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दुर्गा पंडाल में हत्या: भीड़ के बीच रंजीत को मारकर आराम से भागे हत्यारे

झारखंड के जमशेदपुर स्थित टेल्को के सबुज कल्याण संघ दुर्गा पूजा पंडाल के बाहर सोमवार दिनदहाड़े अपराधी रंजीत सिंह उर्फ रंजीत सरदार की हत्या से दुर्गा पूजा में शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे है

दुर्गा पंडाल में हत्या: भीड़ के बीच रंजीत को मारकर आराम से भागे हत्यारे
Vishva Gauravहिंदुस्तान,जमशेदपुर।Tue, 04 Oct 2022 07:27 AM
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झारखंड के जमशेदपुर स्थित टेल्को के सबुज कल्याण संघ दुर्गा पूजा पंडाल के बाहर सोमवार दिनदहाड़े अपराधी रंजीत सिंह उर्फ रंजीत सरदार की हत्या से दुर्गा पूजा में शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। पूजा स्थल के बाहर सर्वाधिक भीड़ वाले स्थान पर रंजीत सिंह की हत्या की गई। वारदात के समय मौके पर ढाई सौ से अधिक लोग मौजूद थे, जो दुर्गा प्रतिमा के दर्शन करने और मेला घूमने आए थे। वहां 50 से अधिक दुकानें लगी हैं।

सभी ने शूटरों को ताबड़तोड़ गोली चलाते देखा, लेकिन भय से कोई पुलिस के सामने नहीं आ रहा है। पूजा स्थल और उसके आसपास के इलाके में कमेटी की ओर से 16 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा स्थानीय थाना की ओर से पूजा स्थल पर आधा दर्जन पुलिसकर्मियों की तैनाती भीड़ और विधि-व्यवस्था नियंत्रण के लिए की गई है। इसके बाद भी गोलीबारी और हत्या होना सुरक्षा में बड़ी चूक है।

शूटरों ने दनादन गोली चलाईं। अगर जरा सी भी चूक होती तो गोली भीड़ में श्रद्धालुओं को भी लग सकती थी। पांच गोली चलाने में शूटरों को एक मिनट से ज्यादा समय लगा और पुलिस भी वहां तैनात थी, लेकिन समय गोलीबारी की आवाज सुनकर पुलिसवाले दुबक गए। हत्या के बाद जब अपराधी फरार हो गए तो पुलिस आई। रंजीत की जहां हत्या हुई, वह इलाका कैमरे के रेंज से बाहर था, इस कारण शूटर कैमरे में कैद नहीं हो पाए। शूटरों को पता था कि घटनास्थल कैमरे के दायरे में नहीं है। इस कारण पुलिस शूटरों के भागने वाले रास्ते में लगे कैमरे का फुटेज खंगाल रही है, ताकि सुराग मिल सके।

प्रतिमा दर्शन कर बेटी के साथ घर लौट रहा था रंजीत 
बेटी के साथ सबुज कल्याण संघ आए रंजीत सिंह ने मां दुर्गा का दर्शन कर लिया था। इसके बाद हाथ में चाबी लेकर अपनी कार की ओर जा रहा था, तभी शूटरों ने उसे निशाना बनाया। रंजीत सिंह की बेटी घटना की चश्मदीद है। बेटी के सामने ही शूटरों ने पिता को भून डाला। एकाएक दो तरफ से गोली चलते देख बेटी भी घबरा गई। वह जान की परवाह किए बगैर पिता की ओर दौड़ी, तब तक शूटर अपना काम कर चुके थे। रंजीत लहूलुहान होकर गिर पड़े थे।

हत्या के बाद पंडाल में भीड़ 
पूजा स्थल के बाहर गोलीबारी से सनसनी फैल गई। मेला और पूजा स्थल पर कुछ देर में ही सन्नाटा पसर गया। हालांकि शाम होते-होते पूजा और मेले की रौनक दोबारा लौट आई।

ऑटोमेटिक पिस्टल से मारी गई गोलियां
हत्या में शामिल सारे शूटर प्रोफेशनल थे। पुलिस ने मौके से पांच खोखा भी बरामद किया है, जो ऑटोमेटिक पिस्टल से निकली गोली का बताया जा रहा है। पुलिस के मुताबिक, शूटरों ने रंजीत के सिर, चेहरे और आंख के पास ही सारी गोलियां मारी, ताकि किसी भी सूरत में वह बच नहीं पाए।

आधे घंटे की रेकी में शूटरों ने रची हत्या की साजिश
चश्मदीद के मुताबिक, वारदात में दो बाइक पर सवार चार शूटर शामिल थे। दो शूटर के हाथ में हथियार होने की बात लोग बता रहे हैं। रंजीत सिंह घर से दोपहर में निकलकर टेल्को सबुज कल्याण संघ पहुंचा था। इसके बाद पौने तीन बजे हत्या हुई। पुलिस और परिजनों के मुताबिक, मात्रा आधे घंटे की रेकी में रंजीत की हत्या की गई।

दो ड्रॉप गेट, वाहनों की अनुमति नहीं, फिर कैसे पहुंचे शूटर
भीड़ नियंत्रण के लिए मुख्य सड़क और पूजा स्थल के बाहर दो-दो ड्रॉप गेट बनाए गए हैं। मुख्य सड़क वाले गेट पर एक जमादार और आधा दर्जन एनसीसी कैडेट को लगाया गया है। इसके अलावा पूजा स्थल के बाहर दरवाजे पर कमेटी के प्राइवेट गार्ड तैनात हैं। पूजा स्थल कैंपस में भी पुलिसकर्मियों की तैनाती है। ड्रॉप गेट लगे रहने के कारण किसी भी वाहन को मेले में आने की अनुमति नहीं है। गेट के बाहर बनी पार्किंग में गाड़ियां लगाई जाती हैं। इसके बाद भी शूटर दो अलग-अलग बाइक से वहां कैसे पहुंचे और भागने के समय किसी पुलिसवाले ने उन्हें रोका क्यों नहीं।

घटनास्थल को किया सील
हत्या के बाद टेल्को पुलिस ने घटनास्थल को रस्सी से घेर दिया गया है और वहां पुलिस की भी तैनाती कर दी है। वहां लगी दुकानों को हटा दिया गया है। घटनास्थल की जांच के लिए एफएसएल टीम को बुलाया गया है। जो खून लगी मिट्टी की जांच करेगी। एफएसएल की जांच रिपोर्ट केस डायरी का हिस्सा होगा।

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