हथियार से काटकर हत्या कर दी। इस वारदात में मृतक का चचेरा भाई बेनसे मुंडा घायल हो...

सात दिन पहले बना था पिता, पुत्री को देखकर लौट रहा था कि अपराधियों ने कर दी हत्या
हिन्दुस्तान,खूंटीFri, 26 Jun 2020 02:15 PM
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झारखंड के खूंटी जिले के घाघरा गांव निवासी रामजीव मुंडा की चार अज्ञात अपराधियों ने लाठी-डंडे से पीटकर और तेजधार हथियार से काटकर हत्या कर दी। इस वारदात में मृतक का चचेरा भाई बेनसे मुंडा घायल हो गया है। घटना बुधवार की रात घाघरा-जिकिलता के बीच घटी। गुरुवार को लगभग दस बजे खूंटी के थानेदार जयदीप टोप्पो सशस्त्रबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और मृतक के शव को कब्जे में लेने के बाद परिजनों और ग्रामीणों से पूछताछ कर मामले की जांच शुरू की। हालांकि, पुलिस अब तक हत्या के कारणों और हत्यारों का पता नहीं लगा पाई है। 

घटना के संबंध में मृतक के भाई डिंबा मुंडा ने बताया कि उसके भाई रामजीव मुंडा की पत्नी ने सात दिनों पहले एक बच्ची को जन्म दिया था। उसकी तबीयत खराब है। इस कारण वह अपनी बड़ी ननद के घर साकेडीह में रह रही थी। बुधवार को अपनी पत्नी और बच्ची को देखने के लिए रात के साढ़े आठ बजे वह अपने भांजा डिंबा मुंडा के साथ साकेडीह गया। कुछ देर तक वहां रहने के बाद साकेडीह से अपने चचेरे भाई बेनसे मुंडा और जीजा के बड़े भाई मदन नाग के साथ रात को एक ही बाइक पर तीनों घर आ रहे थे।

धारदार हथियार से काटकर कर दी हत्या

इसी बीच रास्ते में बरगद पेड़ के पास कच्ची सड़क के मोड़ पर जैसे ही उनकी बाइक धीमी हुई, अचानक झाड़ियों के बीच से चार लोग निकले और रामजीव के माथे पर लाठी से प्रहार कर दिया। वह गिर पड़ा। तभी अपराधियों ने बेनसे मुंडा पर भी लाठी चलायी। लेकिन बेनसे घायलावस्था में और मदन नाग पीछे से कुदकर वहां से भाग गए। इधर, अपराधियों ने रामजीव मुंडा को तेजधार हथियार से काटकर उसकी हत्या कर दी।

घटना के बाद घायल बेनसे मुंडा किसी तरह घर पहुंचा और घटना की जानकारी दी। इधर, मदन नाग डर से पूरी रात झाड़ियों में ही छिपा रहा। हालांकि, सूचना मिलने के तत्काल बाद ग्रामीण दुर्घटनासथल तक पहुंचे, लेकिन तब तक अपराधी घटना को अंजाम देने के बाद वहां से भाग निकले थे। 

अफवाह फैली कि पत्थलगड़ी नेता की हत्या

घटना के बाद यह अफवाह फैली कि मृतक रामजीव मुंडा पत्थलगड़ी नेता है। लेकिन इस बात से परिजनों समेत पुलिस ने साफ-साफ इनकार किया है। खूंटी जिले में 172 पत्थलगड़ी नेताओं और समर्थकों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज है। लेकिन इन 172 लोगों में कहीं भी रामजीव मुंडा का नाम नहीं है। ना ही अखबारों में रामजीव मुंडा का नाम पत्थलगड़ी नेता या समर्थक के रूप में सामने आया है।

इतनी शक्ति नहीं कि पति की मौत पर आंसू बहा सकूं

अपराधियों द्वारा मारे गए रामजीव मुंडा की पत्नी नूतन कोंगाड़ी ने सात दिन पहले ही एक नन्हीं परी को जन्म दिया है। रामजीव मुंडा अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता था। उसने लव मैरेज किया था। पत्नी और बच्चे का प्यार उसे खींचकर साकेडीह ले गया था। लेकिन लौटते वक्त अपराधियों ने उसे मौत की नींद सुला दिया। पत्नी के सिर से पति का और अबोध बच्ची के सिर से पिता का साया उठ गया। इस दु:खद घड़ी में भी नूतन कोंगाड़ी की आंखों में आंसू नहीं थे। वह रोने की कोशिश कर तो रही थी, लेकिन इतनी शक्ति नहीं बची थी कि वह रो सके। कारण था कि बच्ची को जन्म देने के बाद उसकी तबीयत काफी खराब हो गई है। वह अपने पैरों पर खड़ी रहने में भी असमर्थ है। उसका चेहरे व बदन में सूजन है। चमड़े लाल हो गए हैं। नूतन को तेज बुखार भी है। नूतन और उसकी छोटी बच्ची को गांव की महिलाएं संभालने में लगीं थीं। पूरा गांव शोक में डूब गया है। हर जुबां पर एक ही बात थी कि सात दिन के अबोध बच्ची के पिता की हत्या करने वाले को ऊपर वाला कभी माफ नहीं करेगा।

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