वर्ष 1975 में मलेशिया में आयोजित विश्वकप हॉकी में भारत की स्वर्ण पदक विजेता टीम के सदस्य माइकल किंडो नहीं रहे। गुरुवार को राउरकेला स्थित इस्पात जनरल अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। गुरुवार सुबह अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने इलाज के लिए राउरकेला इस्पात जनरल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां साढ़े तीन बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
माइकल किंडो 1975 मलेशिया में आयोजित विश्वकप में स्वर्ण पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के सदस्य थे। इसके अलावा 1972 के ओलंपिक में कांस्य पदक, 1971 विश्व कप में कांस्य पदक, 1973 विश्व कप में रजत पदक जीतने वाली टीम में भी माइकल किंडो शामिल थे। वर्ष 1972 में माइकल किंडो को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
माइकल किंडो का जन्म झारखंड के सिमडेगा जिले के कुरडेग प्रखंड अंतर्गत बैघमा गांव में हुआ था। नौसेना के नौकरी करते हुए वे भारतीय टीम तक पहुंचे थे। सेना से 1972 में सेवानिवृत्ति के बाद करीब पांच वर्षों तक भारतीय रेलवे में सेवा दी। इसके बाद वर्ष 1997 में राउरकेला स्टील के खेल विभाग में उनकी नियुक्ति हुई थी। वर्ष 2004 में आरएसपी से वे सेवानिवृत्त हो गये। वे राउरकेला के सेक्टर-6 में परिवार के साथ रहते थे।
माइकल किंडो का निधन भारतीय हॉकी टीम के लिए बड़ी क्षति मानी जा रही है। माइकल किंडो भारतीय हॉकी टीम की रक्षा पंक्ति के थे और उनकी विश्व की बेहतर रक्षक में गिनती होती थी। शुक्रवार को राउरकेला में उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा।